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UP के दर्जनों स्कूलों को शिक्षा विभाग नहीं मानता सेफ, जानिए क्या है कारण
लखनऊ : राजधानी के 4 दर्जन से ज्यादा स्कूलों को यूपी का शिक्षा विभाग सेफ नहीं मानता है। इन स्कूलों को संवेदनशील मानते हुए इन्हें बोर्ड परीक्षा का सेंटर बनने की दौड़ से बाहर किया जा सकता है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सारे एसडीएम स्तर के अधिकारियों से अपनी अपनी तहसील के स्कूलों का निरीक्षण करके रिपोर्ट सौपने को कहा है।
शिक्षा विभाग इन कारणों से मानता हैं अनसेफ
-यूपी बोर्ड की सचिव शैल यादव ने बताया आगामी 2017 की यूपी बोर्ड परीक्षाओं के लिए सेंटर बनाने की प्रोसेस शुरू कर दी गई है।
-इस बार ऐसे स्कूलों को सेंटर नहीं बनाया जाएगा, जिन्होंने पिछले साल की बोर्ड परीक्षा में सीसीटीवी की फुटेज डिपार्टमेंट को उपलब्ध नहीं करवाई है।
-नियमो के तहत बोर्ड एग्जाम के सेंटर बने स्कूलों को नकलविहीन परीक्षा करवाने का सुबूत देना था।
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-इतना ही नहीं उन्हें इसकी सीडी अपने अपने जिलो के डीआईओएस के यहाँ सौपनी थी।
-हर जिले के डीआईओएस को इसको बोर्ड को सौपना था।
-कई स्कूलों ने बोर्ड एग्जाम के कई महीनो बाद भी ये सीडी जमा नहीं की है।
क्या कहना है डीआईओएस का?
-डीआईओएस उमेश त्रिपाठी ने बताया कि नकलविहीन बोर्ड परीक्षा करवाना हमारी प्राथमिकता रहती है।
-आगामी बोर्ड परीक्षा के लिए सेंटर बनाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
-इसके लिए बोर्ड से प्राप्त निर्देशों के तहत प्रोसेस फॉलो करवाया जा रहा है।
-इसके लिए सभी एसडीएम को अपने अपने क्षेत्र में स्कूलों का फिजिकल वेरिफिकेशन करने का आग्रह किया गया है।
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-उनका कहना है कि 'हमने एसडीएम को उनके इलाके के स्कूलों की लिस्ट भेजी है, जहां जाकर उनको सिक्योरिटी, सेफ्टी और रिसोर्सेज का फिजिकल वेरिफिकेशन करना होगा।'
-फिर वे अपनी रिपोर्ट डीएम को सौपेंगे।
-इस रिपोर्ट के आधार पर ही बोर्ड परीक्षा के सेंटरों का निर्धारण किया जाएगा।
-इसके अलावा अभी तक प्रदेशों के कई स्कूलों ने पिछली बोर्ड परीक्षा की फुटेज नहीं सौंपी है।
-ऐसे स्कूलों को सेंटर बनने की दौड़ से बाहर किया जाएगा।
-केंद्र निर्धारण कमिटी की बैठक 3 नवंबर को होनी है। इसमें कई अहम निर्णय लिए जाएंगे।