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बोर्ड परीक्षा में इस बार होम सेंटर नहीं, सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी
योगी सरकार की भी परीक्षा
सुधांशु सक्सेना की स्पेशल रिपोर्ट
लखनऊ। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की 2017-18 शैक्षिक सत्र की परीक्षाएं फरवरी में होने जा रही हैं। इसका विस्तृत कार्यक्रम जारी हो गया है। इस बार डिप्टी सीएम डॉ.दिनेश शर्मा के आदेश पर बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम जल्दी घोषित किया गया है। योगी सरकार की यह पहली बोर्ड परीक्षा होगी। इसलिए परीक्षार्थियों के साथ इस सरकार की भी परीक्षा होगी। इस बोर्ड परीक्षा में न के बराबर होम सेंटर होंगे। शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों का मानना है कि इसका रिजल्ट पर सीधा असर पड़ सकता है। वैसे इस बार सरकार ने नो होम सेंटर की नीति पर चलने के साथ ही सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में परीक्षा कराने का फैसला किया है।1991 में हुई थी जबर्दस्त कड़ाई
वर्ष 1991 में जब कल्याण सिंह मुख्यमंत्री और राजनाथ सिंह शिक्षा मंत्री थे तो नकल माफिया के खिलाफ अभियान चलाया गया था। उस समय नकल माफिया ने सरकार की सख्ती के आगे घुटने टेक दिए थे। यूपी के माध्यमिक शिक्षा विभाग में भाजपा सरकार के एक्शन को आज भी याद किया जाता है। उस समय नकल विरोधी कानून के तहत जो काम भाजपा सरकार ने किया था, उसी की तर्ज पर इस बार भी माध्यमिक शिक्षा विभाग नकल विहीन परीक्षा कराने के दावे कर रहा है। इसके चलते ही इस बार स्वकेंद्र परीक्षा प्रणाली को दरकिनार कर सीसीटीवी वाले विद्यालयों को ही परीक्षा केंद्र बनाने पर फोकस किया जा रहा है।सचिव बोलीं-इस बार नहीं गलेगी नकल माफिया की दाल
यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार परीक्षा केंद्रों का आवंटन जिला विद्यालय निरीक्षकों की डीटेल रिपोर्ट के आधार पर किया जा रहा है। इस बार स्वकेंद्रों का आवंटन न के बराबर होगा। संवेदनशील जिलों के केंद्र पर विशेष नजर रखी जाएगी। सारे परीक्षा केंद्र सीसीटीवी कैमरे वाले होंगे और इसकी सीडी संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से बोर्ड को सौंपी जाएगी। इसके साथ ही परीक्षा के दौरान धारा 144 लागू रहेगी। जिस विद्यालय में केंद्र बनाया जाएगा वहां परीक्षा के दौरान प्रबंधतंत्र के किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित रहेगा। कोडेड उत्तरपुस्तिकाओं का ही इस्तेमाल किया जाएगा।इस बार सख्ती के मानक बढ़े
यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद के कर्मचारी आर.के.ओझा ने बताया कि बोर्ड परीक्षा के आयोजन के दौरान हर साल सख्ती की जाती है। इस बार कई मानक बढ़े हैं। जैसे परीक्षा केंद्र के आवंटन के पूर्व केंद्रों को कंप्यूटरीकृत प्रणाली से नंबर आवंटित होंगे। इसके साथ ही सिर्फ सीसीटीवी वाले विद्यालयों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। सेल्फ सेंटर को जीरो करने की कोशिश होगी। जिन विद्यालयों में सैनिटेशन, फर्नीचर आदि खस्ताहाल होगा, उनके परीक्षा केंद्र बनने की संभावना न के बराबर रहेगी।कम होंगे परीक्षा केंद्र, ऐसे होगा आवंटन
यूपी बोर्ड मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक पिछले साल बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में 11413 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, लेकिन इस बार इस संख्या को कम किया जाएगा। इसके अलावा हर परीक्षा केन्द्र को वहां मौजूद संसाधनों और बोर्ड के मानकों के मुताबिक अंक दिए जाएंगे। इसी आधार पर परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। बोर्ड कंप्यूटर के जरिए परीक्षा केंद्रों का आवंटन करेगा ताकि परीक्षा की शुचिता बरकरार रहे। हर जिला विद्यालय निरीक्षक से बोर्ड बनने के लिए आवेदन करने वाले विद्यालयों की एक रिपोर्ट मंगाई गई थी, जिसे वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। इसी आधार पर विद्यालय को बोर्ड अंक देगा। इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा ज्यादा सख्ती है। सीसीटीवी वालों को ही मौका
बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के करीब 25 हजार स्कूलों ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए आवेदन किया है। लेकिन इस बार प्रत्येक जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक को विद्यालय का भौतिक सत्यापन करके वहां के संसाधनों की रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसी रिपोर्ट पर विद्यालयों के अंक कंप्यूटर पर अपलोड किए जाएंगे। इसमें बेहतर फर्नीचर, सेनिटेशन आदि व्यवस्थाओं के साथ-साथ सीसीटीवी के लिए भी 20 अंक निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा जो विद्यालय 90 प्रतिशत से अधिक रिजल्ट देते हैं, उन्हें भी अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। इन स्कूलों के सेंटर बनने की ज्यादा उम्मीद है। अंकों के अपडेट होने के बाद परीक्षा केंद्रों का आवंटन होगा। हमारी कोशिश है कि एक भी होम सेंटर न बनाया जाए। यह पहली बार है कि बोर्ड परीक्षा में स्टूडेंट के साथ-साथ हर परीक्षा केंद्र को भी अंक दिए जाएंगे। इसी आधार पर अब परीक्षा केंद्रों का चयन होगा।
दिसंबर में होगा प्रैक्टिकल,फरवरी में पेपर
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के बच्चों के प्रैक्टिकल एग्जाम दिसम्बर में शुरू हो जाएंगे। इसके बाद 6 फरवरी से पेपर शुरू हो जाएंगे। हाईस्कूल की परीक्षाएं 22 फरवरी तक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 10 मार्च तक चलेंगी। बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षाएं 14 दिनों में पूरी करवा लेगा। इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 25 दिनों में पूरी होंगी। परीक्षाएं दो शिफ्टों में होंगी। पहली शिफ्ट सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट और दूसरी शिफ्ट दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजकर 15 मिनट तक होगी। इस बार परीक्षा के लिए कुल 67 लाख 29 हजार 540 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया है। इसमें से 37 लाख 12 हजार 508 विद्यार्थियों ने हाईस्कूल की परीक्षा के लिए और 30 लाख 17 हजार 32 विद्यार्थियों ने इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए पंजीकरण करवाया है। पिछले साल हाईस्कूल के लिए 34,01,511 और इंटर की परीक्षा के लिए 26,54,492 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण करवाया था। इस बार शेड्यूल जल्दी जारी होने से विद्यार्थियों को तैयारी का अच्छा मौका मिलेगा।50 जिले संवेदनशील
यूपी बोर्ड की सचिव ने बताया कि इस बार की बोर्ड परीक्षा में 50 जिले संवदेनशील माने जा रहे हैं। इन जनपदों की लिस्ट में बोर्ड ने इस बार इलाहाबाद, अलीगढ़, आगरा, मथुरा, हाथरस, एटा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, कासगंज, शाहजहांपुर, बदांयू, मुरादाबाद, संभल, कौशाम्बी, हरदोई, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर, चित्रकूट, गाजीपुर, आजमगढ़, बलिया, देवरिया, जौनपुर, गोंडा, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर, भदोही, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बागपत, मुज्फ्फरनगर, बरेली, जेपी नगर, बिजनौर, उन्नाव, बाराबंकी, इटावा, औरैया, प्रतापगढ़, जालौन, बांदा, महाराजगंज, फैजाबाद, बहराइच, बस्ती और मऊ को शामिल किया है। इन जनपदों में सादी उत्तरपुस्तिकाओं की हेराफेरी और उनके अनुचित ढंग से प्रयोग किए जाने की संभावना को देखते हुए परीक्षार्थियों के लिए कोडेड उत्तरपुस्तिकाएं प्रयोग में लाई जाएंगी। जब भी कोई जिला या केंद्र संवेदनशील की श्रेणी में आता है तो उसका अर्थ होता है कि वहां पर पूर्व की परीक्षा के दौरान असामाजिक तत्वों ने परीक्षा में बाधा डालने का प्रयास किया हो।पहला पेपर होगा ग़ृहविज्ञान और हिंदी
इस बार की बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल का पहला पेपर गृह विज्ञान और इंटरमीडिएट का हिंदी और सामान्य हिंदी रखा गया है। इसके बाद हाईस्कूल में हिन्दी, कृषि, अंग्रेजी, संगीत गायन, उर्दू, मानव विज्ञान, रंजनकला, सिलाई, चित्रकला, वाणिज्य, सामाजिक विज्ञान, विभिन्न भाषाएं, विज्ञान, कंप्यूटर और संस्कृत की परीक्षा होगी। वहीं इंटरमीडिएट में हिन्दी, सामान्य हिन्दी द्वितीय प्रश्नपत्र के साथ संगीत, गणित, गृह विज्ञान, कृषि शस्य विज्ञान (एग्रोनामी) कृषि द्वितीय, इतिहास, औद्योगिक संगठन, सैन्य विज्ञान, भौतिक विज्ञान, बही खाता तथा लेखाशास्त्र, शस्य विज्ञान, अंग्रेजी(ए), मनोविज्ञान, शिक्षाशास्त्र, तर्कशास्त्र, कृषि पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान, कंप्यूटर, फल और खाद्य संरक्षण, रसायन विज्ञान, उर्दू, भूगोल, संस्कृत, अंग्रेजी (बी) चित्रकला, अर्थशास्त्र, नागरिक शास्त्र, जीव विज्ञान, समाजशास्त्र, बीमा सिद्धांत एवं व्यवहार, मानव विज्ञान, विभिन्न भाषाएं आदि के प्रथम व द्वितीय पेपर की परीक्षाएं होंगी।पिछले साल पांच लाख ने छोड़ दी थी परीक्षा
पिछले वर्ष भी बोर्ड परीक्षा के दौरान सख्ती के चलते पांच लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी। बोर्ड सचिव ने बताया कि गत वर्ष परीक्षा छोडऩे वालों का आंकड़ा 5 लाख 54 हजार 503 के आसपास पहुंच गया था। दो हजार नकलची पकड़े गए थे। 600 स्कूलों काली सूची में डाला गया था। चार प्रबंधकों, 327 केन्द्र व्यवस्थापकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। 178 कक्ष निरीक्षकों,111 केंन्द्र व्यवस्थापकों के विरुद्ध भी मुकदमे दर्ज करवाए गए थे। 70 नकलचियों के खिलाफ भी मुकदमा हुआ था। परीक्षा के दौरान 600 कक्ष निरीक्षक बदले गये थे। सामूहिक नकल की शिकायत पर 72 केंद्रों की एक-एक पाली की परीक्षा निरस्त की गई थी और 91 स्कूलों को डिबार कर दिया था। 61 स्कूलों की कॉपियों की स्क्रीनिंग हुई थी। पूरे प्रदेश से पिछले तीन साल से टॉपर निकालने वाले कालेजों की उत्तरपुस्तिकाएं अलग से राजकीय इंटर कालेज इलाहाबाद मंगवाकर उसकी जांच करवाई थी। इस बार भी शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई होगी।