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आईआईटी हैदराबाद में जुलाई सत्र से शुरू होगी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पढ़ाई, ये है डिटेल

खास बात यह है कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस कोर्स की बेहद मांग है। इसलिए यदि बीटेक में छात्र इस कोर्स की पढ़ाई करते हैं तो नौकरी मिलने में बेहद आसानी होगी। छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग पर प्रैक्टिकल से लेकर थियोरी की पूरी पढ़ाई करवाई जाएगी। पहले बैच में 20 सीटें होंगी। उसके बाद प्रति वर्ष सीट बढ़ाई जाएगी।

Shivakant Shukla
Published on: 2 Feb 2019 12:46 PM GMT
आईआईटी हैदराबाद में जुलाई सत्र से शुरू होगी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की पढ़ाई, ये है डिटेल
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नई दिल्ली: आईआईटी में बीटेक प्रोग्राम में जुलाई सत्र से छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कोर्स में पढ़ाई का मौका मिलेगा। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी- हैदराबाद ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में फुल-फ्लेज्ड बी-टेक प्रोग्राम शुरू किया है। ये कोर्स 2019-2020 के सत्र से शुरू किए जाएंगे। इस कोर्स में भी दाखिला जेईई एडवांस स्कोर के आधार पर ही मिलेगा।

इंस्टीट्यूट का दावा है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में बी-टेक प्रोग्राम शुरू करने वाला वो देश की पहला शैक्षणिक संस्थान बन गया है। इसके साथ ही आईआईटी हैदराबादा ऐसा करने वाला वो दुनिया का तीसरा संस्थान है। इसके पहले अमेरिका के कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में ये कोर्स पहले ही पढ़ाया जाता है।

कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी

कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय पिट्सबर्ग, पेंसिल्वेनिया में स्थित एक निजी अनुसंधान विश्वविद्यालय है। 1900 में एंड्रयू कार्नेगी द्वारा कार्नेगी टेक्निकल स्कूल के रूप में स्थापित, विश्वविद्यालय 1912 में कार्नेगी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बन गया और चार साल की डिग्री देना शुरू कर दिया था।

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी

मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (मैसाचुसेट्स इन्स्टिट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी - एमआईटी) कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में स्थित एक निजी शोध विश्वविद्यालय है। एमआईटी में 32 शैक्षणिक विभागों से युक्त पांच विद्यालय और एक महाविद्यालय है, जिसमें वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी अनुसंधान कराया जाता है।

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इस कोर्स में 20 छात्रों को शामिल किया जाएगा और उनका एडमिशन उनके जेईई एडवांस्ड कोर्स के स्कोर के हिसाब से किया जाएगा। ये कोर्स आईआईटी हैदराबाद के डिपार्टमेंट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के तहत पढ़ाया जाएगा। इस कोर्स के सिलेबस में कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट से स्टडी ऑफ एल्गोरिदम्स, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से सिग्नल प्रोसेसिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से रोबोटिक्स और मैथेमैटिकल फाउंडेशन्स पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा कोर्स में एप्लीकेशन वर्टिकल्स जैसे- हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, स्मार्ट मोबिलिटी भी शामिल किया जाएगा।

आईआईटी हैदराबाद के डायरेक्टर, यूबी देसाई ने कहा, 'इसका उद्देश्य आईआईटी हैदराबाद में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में अकेडमिक और रिसर्च के लिए माहौल तैयार करना है. इसमें बी.टेक, एम.टेक और दूसरे माइनर प्रोग्राम शामिल हैं।' ध्यान रहे कि आईआईटी हैदराबाद आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में पहले ही एम.टेक प्रोग्राम- मशीन लर्निंग और एम.टेक इन डेटा साइंस उपलब्ध करा रहा है।

खास बात यह है कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस कोर्स की बेहद मांग है। इसलिए यदि बीटेक में छात्र इस कोर्स की पढ़ाई करते हैं तो नौकरी मिलने में बेहद आसानी होगी। छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग पर प्रैक्टिकल से लेकर थियोरी की पूरी पढ़ाई करवाई जाएगी। पहले बैच में 20 सीटें होंगी। उसके बाद प्रति वर्ष सीट बढ़ाई जाएगी।

बजट में भी हुई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चर्चा

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट में इसको ध्यान में रखकर घोषणा किया कि भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सेक्टर को मजबूत करने के लिए सरकार जल्द ही एक राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पोर्टल लॉन्च करेगी। लोकसभा में 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए गोयल ने यह भी कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेक्टर के विकास के लिए नौ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है।

इस क्षेत्र में भविष्य के अपार अवसरों के मद्देनजर भारत में लगभग 200 एआई स्टार्ट-अप्स विभिन्न उद्योगों के लिए एआई-आधारित समाधानों का विकास और निर्माण कर रहे हैं। पिछले साल अपने बजट भाषण में अरुण जेटली ने नई और उभरती तकनीकों में अनुसंधान और विकास का मार्गदर्शन करने के लिए नीति आयोग से एआई पर राष्ट्रीय कार्यक्रम स्थापित करने के लिए कहा था।

इसके बाद नीति आयोग ने सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एआई के कार्यान्वयन की दिशा में पांच क्षेत्रों की पहचान की थी। इसमें स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा, स्मार्ट सिटी और बुनियादी ढांचा और परिवहन शामिल हैं।

Shivakant Shukla

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