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कॉलेज नहीं जा सकते तो ओपन एजुकेशन अच्छा विकल्प

raghvendra
Published on: 2 Jun 2018 12:08 PM IST
कॉलेज नहीं जा सकते तो ओपन एजुकेशन अच्छा विकल्प
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अगर आपको किसी कारण स्कूल कॉलेज जाने में परेशानी होती है तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। लाखों युवा हर वर्ष किसी न किसी मजबूरी के चलते अपनी माध्यमिक शिक्षा को पूरा करने में असमर्थ होते हैं लेकिन वे ओपन एजुकेशन के जरिए आगे की शिक्षा की ओर अपना कदम बढ़ा कर एक अच्छे कॅरियर की शुरुआत कर सकते हैं। भारत में ओपन स्कूल के प्रति रुचि तेजी से बढ़ रही है। एक तो महंगाई के इस दौर में शिक्षा भी महंगी हो चुकी है और ओपन एजुकेशन उन लोगों के लिए सार्थक प्रयास है जो आर्थिक समस्या के चलते या दूरदराज के क्षेत्रों में रहने की वजह से माध्यमिक शिक्षा से वंचित रह गए हैं। ओपन स्कूल्स से गांवों में रहने वाले लाखों भारतीयों को अफोर्डेबल फीस में क्वालिटी एजुकेशन मिल रही है। इससे उन्हें आगे बढऩे के भी कई अवसर मिल रहे हैं। इस डिग्री की वैद्यता भी अन्य मान्यता प्राप्त डिग्री के बराबर ही होती है।

यहाँ से कर सकते हैं पढ़ाई

देश में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान तथा ग्रामीण मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, राज्यों के ओपन स्कूल जैसे उत्तर प्रदेश स्टेट ओपन स्कूल बोर्ड, जैसे मुक्त विद्यालय हैं। वे लोग जिनकी किसी कारणवश पढ़ाई पूरी न हो पाई हो, उन तक शिक्षा पहुंचाने और एक अच्छा रोजगार व कॅरियर बनाने में ओपन स्कूल्स की बड़ी भूमिका है। इन ओपन स्कूल्स में स्टूडेंट्स बिना स्कूल आए अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं।

आवेदन प्रक्रिया

सेकेंडरी कोर्स में प्रवेश के लिए आठवीं पास होना अनिवार्य है। सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट कोर्स करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं पास अनिवार्य है। सेकेंडरी तथा सीनियर सेकेंडरी सर्टिफिकेट के माध्यम से किसी भी वोकेशनल कोर्स में एडमिशन लिया जा सकता है। ओपन स्कूल्स में प्रवेश के लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या फिर उसके सेंटर्स पर जाकर भी आवेदन पत्र भर सकते हैं। वोकेशनल कोर्सेज के लिए पूरे वर्ष एडमिशन चालू रहते हैं। अभ्यर्थी किसी भी समय ओपन स्कूल्स से वोकेशनल कोर्स करके सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकता है।

वोकेशनल कोर्स भी कर सकते हैं

जो लोग नौकरी के चलते अपनी पढ़ाई पूरी न कर सके हों, वे भी अपनी फील्ड का वोकेशनल कोर्स करके उस फील्ड में महारत हासिल कर अच्छा कॅरियर भी बना सकते हैं। आप अपनी जरूरत के अनुसार कोई भी विषय चुन सकते है। इसमें प्रवेश करने के लिए अधिकतम आयु सीमा नहीं होती है। बेसिक एजुकेशन, दसवीं, बारहवीं के अलावा वोकेशनल कोर्स कर सकते हैं।

टेक्नोलॉजी की ले सकते हैं मदद

मुक्त विद्यालय प्रणाली में टेक्नोलॉजी का बड़ा फायदा है। इंटरनेट से शिक्षा प्राप्त की जा सकती है और विद्यार्थी कहीं भी अपनी शिक्षा से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा दे सकते हैं। ग्रुप डिस्कशन में भाग ले सकते हैं और समृद्ध विषय-सामग्री द्वारा अध्ययन कर सकते हैं। वर्चुअल क्लास रूम्स, पठनीय सामग्री, स्वाध्याय सामग्री, रिकॉर्डेड प्रस्तुतियों और शेयर्ड ब्राउजिंग का भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। छात्रों को सेल्फ लर्निंग मैटेरियल दिया जाता है।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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