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पहल-प्रयोग : निर्धन,आर्थिक कमजोर बच्चों के लिए DM की अनोखी पाठशाला

सेवा करने की चाह हो तो, मौका कोई भी हो सेवा की शुरूआत हो ही जाती है।एक नेक पहल का बीज बिजनौर के मौजूदा डीएम ने बोया है। उनकी प्रेरणा और सहयोग से युवा पीढ़ी को वो रास्ता मिल रहा है जो इन युवाओं का सपना है। प्रशासनिक अधिकारी बन कर देश सेवा करने का

Anoop Ojha
Published on: 20 Jan 2018 2:39 PM IST
पहल-प्रयोग : निर्धन,आर्थिक कमजोर बच्चों के लिए DM की अनोखी पाठशाला
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पहल-प्रयोग : निर्धन,आर्थिक कमज़ोर बच्चों के लिए DM की अनोखी पाठशाला

बिजनौर: सेवा करने की चाह हो तो, मौका कोई भी हो सेवा की शुरूआत हो ही जाती है।एक नेक पहल का बीज बिजनौर के मौजूदा डीएम ने बोया है। उनकी प्रेरणा और सहयोग से युवा पीढ़ी को वो रास्ता मिल रहा है जो इन युवाओं का सपना है। प्रशासनिक अधिकारी बन कर देश सेवा करने का जज्बा लिए बिजनौरी युवा सही मार्गदर्शन लेकर रात दिन एक किए हुए हैं। इन युवाओं की ऊर्जा को गति,दिशा और कौशल देने का गंभीर काम यहां के डीएम जगत राज त्रिपाठी कर रहें है।

बिजनौर के डीएम जगत राज त्रिपाठी ने एक नई पहल की शुरुआत करते हुए प्रतियोगी परीक्षा संबंधित एक पाठशाला कलक्ट्रेट के सभागार में चला रहे है।इस सभागार में चलने वाली इस पाठशाला से आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्र और छात्राओं को काफी सहूलियत मिल रही है।ये पाठशाला नियमित रूप से पूरे 7 दिन इस सभागार में चलती है।डीएम और जिले के अन्य प्रशानिक अधिकारियों की मदद से इस निशुल्क पाठशाला को बिजनौर कलक्ट्रेट आफ़िस में चलाया जा रहा है।इस पाठशाला में प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का काम चल रहा है।इस कोचिंग संस्थान को डीएम द्वारा पुस्तकालय से राजिस्डर्ड भी कराया जा रहा है। आईएस ट्रेनिंग पर आए इंद्रजीत सिंह द्वारा और उनकी टीम में शामिल लोगों के सहयोग से जून 2017 से इस संस्था को चलाया जा रहा है।

पहल-प्रयोग : निर्धन,आर्थिक कमज़ोर बच्चों के लिए DM की अनोखी पाठशाला पहल-प्रयोग : निर्धन,आर्थिक कमज़ोर बच्चों के लिए DM की अनोखी पाठशाला

डीएम बिजनौर जगतराज त्रिपाठी

डीएम ने बताया कि जो बच्चे आर्थिक रूप से कमज़ोर है और दिल्ली और अन्य जगहों पर जाकर कोचिंग नही कर सकते उनके लिये इस कोचिंग की शरुवात बिजनौर डीएम द्वारा 2017 जून में की गई थी।इस कोचिंग की व्यवस्था को लेकर बिजनौर डीएम ने बताया कि आईएस ट्रेनिंग पर आए इंद्रजीत सिंह ने उनसे इच्छा जाहिर की थी कि यहाँ के जो बच्चें प्रशानिक पदों पर जाना चाहते है और उनको सही मार्गदर्शन नही मिल रहा है ।

ऐसे बच्चों के लिये कुछ किया जाना चाहिए।डीएम की इस नई पहल को अब जनपद के अधिकारी साराह रहे है।इस संस्थान में जून से लेकर अब तक 100 बच्चों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।जिसमे से 50 से भी अधिक बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चे इस संस्थान से निशुल्क शिक्षा लेकर कम्पटीशन की तैयारी में जुटे है।जिलाधिकारी सभागार में 9 से 11 बजे तक इस कोचिंग को चलाया जा रहा है।साथ ही 11 से 5 बजे तक यही बच्चे बिजनौर पुस्तकालय में पहुँचकर लाइब्रेरी में रखी प्रतियोगी पुस्तक से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है।

इस पाठशाला की मदद से बिजनौर के निर्धन और आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चों को पढ़ाये जाने का काम किया जा रहा है।

ट्रेनी आईएस इंद्रजीत सिंह

इस कोचिंग की शुरुआत करने वाले ट्रेनी आईएस इंद्रजीत सिंह ने बताया कि बिजनौर डीएम जगतराज त्रिपाठी की इस पहल से जो बच्चे बाहर जाकर प्रशासनिक पदों से संबंधित कोचिंग नही कर पा रहे थे,उन बच्चों के लिये ये कोचिंग एक बड़ा मार्गदर्शन है।शुरुआत में बच्चों की संख्या भले ही कम थी,आज प्रशानिक पदों पर और अन्य लोगो की मदद से आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चो को इस संस्था से काफी मदद मिल रही है।

पीसीएस प्री परीक्षा में पास होने वाली छात्रा स्वाति और छात्र उज्जवल

इस संस्था की शुरुवात को लेकर पीसीएस परीक्षा के प्री परीक्षा में पास होने वाली छात्रा स्वाति ने बताया कि इस कोचिंग की शुरुआत होने से हम छात्रों को प्रशानिक सेवाओ की परीक्षा में काफी सहूलियत मिली है।साथ ही हमारा कॉन्फिडेंस लेबल भी ऐसी परीक्षाओ के लिये बढ़ गया है।उधर पीसीएस परीक्षा प्री में पास होने वाले छात्र उज्जवल का कहना भी यही था की जनपद बिजनौर के अधिकारियों की इस नई पहल से जहाँ युवाओ का भविष्य सुधरेगा वहीँ हम जैसे आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को कंपीटिशन की तैयारी में काफी बड़ी मदत इस पहल से मिल रही है।



Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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