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BBAU News: बीबीएयू के वीसी समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हुआ जालसाजी और रंगदारी का केस

BBAU News: एग्रीमेंट होने के बाद भी कुलपति व उनके दो करीबी जीएसटी के तीन करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर रहे है। और इसके लिए रिश्वत मांग रहे हैं।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 2 Sept 2022 4:56 PM IST
Case of forgery and extortion registered against VC of BBAU
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Case of forgery and extortion registered against VC of BBAU (Social Media) 

BBAU News: बीबीएयू के कुलपति संजय सिंह, सहायक कुलसचिव अतुल बाजपेई और अनुभाग अधिकारी बीएस सैनी के खिलाफ जालसाजी और रंगदारी का केस दर्ज हुआ है। मैन पावर की सप्लाई करने वाले ठेकेदार ने कुलपति और उनके दो करीबियों पर आरोप लगाया है कि तीन करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर रहे है। एग्रीमेंट होने के बाद भी कुलपति व उनके दो करीबी जीएसटी के तीन करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर रहे है। और इसके लिए रिश्वत मांग रहे हैं। मना करने पर धमकी दे रहे है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है।

विश्वविद्यालय ने रोका 3 करोड़ का भुगतान

इस मामले में वीवीएयू में मैनपावर सप्लाई करने वाले साईं नाथ एसोसिएट्स कंपनी के संचालक उपेंद्र सिंह के मुताबिक 16 नवंबर 2017 में उन्होंने विश्वविद्यालय में मैन पावर आपूर्ति के लिए अनुबंध किया। बीबीएयू ने इसके लिए 6.25 करोड़ रुपये का अनुबंध किया था। विवि ने 3.25 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था। इसके बाद अन्य तीन करोड़ रुपये का भुगतान रोक लिया गया। इस संबंध में कई बार पत्र भेजा गया लेकिन विवि की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया।

आरोपी के खिलाफ विवि ने दर्ज करवाया है एफआईआर- कुलसचिव

इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने कहा कि आशियाना थाने में विश्वविद्यालय के कुलपति और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर का फैसला बिना विश्वविद्यालय का पक्ष लिए किया गया है। यह एफआईआर विश्वविद्यालय द्वारा बर्खास्त मैनपॉवर के ठेकेदार द्वारा किया गया है, जिसका ठेका विश्वविद्यालय ने निरस्त किया था।

ठेकेदार को विश्वविद्यालय द्वारा धांधली, आउटसोर्स कर्मचारियों से धन उगाही तथा फर्जी बैंक स्टेटमेंट जमा करने के आरोपों के कारण निकाला गया। फर्जी दस्तावेज जमा करने पर इस ठेकेदार के विरूद्ध विश्वविद्यालय द्वारा दिनांक 04 जुलाई 2022 को आशियाना थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है जो अभी विवेचनाधीन है।

वहीं ठेकेदार को पूर्व के सभी बिलों का भुगतान किया जा चुका है। ऐसा प्रतीत होती है कि यह एफआईआर आरोपी ने विश्वविद्यालय के खिलाफ फर्जी स्टेटमेंट के आधार पर दर्ज करवायी है।

विवि जीरो टालरेंस की नीति पर करता है कार्य - कुलसचिव

उन्होनें कहा कि विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर कार्य कर रहा है और इसी के आधार पर विश्वविद्यालय सफलता की नित नई ऊचाईयाँ को छू रहा है।

इस वर्ष देश की एनआईआरएफ रैंकिंग में यह पिछले एक वर्ष में दस स्थानों की छलांग के साथ 55वें स्थान पर आ चुका है। इस वर्ष केन्द्रीय विश्वविद्यालयों की संयुक्त प्रवेश परीक्षा सीयूईटी में प्रति सीट प्राप्त आवेदनों के मामलें में यह विश्वविद्यालय देश में अग्रणी है।



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