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Nursing Jobs: नर्सिंग शिक्षा द्वारा कैरियर बनाएं
Nursing Education: ग्रामीण इलाकों में सहायक नर्स या मिडवाइफ या स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पाठ्यक्रम भी चलाए जाते हैं, जिसे करने पर रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध हैं।
Nursing Course Job: जिस युवती में बीमार व्यक्तियों के प्रति हमदर्दी, प्यार और करुणा की भावना हो, जो बीमार अपाहिजों, घायलों, विकलांगों की और देश की सेवा करने वाले घायल जवानों की प्यार व सहानभूति से सेवा कर सकने की हिम्मत भावना रखती हों उनके लिए नर्सिंग का पाठ्यक्रम सबसे उपयुक्त है। वैसे तो यह क्षेत्र पुरुषों के लिए भी है परंतु इस क्षेत्र में महिलाएं ही पूरी तरह हावी हैं। नर्सिंग के पेशे से एवं नर्सों की कार्यशीलता के कारण रोगियों को नया जीवन दान मिल जाता है।
नर्सें न केवल चिकित्सकीय विकलांगता बल्कि रोगी के तेजी से स्वास्थ्य लाभ की दिशा में भी प्रयत्नरत रहती है। इसलिए इन्हें सिस्टर भी कहा जाता है क्योंकि एक प्रकार से उनकी भूमिका मार्गदर्शक परामर्शदात्री की हो जाती है। आजकल नर्सिंग एक अलग विषय क्षेत्र हो गया है जिसकी पढ़ाई उच्च स्तरीय तरीके से की जा सकती है। नर्सिंग की पढ़ाई के लिए हमारे देश में कई महत्वपूर्ण संस्थान हैं जिनका विवरण निम्न प्रकार है -
- - मोतीलाल नेहरू हॉस्पिटल, प्रयागराज
- - लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली
- - जिला अस्पताल, बरेली
- - सरोजिनी नायडू हॉस्पिटल, आगरा
- - एच डब्लू ट्रेनिंग, देहरादून
- - स्कूल ऑफ नर्सिंग, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली
- - उर्सला हॉर्समेन मेमोरियल अस्पताल, कानपुर
- - स्कूल ऑफ नर्सिंग, सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली।
इसके अलावा भारत सरकार के अंतर्गत राजकुमारी अमृतकौर नर्सिंग महाविद्यालय, लाजपत नगर, नई दिल्ली में बी एस सी ऑनर्स (नर्सिंग) का चार वर्षीय पाठ्यक्रम भी चलाया जाता है। इस समय बी एस सी नर्सिंग पाठ्यक्रम की सर्वाधिक मांग है जिसके लिए अभ्यर्थी को किसी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान द्वारा भौतिक, रसायन शास्त्र एवं जीव विज्ञान जैसे विषयों के साथ बारहवीं पास होना चाहिए।इस पाठ्यक्रम के लिए उम्र 17वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। यह चार वर्षीय पाठ्यक्रम देश के विभिन्न मान्यताप्राप्त महाविद्यालयों में चलाया जाता है। इसके अलावा सशस्त्र सेना अस्पताल पुणे में भी नर्सिंग पाठ्यक्रम चलाया जाता है।
ग्रामीण इलाकों में सहायक नर्स या मिडवाइफ या स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पाठ्यक्रम भी चलाए जाते हैं, जिसे पूरा करने पर रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध हैं।नर्सिंग कॉलेज में भर्ती के लिए प्रवेश परीक्षा होती है। इस परीक्षा में सामान्य अंग्रेजी, जीव विज्ञान, भौतिकी एवं रसायन विज्ञान से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्न होते हैं। लिखित परीक्षा में सफल होने पर उम्मीदवारों को साक्षात्कार एवम मेडिकल जांच के लिए बुलाया जाता है। फिर मेरिट के आधार पर वरीयता सूची तैयार की जाती है और अभ्यर्थी का चयन कर लिया जाता है।
प्रशिक्षित नर्स बनकर महिलाएं राजकीय चिकित्सालयों, सामुदायिक विकास केंद्रों, औद्योगिक प्रतिष्ठान, रक्षा विभाग सहित निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों एवं नर्सिंग होम में अपना करियर निर्माण कर सकते हैं। आजकल नए नए स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना के साथ नर्सों की लगातार मांग बढ़ती जा रही है। जिस प्रकार बढ़ती देश की जनसंख्या के कारण जगह जगह प्राइवेट अस्पताल एवं मेडिकल ट्रीटमेंट सेंटर तेजी से खुलते जा रहे हैं, उन केंद्रों में नर्सों की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। अविवाहित प्रशिक्षित नर्सों को तो सेना में अस्थाई कमीशन भी दिया जाता है। इस प्रकार आज के युग में महिलाओं को समाज में आत्मनिर्भर एवं प्रतिष्ठा कराने में नर्सिंग शिक्षा काफी हद तक सहायक सिद्ध हो सकती है।