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केंद्र सरकार खोलेगी अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए स्कूल
अनुसूचित जाति (SC) की छात्राओं का ड्रॉप आउट रोकने के लिए केंद्र सरकार नए आवासीय स्कूल खोलेगा। इन स्कूलों की 70 फीसदी सीटें उन एससी की छात्राओं के लिए रिजर्व होंगी। जिनकी पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपए सालाना से कम होगी।
नई दिल्ली : अनुसूचित जाति (SC) की छात्राओं का ड्रॉप आउट रोकने के लिए केंद्र सरकार नए आवासीय स्कूल खोलेगी। इन स्कूलों की 70 फीसदी सीटें उन एससी की छात्राओं के लिए रिजर्व होंगी। जिनकी पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपए सालाना से कम होगी। इसके अलावा बाकी 30 पर्सेंट सीटें बीपीएल वर्ग की दूसरी छात्राओं के लिए होंगी। ये स्कूल सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अनुदान से चलाए जाएंगे और प्रदेश में इनका संचालन समाज कल्याण विभाग करेगा।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की सचिव जी. लता कृष्णा राव की तरफ से इस संबंध में मुख्य सचिव राहुल भटनागर के पास पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार की इस योजना को विशेष तरजीह दी जाए और तत्काल प्रभाव से शुरू किया जाए। कक्षा 6 से 12 तक के ये आवासीय स्कूल शैक्षिक रूप से पिछड़े हुए जिलों में खोले जाएंगे। इन्हें ऐसी जगह पर खोला जाएगा जहां एससी की जनसंख्या अधिक होगी।
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नि:शुल्क मुहैया करवानी होगी जमीन
इस योजना के तहत केंद्र सरकार पैसा देगी लेकिन जमीन की व्यवस्था प्रदेश सरकार को करनी होगी। हर स्कूल 15 से 20 एकड़ में बनेगा। यह जमीन प्रदेश सरकार को नि:शुल्क उपलब्ध करवानी होगी। बिल्डिंग बनने तक ये स्कूल किसी किराए के मकान में भी संचालित किए जा सकेंगे। परियोजना के मुताबिक प्रदेश सरकार ही भवन बनाने के लिए अधिकृत होगी। शुरुआती 3 साल तो केंद्र सरकार स्कूल चलाने के लिए फंड मुहैया करवाएगी और इसके बाद प्रदेश सरकार को खुद ही इसके इंतजाम करने होंगे। स्कूल के भवन निर्माण से लेकर शिक्षकों की तैनाती तक प्रदेश सरकार को ही करनी होगी।
पिछड़े ब्लॉकों में खुलेंगे स्कूल
इसके लिए सरकार ने यह दिशा-निर्देश भी दिए हैं जिसके तहत इस योजना के लिए स्कूल शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लॉकों में ही खोले जाएंगे। इसके साथ ही एक प्रदेश में अधिकतम 5 ही स्कूल खोले जाएंगे। ये पांचों स्कूल प्रदेश की अधिकतम एससी जनसंख्या वाले जिलों में खोले जाएंगे। सरकार ने यह भी कहा है कि हर कक्षा में केवल 60 छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा जिसमें 30-30 छात्राओं के दो सेक्शन होंगे।