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CBSE WORKSHOP: CBSE प्राचार्यों को सिखाएगा बच्चों का ख्याल रखना , 26 सितंबर को होगी वर्कशॉप
CBSE WORKSHOP:CBSE बोर्ड द्वारा इस महीने के अंत में प्राचार्यों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस वर्कशॉप का लक्ष्य प्राचार्यों को बच्चों का ख्याल रखने का प्रशिक्षण दिया जाएगा .
CBSE Workshop : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अब प्रधानाचार्यों को सिखाएगा कि वे किस तरह से बच्चों का ख्याल रख सकते हैं। इसके लिए बोर्ड स्कूल से संबंधित प्राचार्यों के प्रति बाल मनोविज्ञान की सूझ विकसित करेगा I इसके लिए बोर्ड की तरफ से कार्यशाला आयोजित की जाएगीI । ये वर्कशॉप दिल्ली के एक स्कूल में आयोजित होगी I
बच्चों के मानसिक विकास को किया जाएगा सशक्त
CBSE द्वारा इस कार्यशाला को दिल्ली-एनसीआर के CBSE स्कूल के प्राचार्यों के लिए रेखांकित किया गया है। ये वर्कशॉप बच्चों के मानसिक विकास को सुदृण करने में महत्पूर्ण भूमिका निभाएगी I जो भी संवाद विकसित किये जाएंगे उसके अंतर्गत छात्र छात्राओं के भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।26 सितंबर को होगा कार्यशाला का आयोजन
प्राचार्यो के लिए इस कार्यशाला का आयोजन 26 सितंबर को लोदी एस्टेट स्थित सरदार पटेल स्कूल में होगा। इस वर्कशॉप के तहत मनोविज्ञान की समझ, माता-पिता और बच्चों के बीच प्रभावी संचार, अनुशासन और सहानुभूति के बीच संतुलन, बच्चों की शैक्षिक यात्रा जैसे विषयों को प्रमुखता से प्रस्तुत किया जाएगा ।भविष्य में शैक्षिक परिदृश्य बेहतर करने का प्रयास
बोर्ड के अनुसार, हम शैक्षिक परिदृश्य में रोजाना आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे में बच्चों के प्रभावी पालन-पोषण का महत्व बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य भी विद्यार्थियों के समग्र विकास में स्कूलों, अभिभावकों और समुदाय की भूमिका को बढ़ाना है । जिसके तहत ये आवश्यक है, हम अपनी भविष्य की पीढ़ियों का पोषण करने के लिए विद्यालय और परिवार के मध्य एक सहयोगी दृष्टिकोण विकसित करने का कार्य पूर्ण करेंपालन पोषण संबंधी जानकारी देना बोर्ड का उद्देश्य
बोर्ड ने अभिभावकों को ये सिखाने के लिए कि बच्चों का किस तरह ख्याल रखें, इसके लिए पॉजिटिव पैरेंटिंग जो ए रेडी रेकनर नाम से तैयार की गयी थी I इस पुस्तक का उद्देश्य बच्चों व अभिभावकों के बीच के संबंध को गहरा करना एवं बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना । इस पुस्तक के माध्यम से बच्चों की देखभाल और पालन-पोषण के लिए उन्हें बारीकियां सिखाई गयीं ।
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