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CCSU ने लेबग्रेड तकनीक को इंडस्ट्री तक पहुँचाया, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए मिले 50 लाख रूपये

CCSU News: पॉलीविनाइल ब्यूट्रील (PVB) सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली इंटरलेयर सामग्री है। भारत में PVB शीट मुख्य रूप से चीन से आयात की जाती हैं और सुरक्षित गिलास के निर्माण में उपयोग की जाती हैं।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 30 Aug 2022 6:15 PM IST
CCSU Received 50 lakh rupees For Technical Transfer Program
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CCSU Received 50 lakh rupees For Technical Transfer Program (Social Media)

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CCSU News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के रसायन विभाग में तकनीकी स्थानांतरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे सिद्धिविनायक इंटरप्राइजेज लुधियाना के सीईओ हिमांशु गर्ग ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला को 50 लाख रूपये का चेक सौंपा। आपको बता दें कि 2015 में डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, गवर्मेंट ऑफ इंडिया तथा सिद्धिविनायक इंडस्ट्रीज लुधियाना द्वारा एक रिसर्च प्रोजेक्ट प्रो.आरके सोनी को सेंशन किया गया था।

पॉलीविनाइल ब्यूट्रील (PVB) सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली इंटरलेयर सामग्री है। भारत में PVB शीट मुख्य रूप से चीन से आयात की जाती हैं और सुरक्षित गिलास के निर्माण में उपयोग की जाती हैं।


इन उत्पादों के मुख्य उपभोक्ता रेलवे, ऑटोमोबाइल, ऊंची इमारतों (संरचनात्मक और वास्तुशिल्प), रक्षा, विमान, समुद्री जहाजों और घरेलू अनुप्रयोगों में हैं।

प्रो.संगीता शुक्ला ने तकनीकी स्थानांतरण के लिए रसायन विज्ञानं विभाग को और इन्वेंटर्स प्रो.आर.के.सोनी और डॉ.मीनू तेवतिया को बधाई दी। इस तकनीकी स्थानांतरण के पश्चात लैब में तैयार किया गया लैमिनेटेड गिलास अब इंडस्ट्री में बनाया जायेगा जो हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।

कुलपति प्रो.संगीता शुक्ला ने उपस्थित सभी शिक्षकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा की वे अपने शोध कार्यो को लैब से लैंड तक पहुचाये।

तीन वर्षो में किये गए शोध कार्य में तीन तकनीक develop की गयी है। जिसके द्वारा architectural glass, automobile glass और security glass बनाये जा सकेंगे। अभी तक विदेशों से आयात इंटरलाएर से गिलास बनाये जाते है जो की महंगे है और उनको बनाने की प्रक्रिया बहुत ही जटिल है।

यह शोध कार्य रसायन विज्ञान विभाग के प्रो.आर.के.सोनी और Dr. मीनू तेवतिया ने किया। इस शोध कार्य को पेटेंट भी करा लिया है।

यह विश्वविद्यालय के लिए बड़े ही गौरव की बात है की पहली बार किसी इंडस्ट्री ने आगे बढ़कर रिसर्च के लिए फंडिंग की है और टेक्नोलॉजी को खरीदा है। कार्यक्रम में प्रो.बीरपाल सिंह, डॉ.नीरज सिंघल, डॉ.स्वाति सिंह, डॉ.नाज़िआ तरन्नुम, डॉ.प्रियंका, डॉ.मनीषा, डॉ.मुकती, मोहित चौहान आदि लोग मौजूद रहे।



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