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कॅरियर आप्शन: मैट स्कोर के आधार पर बेस्ट स्कूल में दाखिला

raghvendra
Published on: 18 Aug 2018 5:56 AM GMT
कॅरियर आप्शन: मैट स्कोर के आधार पर बेस्ट स्कूल में दाखिला
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अच्छे मैनेजर्स और बिजनेस एग्जीक्यूटिव्स की जरुरत आज हर कॉर्पोरेट सेक्टर में होती है। ऐसे में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) या पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (पीजीडीबीए) किया जा सकता है। फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्सेज, एंटरप्रेन्योरशिप, इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स, ऑपरेशंस मैनेजमेंट आदि में से किसी में भी स्पेशलाइजेशन किया जा सकता है। एमबीए या पीजीडीबीए कोर्स कर चुके युवा अपना स्टार्टअप भी शुरू कर सकते हैं।

अगर आप कॉर्पोरेट सेक्टर में भविष्य बनाना चाहते हैं तो ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन ने मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट (मैट) के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। मैट के स्कोर के आधार पर आप देश के अच्छे बिजनेस स्कूल्स में दाखिला ले सकते हैं और भविष्य अच्छा बना सकते हैं। आइए जानते हैं कि मैट की परीक्षा में आवेदन के लिए क्या जानकारियां जरूरी हैं।

मैट के बारे में जानें

मैट की परीक्षा आल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन की ओर से आयोजित की जाती है। मैट नेशनल लेवल का मैनेजमेंट टेस्ट है, जो भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट से अप्रूव्ड है। एसोसिएशन की ओर से साल में चार बार फरवरी, मई, सितंबर और दिसंबर में मैट परीक्षा आयोजित होती है। अभी मैट-2018 (सितंबर) के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।

परीक्षा पैटर्न

यह टेस्ट पेपर बेस्ड यानी ऑफलाइन और कम्प्यूटर बेस्ड यानी ऑनलाइन दोनों ही मोड में होता है। अभ्यर्थी अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी मोड चुन सकते हैं। अभ्यर्थी दोनों मोड में भी यह टेस्ट दे सकते हैं। टेस्ट के तीन हफ्ते में मैट का परिणाम घोषित कर दिया जाता है। मैट के स्कोर के आधार पर देशभर के 600 से अधिक जाने-माने बिजनेस स्कूल्स में एमबीए और संबंधित मैनेजमेंट प्रोग्राम्स में एडमिशन लिया जा सकता है। मैट में अपीयर होने की कोई लिमिट नहीं है यानी अभ्यर्थी कितनी ही बार मैट दे सकता है लेकिन आप जब भी इसे दें, अच्छी तैयारी के साथ दें।

मैट की परीक्षा अवधि 2.30 घंटे की होगी। इसमें पांच सेक्शन में मल्टीपल च्वॉइस टाइप कुल 200 सवाल पूछे जाएंगे। लैंग्वेज कॉम्प्रेहेंशन, इंटेलीजेंस एंड क्रिटिकल रीजनिंग, डेटा एनालिसिस एंड एफिशिएंसी, मैथेमेटिकल स्किल्स और इंडियन एंड ग्लोबल एन्वायर्नमेंट में प्रत्येक से 40-40 सवाल पूछे जाएंगे। गलत उत्तर देने पर नेगेटिव मार्किंग होगी। इसलिए जवाब सोच-समझकर दें।

क्या है योग्यता

इसके लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट के पास मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से किसी भी विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री हो। जो स्टूडेंट ग्रेजुएशन के फाइनल इयर में हैं, वह भी मैट में अपीयर हो सकते हैं। इस मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट में अपीयर होने के लिए न्यूनतम या अधिकतम आयु की कोई बाध्यता तय नहीं है। इसलिए जो लोग काफी पहले ग्रेजुएशन कर चुके हैं, वे मैनेजमेंट के क्षेत्र में कॅरियर की नई शुरुआत के लिए मैट दे सकते हैं।

महत्वपूर्ण तिथि

पेपर बेस्ड टेस्ट यानी ऑफलाइन मैट के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 24 अगस्त रखी गई है। 25 अगस्त 2018 को शाम चार बजे से पेपर बेस्ड टेस्ट के एडमिट कार्ड उपलब्ध होंगे। 8 सितंबर 2018 कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की लास्ट डेट निर्धारित की गई है।

11 सितंबर 2018 को शाम चार बजे से कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट के लिए एडमिट कार्ड उपलब्ध होंगे। 2 सितंबर 2018 को पेपर बेस्ड मैट सुबह 10 से दोपहर 12:30 बजे तक आयोजित होगा। 15 सितंबर 2018 को कम्प्यूटर आधारित मैट डिफरेंट टाइम स्लॉट्स में आयोजित होगा।

आवेदन प्रक्रिया

मैट के आवेदन के लिए कैंडिडेट को ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। फिर अभ्यर्थी को ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म में दी गई सभी जानकारियां सही तरह से भरनी होंगी। साथ ही अभ्यर्थी को क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड या फिर नेटबैंकिंग के जरिए रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा कराना होगा।

आवेदन के समय रखें ध्यान

एप्लीकेशन फॉर्म भरते समय ध्यान रखें कि फोटो की स्कैन्ड इमेज 40 से 100 केबी के बीच होनी चाहिए, वहीं सिग्नेचर की स्कैन्ड इमेज 10 से 40 केबी के बीच हो। कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) या पेपर बेस्ड टेस्ट (पीबीटी) के लिए 1550 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस है। जो अभ्यर्थी सीबीटी और पीबीटी , दोनों के लिए आवेदन करना चाहता है, उसे 2650 रुपए रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा कराना होगा।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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