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CBSE CISCE Term 1 Exams 2022: बोर्ड परीक्षा मुंह पर छात्र चले सुप्रीम कोर्ट, एग्जाम को लेकर की ये बड़ी मांग
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड या सीबीएसई (CBSE) और काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्ज़ामिनेशंस या सीआईएससीई (CISCE) की कक्षा 10वीं और 12वीं की टर्म-1 बोर्ड परीक्षाएं जल्द शुरू होने वाली है।
CBSE CISCE Term 1 Exams 2022: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड या सीबीएसई (CBSE) और काउंसिल ऑफ इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्ज़ामिनेशंस या सीआईएससीई (CISCE) की कक्षा 10वीं और 12वीं की टर्म-1 बोर्ड परीक्षाएं जल्द शुरू होने वाली है। परीक्षा से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। अब, ऐसे में स्टूडेंट्स का एक ग्रुप सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। छह छात्रों के इस समूह ने CBSE और CISCE की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर याचिका दायर की है।
दरअसल, इन छात्रों ने याचिका में परीक्षाओं को 'ऑनलाइन मोड' (online mode) में कराने का आग्रह किया है। इन छात्रों ने आगामी बोर्ड परीक्षा 2022 को हाइब्रिड मोड (Hybrid Mode) में लेने का विकल्प मांगा है।
वर्तमान स्थिति क्या है?
बता दें, कि वर्तमान में दोनों ही राष्ट्रीय बोर्ड यानी CBSE और CISCE ने ऑफलाइन मोड में टर्म- 1 बोर्ड परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। हालांकि, CISCE ने पहले अपने बोर्ड के छात्रों को ऑफलाइन (Offline) या ऑनलाइन (Online) मोड में टर्म- 1 बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प दिया था। बाद में बोर्ड इससे पलट गई और कहा, कि वह केवल ऑफलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करेगा।
सुप्रीम कोर्ट से तत्काल निर्देश देने की मांग
छात्रों के इस समूह ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है। अपनी याचिका में छात्रों ने CBSE और CISCE दोनों बोर्ड के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की मांग संबंधी निर्देश सर्वोच्च अदालत से तत्काल देने की मांग की है।
COVID-19 के बढ़ते मामलों का दिया तर्क
याचिका दायर करने वाले छात्रों ने इसके पीछे देश में फिर से COVID-19 के बढ़ते मामलों का तर्क दिया है। याचिका एडवोकेट सुमंत नुकाला ने दायर की है। बता दें, कि इस बार से दोनों ही बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षा दो बार आयोजित करेंगे। दोनों बोर्ड की परीक्षाएं नवंबर 2021 से शुरू होने वाली है।
परीक्षा के सुपर स्प्रेडर बनने की आशंका
याचिका दायर करने वाले छात्रों के समूह का दावा है, कि ऑफलाइन परीक्षाओं के माध्यम से भीड़ बढ़ेगी। जिससे छात्र एक-दूसरे के संपर्क में आएंगे। जिससे COVID-19 संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। परीक्षार्थियों को डर है, कि परीक्षा कोरोना वायरस संक्रमण के लिहाज से एक 'सुपर स्प्रेडर' साबित हो सकती है। याचिकाकर्ता ने ये भी कहा है, कि इन दोनों बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की उम्र 18 वर्ष से कम है। इसलिए उन्हें कोरोना की वैक्सीन भी नहीं लगायी गयी है।
सोशल मीडिया पर हैशटैग ट्रेंड कर रहा
हालांकि, CBSE और CISCE दोनों ही बोर्ड ने पहले ही सूचित किया है कि वे COVID-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल के बीच परीक्षा आयोजित करेंगे। इसके लिए बोर्ड आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। इस याचिका के दायर होने के बाद छात्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी चिंता जाहिर कर रहे हैं। ताकि, टर्म-1 परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जा सके या उन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन का विकल्प दिया जा सके।