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BBAU CET Results 2022: बीबीएयू ने जारी किए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के नतीजे

BBAU CET Results 2022: डीएसीई के समन्वयक प्रो.शशि कुमार ने कहा कि उम्मीदवार अपना परिणाम जानने के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट bbau.ac.in पर जा सकते हैं।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 16 Sep 2022 1:42 PM GMT
bbau declared common entrance test results 2022 for upsc coaching
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bbau declared common entrance test results 2022 for upsc coaching (Social Media)

BBAU CET Results 2022: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के डॉ.अंबेडकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की मुफ्त कोचिंग में प्रवेश पाने के लिए आयोजित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट का परिणाम आज यानी 16 सितंबर 2022 को घोषित कर दिया है। डीएसीई के समन्वयक प्रो.शशि कुमार ने कहा कि उम्मीदवार अपना परिणाम जानने के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट bbau.ac.in पर जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम में कुल 100 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा और 33 प्रतिशत सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। कोचिंग में प्रवेश पाने के लिये काउंसलिंग अगले सप्ताह में की जाएगी।

रिजल्ट देखने के लिए BBAU CET Results 2022 के लिंक पर क्लिक करें।

अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस पर आयोजित हुआ लेक्चर

"अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस- 2022" के अवसर पर आज बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान विवि के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा ऑनलाईन माध्यम से आयोजित किया गया। व्याख्यान 'मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल 35@ ग्लोबल कोऑपरेशन प्रोटेक्टिंग लाइफ ऑन अर्थ' विषय पर आयोजित हुआ। व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ0 हर्ष कोटा, एसोसिएट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ सिविल इंजीनियरिंग, आईआईटी दिल्ली, ने विद्यार्थियों को ओजोन परत को नष्ट करने वाले क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी) को रोकने के लिए हुए अंतर्राष्ट्रीय समझौता के बारे में बताया जिसे मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल कहा गया। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से यह एक सफल समझौता माना जाता है जिससे ओज़ोन परत को पुनः मजबूत करने में सफलता मिली।

ओज़ोन क्षरण से प्रभावित होता है पर्यावरण - डॉ. हर्ष कोटा

उन्होंने बताया कि ओज़ोन परत में क्षरण से न सिर्फ मनुष्यों के स्वास्थ्य पर बल्कि पर्यावरण और खाद्य पदार्थों के पैदावार पर भी असर पड़ा है। अधिक ओज़ोन सांद्रता से न सिर्फ पौधों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है बल्कि मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी इससे प्रभावित होती है। ग्लोबल वार्मिंग से पृथ्वी को बचाने के लिए ओज़ोन परत को मजबूत बनाए रखना बेहद आवश्यक है।

डॉ0 जीवन सिंह ने मुख्य वक्ता का कार्यक्रम में स्वागत किया और साथ ही उनका परिचय भी प्रस्तुत किया। इसके साथ ही कार्यक्रम का संचालन भी डॉ0 जीवन द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभाग के समस्त शिक्षक एवं विद्यार्थी व्याख्यान से जुड़े रहे।

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