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CBSE 12th Board Exam: CBSE की 12वीं की होगी परीक्षा, इस दिन होगा तारीखों का ऐलान
CBSE 12th Board Exam: CBSE-ICSE की परीक्षाओं पर फैसला को लेकर रविवार को केंद्रीय मंत्रियों की बड़ी बैठक हुई है।
CBSE 12th Board Exam: कोरोना महामारी की वजह से सीबीएसई और आईसीएसई ( CBSE-ICSE) बोर्ड समेत कई परीक्षाओं स्थगित कर दिया गया है। CBSE-ICSE की परीक्षाओं पर फैसला को लेकर रविवार को केंद्रीय मंत्रियों की बड़ी बैठक हुई है। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की। इस मीटिंग में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक समेत कई केंद्रीय मंत्री शामिल रहे।
केंद्रीय मंत्रियों की उच्च स्तरीय बैठक में CBSE-ICSE 12वीं बोर्ड परीक्षा के अलावा नीट (NEET) और जेईई मेन (JEE Mains) समेत अन्य परीक्षाओं पर भी विचार विमर्श किया गया।
मंत्रियों की बैठक के बाद मिली जानकारी के मुताबिक, परीक्षाएं रद्द नहीं होंगी बल्कि इनका आयोजन जुलाई में किया जाएगा। बीते साल भी बोर्ड की परीक्षाएं जुलाई में कोविड प्रोटोकाल के साथ कराई गई थीं। शिक्षा मंत्री निशंक 1 जून को जानकारी देंगे कि परीक्षाएं किस फॉर्मेट, कब और कैसे होंगी।
परीक्षा के खिलाफ दिल्ली सरकार
दिल्ली की केजरीवाल सरकार परीक्षा कराने के पक्ष में नहीं है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि सरकार किसी भी तरह की परीक्षा कराने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने बताया कि बोर्ड द्वारा दिए गए दोनो ऑप्शंस से वह सहमत नहीं हैं। उन्होंने मांग की 12वीं के छात्रों को पिछले रिकार्ड के आधार पर ही पास कर दिया जाए। सिसोदिया ने कहा कि देश में कोरोना की तीसरी लहर की पहले अलर्ट जारी किया गया है और इसमें बच्चे सबसे ज्यादा चपेट में आएंगे। ऐसे में हमको एक अभिभावक की तरह सोचने की जरूरत है। परीक्षाओं को रद्द किया जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ बोर्ड का बड़ा फैसला
छत्तीसगढ़ बोर्ड ने परीक्षा कराने का नया फॉर्मूला निकाल लिया है। छत्तीसगढ़ बोर्ड ने रविवार को 12वीं के बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए घर से परीक्षा देने का ऑप्शन खोजा है। छात्र 1 जून से परीक्षा सेंटर से प्रश्नपत्र ले सकते हैं और पांच दिनों के अंदर अपनी आंसर शीट जमा कर सकते हैं। छात्र इससे आसानी से अपने घर पर प्रश्नों को हल कर सकेंगे। बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cgbse.nic.in पर इस संबंध पर जल्द नोटिस जारी किया जाएगा।
छात्रों की क्या है मांग
लंबे समय से छात्र द्वारा मांग की जा रही है कि बोर्ड परीक्षा को रद्द किया जाए। छात्रों ने कहा है कि कोरोना महामारी के समय में परीक्षा के आयोजन करने से छात्रों को संक्रमण का खतरा है। उनका कहना है कि ऐसी परिस्थितियों में छात्र मानसिक रूप से भी एग्जाम देने के लिए तैयार नहीं हैं। शिक्षा मंत्री निशंक ने छात्रों से कुछ दिनों पहले सुक्षाव मांग थे।
यूपी के छात्रों के लिए खुशखबरी
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के चलते सभी बोर्डों के सभी विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए शुल्क वृद्धि पर रोक लगा दी है। इस आशय का शासनादेश जारी कर दिया गया है। इन आदेशों का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी विद्यालय द्वारा इन निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो अभिभावक द्वारा जिले में गठित शुल्क नियामक समिति के समक्ष शिकायत की जा सकेगी।
जिला विद्यालय निरीक्षक को इन नियमों का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी दी गई है। यह जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि कोविड के चलते कई परिवार आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं। विद्यालय भौतिक रूप से बन्द हैं पर ऑनलाइन पठन—पाठन कार्य जारी है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने एक ऐसा संतुलित निर्णय किया है, जिससे कि आम जनमानस पर अतिरिक्त भार न पडे साथ ही विद्यालय में कार्यरत शिक्षक व शिक्षणेत्तर कार्मिकों को नियमित वेतन देना सुनिश्चित किया जा सके।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि विद्यालय शैक्षणिक सत्र 2021-22 में पिछले वर्ष की भांति उसी शुल्क संरचना के हिसाब से शुल्क ले सकेंगे, जो वर्ष 2019-20 में लागू की गई थी। अगर किसी स्कूल ने बढ़ी हुई शुल्क संरचना के हिसाब से फीस ले ली है तो इस बढ़ी हुई फीस को आगे के महीनों की फीस में समायोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि विद्यालय बन्द रहने की अवधि में परिवहन शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा अगर किसी छात्र अथवा अभिभावक को तीन माह का अग्रिम शुल्क जमा करने में किसी प्रकार की परेशानी आ रही है तो उनके अनुरोध पर उनसे मासिक शुल्क ही लिया जाए। इस स्थिति में उन्हें तीन माह का अग्रिम शुल्क देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा। इस पूरी खबर को पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें...
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