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लखनऊ में खुलेगा भोजपुरी रिसर्च सेंटर, जानिए यूनिवर्सिटी में क्या होगा खास
राजधानी स्थित डॉ शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी में शनिवार को भोजपुरी अध्ययन और रिसर्च सेटर खुलने जा रहा है। इसका उद्घाटन देश के होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह करने जा रहे हैं। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर निशीथ राय ने बताया कि इसकी स्थापना भोजपुरी साहित्य, कला, लोक संस्कृति, सभ्यता और देशज ज्ञान पर रिफाइंड रिसर्च की मूल भावना के साथ की जा रही है।
लखनऊ : राजधानी स्थित डॉ शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी में शनिवार को भोजपुरी अध्ययन और रिसर्च सेटर खुलने जा रहा है। इसका उद्घाटन देश के होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह करने जा रहे हैं।
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर निशीथ राय ने बताया कि इसकी स्थापना भोजपुरी साहित्य, कला, लोक संस्कृति, सभ्यता और देशज ज्ञान पर रिफाइंड रिसर्च की मूल भावना के साथ की जा रही है।
भोजपुरी होगा आप्शनल सब्जेक्ट
-यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर निशीथ राय ने बताया कि भोेजपुरी को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए आर्गेनाइज्ड एकैडमिक प्रयास किए जाएंगे।
-भोजपुरी को एक आप्शनल सब्जेक्ट के रूप में यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले स्टूडेंटस को पढ़ाया जाएगा।
-भोजपुरी में शार्ट टर्म डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई होगी।
-यहां भोजपुरी साहित्य, कला, लोकसंस्कृति, सभ्यता और देशज ज्ञान पर उत्कृष्ट शोध किया जाएगा।
-केंद्र की मदद से इस सेंटर से अप्रवासी भारतीयों को जोड़ा जाएगा।
भोजपुरी प्रवासियों की बनेगी डायरेक्टरी
-वीसी प्रोफेसर निशीथ राय ने बताया कि इस सेंटर पर एक भोजपुरी प्रवासियों की डायरेक्टरी भी तैयार की जाएगी।
-इसमें भोजपुरी रिसर्च और कला से जुड़े विश्व के सारे लेजेंडस के कांटैक्ट डिटेल्स होंगे।
-यहां दुर्लभ पांडुलिपियों और कलाकृतियों को धरोहर के रूप में संजोया जाएगा।
-भोजपुरी की पढ़ाई-लिखाई को ज्ञान की आधुनिक विधाओं से जोड़कर इसे रोजगार परक बनाया जाएगा।
प्रचार-प्रसार पर होगा काम
-स्किल डेवलपमेंट का माॅड्यूल तैयार कर भोजपुरी के परंपरागत उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा।
-इससे इन उत्पादों के एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा।
-यहां से भोजपुरी लोकगीतों, लोकोक्तियों, कहावतों, लोक कथाओं, संगीत, लोकनृत्य, लोकनाट्य और अन्य सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के साथ साथ प्रचार-प्रसार का काम किया जायेगा।
- यहां डाॅक्टरेट स्तर की पढ़ाई के साथ भोजपुरी से जुड़े मुद्दों पर उत्कृष्ट शोध को बढ़ावा दिया जायेगा।
भोजपुरी लाइब्रेरी की होगी स्थापना
- वीसी प्रोफेसर निशीथ राय ने बताया कि भोजपुरी लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी।
- यहां भोजपुरी भाषा, संस्कृति, समाज, इतिहास और पुरातत्व का जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण किया जाएगा।
- यहां अन्य भाषाओं की विषय सामग्री का भोजपुरी में अनुवाद होगा।
- भोजपुरी के महत्वपूर्ण ग्रंथों का ब्रेल लिपि में पब्लिकेशन होगा।
- यहां भोजपुरी में शोध पत्रिका का पब्लिकेशन किया जाएगा।