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12वीं के बाद इन क्षेत्रों में बना सकते हैं बेहतर भविष्य

raghvendra
Published on: 28 Sept 2018 5:06 PM IST
12वीं के बाद इन क्षेत्रों में बना सकते हैं बेहतर भविष्य
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12वीं के बाद छात्रों को सबसे ज्यादा यह तनाव रहता है कि आगे वे क्या पढ़ें जिससे भविष्य अच्छा हो। कई बार छात्र अपने माता-पिता, रिश्तेदारों और दोस्तों की सलाह पर कोर्स का चयन करते हैं, लेकिन बेहतर तब होता है जब छात्र अपने कॅरियर को ध्यान में रखकर आगे की पढ़ाई का फैसला खुद करें।

प्राय: लोगों के मन में यह धारणा बन चुकी है कि आट्र्स पढक़र अच्छा भविष्य नहीं बन पाता है। कॅरियर बनाने के लिए कोई जरूरी नहीं है कि आप कामर्स, साइंस या अंग्रेजी और मैथ के ही छात्र हों। अगर आप आट्र्स के छात्र हैं और इसी क्षेत्र में कॅरियर बनाना चाहते हैं तो इस क्षेत्र में भी कॅरियर बनाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।

1. इवेंट मैनेजमेंट: अगर आपको पार्टियों में जाना-आना, जश्न मनाना अच्छा लगता है तो इसमें भी कॅरियर बना सकते हैं। इवेंट मैनेजमेंट ग्लोबल लेबल पर तेजी से बढऩे वाला क्षेत्र है।

इसमें संभावनाओं की कमी नहीं है, बस आपके पास अच्छा प्लान होना चाहिए। आपके पास इमेजिनेटिव स्किल्स, टाइम मैनेजमेंट, टीम स्प्रीट, मैनेजमेंट स्किल्स होना चाहिए। आप इसमें डिग्री कोर्सेज और डिप्लोमा दोनों कर सकते हैं।

इंस्टीट्यूट्स

  • एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट
  • इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट

2. मैनेजमेंट: यह आम धारणा है कि मैनेजमेंट की पढ़ाई कॉमर्स स्ट्रीम वाले स्टूडेंट्स करते हैं, मगर ऐसा नहीं है। अगर आप मैनेजमेंट कोर्स करना चाहते हैं तो आप बीबीए यानी बैचलर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, बीबीएम यानी बैचलर इन बिजनेस मैनेजमेंट और बैचलर इन बिजनेस स्टडीज की पढ़ाई कर सकते हैं।

इन कोर्सेज को करने के बाद आप इनसे संबंधित कंपनियों में नौकरी कर सकते हैं या ग्रेजुएशन के बाद एमबीए कर सकते हैं।

इंस्टीट्यूट्स

  • इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज
  • क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
  • एसआरएम यूनिवर्सिटी

3. ऑडियो विजुअल मीडिया एंड एनिमेशन कॉर्सेज: यह कॅरियर जर्नलिज्म, फिल्म इंडस्ट्री, ब्रांड प्रोमोशन, फोटोग्राफी से जुड़ा हुआ है। अगर आपके पास क्रिएटिव स्किल्स हैं तो आप इसमें आ सकते हैं।

आट्र्स के क्षेत्र में उभरता हुआ यह करियर जॉब देने में भी आगे है। इस कोर्स को करने के बाद आप चाहेंगे तो खुद का बिजनेस शुरू कर सकते हैं और काफी मोटी कमाई भी कर सकते हैं।

इंस्टीट्यूट्स

  • मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर, जामिया
  • रबीन्द्र भारती यूनिवर्सिटी
  • फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टीट्यूट

4. टूरिज्म: हमारे देश या विदशों में भी टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए काफी रुपये इंवेस्ट किए जा रहे हैं। टूरिज्म क्षेत्र को बेहतर प्रोफेशनल्स की जरुरत है जो इस फील्ड की चुनौतियों को समझता हो। यहां टूरिस्ट गाइड से लेकर मैनेजमेंट तक में काम करने के मौके मिलेंगे।

इंस्टीट्यूट्स

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रैवेल मैनेजमेंट
  • एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेवेल एंड टूरिज्म
  • स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज

5. बैचलर इन सोशल वर्क: देश भर में एनजीओ का तेजी से विकास हो रहा है। विदेशी एनजीओ भी भारत में तेजी से अपना काम बढ़ा रहे हैं। अगर आपकी दिलचस्पी सोशल वर्क में है तो आपके लिए इससे बेहतर कॅरियर कुछ हो ही नहीं सकता है।

इस क्षेत्र में कई संगठन किसी एक क्षेत्र में काम करते हैं। यह आपको तय करना होगा कि आप किस दिशा में काम करना चाहते हैं। यहां आपको सामाजिक और आर्थिक चुनौतियां के बीच काम करने का तरीका सिखाया जाएगा।

इंस्टीट्यूट्स

  • दिल्ली यूनिवर्सिटी
  • भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी
  • अदिति महाविद्यालय

6. डिजास्टर मैनजेमेंट: प्राकृतिक आपदाओं के बढऩे के साथ ही इस समस्या से निपटने वालों की भूमिका अहम हो गई है।

इस समस्या से निपटने का काम काम करते हैं डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स जिन्हें इस खास काम के लिए ट्रेंड किया जाता है। डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स का काम आपदा के शिकार लोगों की जान बचाना और उन्हें नई जिंदगी देना है।

इंस्टीट्यूट्स

  • नेशनल इंस्टीसट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट, नई दिल्ली
  • इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू), नई दिल्ली
  • नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी, दार्जिलिंग

7. वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी: अगर आपको फोटो खींचने में मजा आता है तो आप वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी में कॅरियर बना सकते हैं।

इस कॅरियर में एक तरफ तो जंगल आपको अपनी तरफ आकर्षित करेगा मगर दूसरी तरफ इसमें जंगल में होने वाले खतरे का भी सामना करना पड़ेगा। 12वीं के बाद आप बीए इन फोटोग्राफी के अलावा सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं।

इंस्टीट्यूट्स

  • वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट्स ऑफ इंडिया
  • भारती विद्यापीठ स्कूल ऑफ फोटोग्राफी
  • दिल्ली स्कूल ऑफ फोटोग्राफी

8. पर्सनल स्टाइलिस्ट: पर्सनल स्टाइलिस्ट का काम होता है लोगों का मेकओवर करना और लोगों के ड्रेसिंग सेंस को भी बढ़ाना। एक्टर, मॉडल अपने आसपास ऐसे लोगों को हरवक्त रखते हैं ताकि वे हर मौके पर कुछ अलग दिख सकें। पर्सनल स्टाइलिस्ट बनने के लिए जो बेसिक जरुरत है वो है अपने क्लाइंट के मन को पढऩा कि वह क्या चाहता है? इसके लिए आपको थोड़ा सा रिसर्च करना होगा। वे लोग इस प्रोफेशन में कॅरियर बना सकते हैं जो लोगों के मूड, शख्सियत, ड्रेसिंग सेंस को जानते हैं। इसके लिए आपको हर दिन की फैशन जगत की अपडेट जानकारी रखनी होगी।

इंस्टीट्यूट्स

  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
  • पर्ल अकेडमी ऑफ फैशन, दिल्ली

9. ज्वेलरी डिजाइनिंग: अगर आपकी रुचि डिजाइनिंग क्षेत्र में है तो ज्वेलरी डिजाइनिंग आपके लिए बेहतर कॅरियर विकल्प हो सकता है।

भारत एक ऐसा देश है जहां लोगों में ज्वेलरी के प्रति सबसे ज्यादा क्रेज रहता है। इस वजह से ज्वेलरी इंडस्ट्री भी देश की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस इंडस्ट्री की क्षमता 2015 तक 2.15 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

इंस्टीट्यूट्स

  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ जेम्स एंड ज्वेलरी, जयपुर
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ज्वेलरी, मुंबई
  • सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई

10. एंथ्रोपोलॉजी: यदि आपकी रुचि मानव के विकास को जानने में है तो एंथ्रोपोलॉजी आपके कॅरियर के लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। इस कोर्स में मानव विकास के इतिहास और वर्तमान का अध्ययन किया जाता है।

एंथ्रोपोलॉजी में जीव विज्ञान, मानविकी और भौतिक विज्ञान की जानकारियों का अध्ययन कर मानव विकास के बारे में नई जानकारी निकाली जाती है। एंथ्रोपोलॉजी में मानव की तुलना अन्य जानवरों से भी की जाती है। खासकर मानव और बंदर के शरीर की तुलना।

इंस्टीट्यूट्स

  • पंजाब यूनिवर्सिटी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ पुणे
  • यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली
  • यूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता
  • कर्नाटक यूनिवर्सिटी



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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