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UPSC प्रिलिम्स कैंडिडेट्स के लिए खुशखबरी, अतिरिक्त अवसर देने पर केंद्र सहमत

अक्टूबर 2020 में UPSC की सिविल सेवा में अपना आखिरी मौका गंवा चुके अभ्यर्थियों को एक और अतिरिक्त अवसर दिया जाएगा।

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Newstrack Network NetworkPublished By Ashiki
Published on: 8 May 2021 2:48 PM GMT
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File Photo

नई दिल्ली: यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। कोरोना वायरस महामारी के बीच अक्टूबर 2020 में संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC की सिविल सेवा 'प्रारंभिक परीक्षा' में अपना आखिरी मौका गंवा चुके अभ्यर्थियों को एक और अतिरिक्त अवसर दिया जाएगा। इसे लेकर केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया।

न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की पीठ को केंद्र ने बताया कि ये फैसला सिर्फ एक बार के लिए उन उम्मीदवारों के लिए है, जिनकी उम्र सीमा से ज्यादा हो गई है। यानी कि अतिरिक्त अवसर की ये छूट सिर्फ उन लोगों के लिए है जिनके पास CSE 2020 में बैठने के लिए आखिरी मौका था। साथ ही सिर्फ ऐसे कैंडिडेट्स को ही उम्र सीमा में छूट मिलेगी, जो CSE 2021 के लिए मान्य होंगे।

इसका मतलब सिविल सेवा परीक्षा 2021 में बैठने के लिए अतिरिक्त अवसर उन्हें नहीं दिया जाएगा, जो परीक्षा अटेंप्ट करने की अपनी आखिरी नहीं गंवा रहे होंगे। आपको बता दें कि केंद्र सरकार और यूपीएससी के बीच इसे लेकर पहले भी कई बार सुनवाई हो चुकी है। इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने इस बात का जिक्र किया था कि चार अक्टूबर 2020 को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में ऐसे छात्र जो शामिल हुए थे लेकिन उनकी उम्र सीमा 2021 में खत्म नहीं हो रही है, उनकी संख्या 3,863 है। वहीं, जिनकी उम्र सीमा खत्म हो गई है उनकी संख्या 2,236 है, जबकि जिन अभ्यर्थियों की उम्र सीमा के मुताबिक 2020 आखिरी वर्ष था और वह इस परीक्षा में शामिल नहीं हुए थे उनकी संख्या 4,237 है।

इस मामले में न्यायालय ने कहा था कि 2021 की परीक्षा में अतिरिक्त अवसर की जरूरत वाले अभ्यर्थियों की कुल संख्या 10,336 है, जो 2020 की प्रारंभिक परीक्षा का आवेदन करने वालों का 0.97 प्रतिशत है। साथ ही न्यायालय ने इस बात का भी जिक्र किया कि यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम उम्र सीमा 32 वर्ष है और इस परीक्षा में उन्हें छह बार बैठने की अनुमति दी गई है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उम्र और अवसर में अतिरिक्त छूट प्राप्त हैं।

दरअसल, बैंच एक सिविल सर्विस कैंडिडेट रचना सिंह द्वारा फाइल की गई दलील पर सुनवाई कर रही थी। कैंडिडेट रचना सिंह UPSC एग्जाम के लिए एक और मौका चाह रही थीं। उन्होंने UPSC प्रिलिम्स देने का अपना आखिरी मौका कोरोना महामारी के चलते खो दिया था।

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