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CCSU News Meerut: CCSU में आयोजित हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रोग्राम, कबीर के विचारों पर हुआ चिंतन

CCSU News Meerut: प्रो. माया मलिक ने कहा कि कबीर बडे समाज सुधारक, कवि और संत हैं। उनका काव्य किसी एक दृष्टि से पूर्ण रूप से नहीं समझा जा सकता, उसे कई परिप्रेक्ष्यों में समझा जा सकता है। डॉ. ललिता यादव ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं विद्यार्थी. की रचनात्मकता को अभिव्यक्त करने का माध्यम होती है, इसलिए विद्यार्थियों को प्रतियोगिताओं में भागीदारी अवश्य करनी चाहिए।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 22 Aug 2022 2:47 PM GMT
ccsu news meerut national seminar program organized in ccsu
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CCSU News Meerut (Social Media)

CCSU News Meerut: हिंदी विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ तथा संत कबीर अकादमी, मगहर (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) द्वारा दिनांक 22 अगस्त, 2022 को राष्ट्रीय संगोष्ठी 'कबीर का चिंतन और भारतीय समाज' के अवसर पर अंतर विश्वविद्यालय निबंध लेखन प्रतियोगिता एवं आशु भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी ने की।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक की हिंदी विभाग की आचार्य प्रो. माया मलिक रहीं। प्रतियोगिताओं में डॉ. ललिता यादव, डॉ. राजेश कुमार और सुधाकर आशावादी ने निर्णायक की भूमिका निभाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी ने कहा कि कबीर अपने समय के बड़े समाज सुधारक थे, उन्होंने सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी।

कबीर का काव्य मध्य काल में आधुनिक संदर्भों और समस्याओं को रेखांकित करने वाला साहित्य है। कबीर हिंदी साहित्य के स्तम्भ हैं क्योंकि उनके काव्य में भक्ति, रहस्य भाव, प्रेम, व्यंग्य, सामाजिक सरोकार एक साथ एक ही भूमि पर मिलते हैं। कबीर अपने समय के क्रांतिकारी कवि थे। यह राष्ट्रीय संगोष्ठी आधुनिक संदर्भों में कबीर की प्रासंगिकता को तथ्य रूप में प्रमाणित करने में सहायक सिद्ध होगी।


प्रतियोगिताएं विद्यार्थी की क्रियात्मक एवं रचनात्मकता को अभिव्यक्त करने का होती है माध्यम- प्रो. माया मलिक

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. माया मलिक ने कहा कि कबीर बडे समाज सुधारक, कवि और संत हैं। उनका काव्य किसी एक दृष्टि से पूर्ण रूप से नहीं समझा जा सकता, उसे कई परिप्रेक्ष्यों में समझा जा सकता है। डॉ. ललिता यादव ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं विद्यार्थी. की रचनात्मकता को अभिव्यक्त करने का माध्यम होती है, इसलिए विद्यार्थियों को प्रतियोगिताओं में भागीदारी अवश्य करनी चाहिए। इससे आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास दोनों होते हैं। डॉ. सुधाकर आशावादी ने कहा कि युवाओं का विकास समाज और देश के विकास से जुड़ता है। इसलिए एक विकसित समाज और देश के लिए एक जागरूक विद्यार्थी का होना जरूरी है।

डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि सभी विद्यार्थियों ने प्रतियोगिता के विषयों को सफलतापूर्वक अभिव्यक्त किया। विद्यार्थी जीवन का यह प्रयास भविष्य में सामाजिक, राजनैतिक मुद्दों पर अपनी राय बनाने में और प्रकट करने में सहायक होगा। उपर्युक्त प्रतियोगिताओं में विश्वविद्यालय परिसर के दस विभागों के 27 विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की। प्रतियोगिताओं का परिणाम कल दिनांक 23 अगस्त 2022 को राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में कुलपति जी की उपस्थिति में घोषित किया जाएगा। दिनांक 23 अगस्त को राष्ट्रीय संगोष्ठी चार सत्रों में संचालित की जाएगी।

कार्यक्रम के समापन सत्र सांस्कृतिक संध्या में डॉ. गजेन्द्र पाण्डेय और अन्य साथियों द्वारा कबीर भजनों का गायन प्रस्तुत किया जाएगा। इस अवसर पर रेशम विभाग, मेरठ द्वारा प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस कार्यक्रम में डॉ. विद्यासागर सिंह, डॉ. अंजू, डॉ. प्रवीण कटारिया, डॉ. यज्ञेश कुमार, डॉ. योगेन्द्र सिंह, विनय कुमार, कु. पूजा कसाना, पूजा यादव, अंकिता तिवारी, अरशदा रिजवी, स्वाति, अंजली पाल, राधा, निकुंज, आयुषी, प्रियंका, कनिष्का, शिफा, वसीम खान, रूज़ा, संध्या शर्मा, स्तुति शर्मा, अवंतिका गौतम, यशस्वी, स्वाति गौतम, शिवानी शर्मा, सोनिया सैनी और शालिनी आदि लोग उपस्थित रहें।

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