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अब सीबीएसई बोर्ड के पेपर नहीं हो सकेंगे लीक, माइक्रोसॉफ्ट ने तैयार किया ये प्लान
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर परीक्षाओं में पेपर लीक होने की घटनाओं को रोकने के लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। जुलाई 2018 में हुई कम्पार्टमेंट परीक्षा के दौरान 10वीं के 487 केंद्रों में 4,000 परीक्षार्थियों पर इसका परीक्षण किया गया। माइक्रोसॉफ्ट का दावा है कि प्रयोग सफल रहा है और अभी परीक्षण जारी है।
पिछले सत्र में 10वीं के गणित और 12वीं के इकोनॉमिक साइंस का पेपर लीक होने के बाद सीबीएसई की काफी बदनामी हुई थी। बोर्ड के 20,299 स्कूलों के छात्रों और उनके अभिभावकों ने नाराजगी भी जाहिर की थी। ऐसे में बोर्ड ने डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार कराने की योजना बनाई है। माइक्रोसॉफ्ट ने इस सिस्टम को तीन महीने में तैयार किया है।
प्रश्न पत्र लीक होने पर भी डाउनलोड नहीं कर पाएंगे
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के एमडी और क्लाउड एंड एंटरप्राइज के वाइस प्रेसिडेंट अनिल भंसाली ने बताया, हमारे डिजिटल प्लेटफॉर्म के तहत परीक्षा केंद्रों में परीक्षा शुरू होने से महज 30 मिनट पहले प्रश्न पत्र भेजा जाएगा। प्रश्न प्रत्र लीक भी हो जाता है तो भी साइबर क्रिमिनल उसे परीक्षा शुरू होने के 30 मिनट बाद ही डाउनलोड कर पाएंगे। प्रश्न पत्र पर संबंधित सेंटर का वॉटरमार्क भी होगा, जिससे उसकी पहचान हो सकेगी। भंसाली ने कहा कि परीक्षा शुरू होने के तीस मिनट बाद पेपर लीक हो भी जाएगा तो इसका परीक्षा पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
कैसे काम करेगी यह प्रक्रिया
माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक, नया सॉफ्टवेयर परीक्षा नियंत्रक को विंडोज 10 और माइक्रोसॉफ्ट 365 के माध्यम से पूरी प्रोसेस ट्रैक करने की अनुमति देगा। पूरी प्रोसेस इनक्रिप्टेड रहेगी और दो तरह के ऑथेन्टिकेशन ओटीपी और बायोमेट्रिक्स के बाद ही काम करेगी। ऐसे में परीक्षकों को पहले अपना वेरिफिकेशन कराना होगा। उसके बाद ही वे प्रश्न पत्र डाउनलोड कर पाएंगे।