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DDU University Gorakhpur: CSTUP के प्रोजेक्ट पर रिसर्च करेंगी डॉ.सुनीता
DDU University Gorakhpur: डॉ.सुनीता ने बताया कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के सर्वेक्षण के मुताबिक पूर्वांचल में विटामिन "ए" की कमी बहुत ही भयावह स्थिति में है|
DDU University Gorakhpur: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग की सहायक आचार्य डॉ.कुमारी सुनीता को काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूपी से एक बड़ा प्रोजेक्ट मिला है, जिसका शीर्षक "स्टडी दी एजिंग इफेक्ट ऑफ गोल्डन स्वीट पोटैटो आईपॉमिया बटाटा ट्यूबर ऑन केरोटेनॉइड कंटेंट : एन इन्नोवेटिव एप्रोच टुवर्ड्स विटामिन ए बायोफोर्टिफिकेशन है। डॉ.सुनीता ने बताया कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के सर्वेक्षण के मुताबिक पूर्वांचल में विटामिन "ए" की कमी बहुत ही भयावह स्थिति में है। पूर्वांचल के जनपदों में 3-5 साल के बच्चे 40.9% विटामिन "ए" की कमी से प्रभावित हैं। जिससे कम उम्र के बच्चों व बुजुर्गों में आँखों की बीमारियां जैसे रतौन्धी अश्रुश्राव, मोतियाबिंद होने लगती हैं।
विटामिन "ए" की कमी से हर साल होती है लाखों बच्चों की मृत्यु
विटामिन "ए" की कमी होने पर प्रतिजैविक दवाएं असर नही करती|जिससे हर साल लाखों बच्चों की मृत्यु दस्त व पेचिश से हो जाती है। सुनहरी शकरकंद के गुद्दे का रंग पीला या नारंगी होता है। इसे गोल्डेन स्वीट पोटैटो कहते है। इसके पीले या नारंगी रंग होने से इसमें पर्याप्त मात्रा में बीटा कैरोटीन नामक वर्णक पाया जाता है।जो खाने के बाद विटामिन "ए" में परिवर्तित हो जाता हैं। सुनहरी शकरकंद की 100 ग्राम कंद खाने से पूरे एक सप्ताह तक विटामिन "ए" की पूर्ति हो जाती है। वैज्ञानिकों ने यह तथ्य उजागर किया है।
लेकिन अभी तक इसके शकरकंद में प्रकाश और समय के साथ विटामिन "ए" में कितनी कमी होती है। वह पता नहीं है। वर्तमान योजना के अंतर्गत इसी तथ्य की खोज की जाएगी। सुनहरी शकरकंद की 10 प्रजातियां पीआरडीएफ द्वारा विकसित की गई हैं उनका सहयोग इस प्रोजेक्ट में रहेगा।
विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने दी बधाई
इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजेश सिंह, रजिस्ट्रार विशेश्वर प्रसाद, परीक्षा नियंत्रक राकेश कुमार ,वित्त अधिकारी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर अजय सिंह, पीआरडीएफ़ के डायरेक्टर डॉ राम चेत चौधरी, वनस्पति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पूजा सिंह और विश्वविद्यालय एवं विभाग के सभी शिक्षकों ने बधाई दी।
डॉक्टर कुमारी सुनीता को 23 से 26 अगस्त तक पुत्रा यूनिवर्सिटी मलेशिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में "आउटस्टैंडिंग वूमेन रिसर्च इन पीजीपीआर "का अवार्ड प्राप्त हुआ। अब तक डॉक्टर सुनीता को विभिन्न संस्थाओं द्वारा 10 अन्य पुरस्कार मिल चुके हैं इनके 33 शोध पत्र 5 बुक/बुक चैप्टर विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में लेख प्रकाशित हुआ है।