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ऐसे करेंगे परीक्षा की तैयारी तो पढ़ाई का तनाव नहीं पड़ेगा आप पर भारी

suman
Published on: 12 Jan 2019 2:35 AM GMT
ऐसे करेंगे परीक्षा की तैयारी तो पढ़ाई का तनाव नहीं पड़ेगा आप पर भारी
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जयपुर:परीक्षा की घड़ी हर इंसान को डराती है। चाहे बाद में परिणाम जो भी हो पहले तो तनाव बना रहता है। परीक्षा की तैयारी के समय डर कैसे कम किया जा सकता है यह जानना जरूरी है । स्टूडेंट परीक्षा की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ते। परीक्षा का समय बच्चों और उनके माता-पिता, दोनों के लिए तनाव भरा होता है, जिसमें कुछ तनाव सकारात्मक परिणाम देते हैं तो वहीं अच्छे प्रदर्शन के लिए जरूरत से अधिक स्ट्रेस (तनाव) का विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है। लेकिन समझदार माता-पिता होने के नाते अपने बच्चों को ऐसे तनाव से निपटने में सक्षम बना सकते हैं।

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परीक्षा के तनाव से निपटना मुश्किल नहीं है। इसके लिए आवश्यक होते हैं परीक्षा की तैयारी करना, आत्मविश्वास होना और नतीजे के प्रति सकारात्मक अपेक्षा रखना। कई बच्चों और परिजनों को परीक्षा का तनाव इसलिए होता है क्योंकि उनके मन में परीक्षा में प्रदर्शन और उसके नतीजों का डर होता है। इसका कारण या तो आत्मविश्वास की कमी या परीक्षा में बेहतरीन नतीजे लाने का दबाव होता है।ऐसी स्थिति में माता-पिता परीक्षा और उसकी तैयारियों में सहयोग देकर बच्चों की सहायता कर सकते हैं। माता-पिता बच्चों के प्रेरणास्रोत होते हैं और बच्चों की भावनात्मक स्थिति काफी हद तक माता-पितां के सहयोग पर निर्भर करती है।

परीक्षा का तनाव होना एक बात है, लेकिन यदि आप परीक्षा में तनाव के लक्षणों से परिचित हों तो इनसे बेहतर तरीके से निपट सकते हैं। सरदर्द और माइग्रेन,मांसपेशियों में तनाव और शरीर का दर्द ,भूख में बदलाव दिखना, पेट में दर्द,कब्ज या दस्त ,नींद की परेशानी ,चिड़चिड़ापन बढ़ जाना और मूड में बदलाव,ध्यान एकाग्र करने में परेशानी।

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ये कुछ आम लक्षण हैं, लेकिन यदि ये लंबे समय तक जारी रहें तो ये परेशानी के सबब बन सकते हैं या परीक्षा के प्रदर्शन को भी प्रभावित कर सकते हैं। दिल का तेजी से धड़कना, तेज रफ्तार से सांस भरना और हाथों में पसीना आना तनाव के कुछ गंभीर लक्षण हैं, जो अक्सर बोर्ड एक्जाम के दौरान दिखाई देते हैं।

एक माता-पिता होने के नाते आप इन लक्षणों पर ध्यान देते हुए बच्चों को तनाव से निपटने में मदद कर सकते हैं।एक सहयोगी और सकारात्मक पैरेंट्स अपने बच्चे को भी सकारात्मक और आत्मविश्वासी बना सकते है। हर बच्चे का व्यक्तित्व अलग होता है और सीखने के उनके अपने तरीके होते हैं, इसलिए बच्चों की आपस में तुलना करने से बचें। अपने बच्चे की क्षमताओं की सराहना करें और उन्हें अपने तरीके से सफल बनने के लिए प्रोत्साहित करें।

परीक्षा के पैटर्न को अच्छी तरह से समझे और उनमें पूछे जाने वाले प्रश्नों से अच्छी तरह जान लें। इससे आत्मविश्वास आएगा और सही योजना बनाने में मदद मिलेगी।

*प्रतिदिन प्रैक्टिस (अभ्यास) करें और नियमित रूप से रिवीजन करें। अपने समय का सही प्रबंधन करें, अपने टाइम-टेबल के अनुसार पढ़ाई करें और स्वस्थ रूटीन (दिनचर्या) बनाएं। शरीर के संकेतों पर ध्यान दें, और जब जरूरी लगे तब आराम करें।परीक्षा के बाद उत्तरों पर चर्चा करने से बचें। जो परीक्षा हो गई उसकी चिंता से परेशान होने की बजाय अगले पेपर पर फोकस करें।

*परीक्षा के समय आराम करना भी समान रूप से जरूरी है। लगातार पढ़ते रहने और तनाव से थकावट और कमजोरी हो सकती है, वहीं कुछ देर के आराम से मन और बुद्धि तरोताजा हो जाती है। परीक्षा के समय आराम करने के खुद के तरीके चुन सकते हैं। एक ब्रेक लेकर बाहर जाकर टहलकर आएं, अपना पसंदीदा खेल खेलें या जिम जाएं।अपने शौक, संगीत, कला या कोई किताब पढ़ने का आनंद लें।स्ट्रेचिंग और प्रतिदिन व्यायाम से मांसपेशियों को तनाव मुक्त करें।रोजाना और परीक्षा के दौरान भी प्राणायाम (गहरी सांस भरना और छोड़ना) का अभ्यास करें।गर्म पानी से नहा लें।रात को अच्छी नींद लें।

*बच्चों को स्वस्थ और तनाव मुक्त रखने में भोजन की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। परीक्षा के तनाव से शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन्स बढ़ जाते हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन होता है और इसका असर भूख पर भी पड़ता है। कुछ बच्चों को बिल्कुल भूख नहीं लगती और कुछ को जंक, उच्च फैट वाले भोजन या मिठाई खाने की इच्छा होती है। लेकिन वास्तव में इसी समय ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना जरूरी होता है।

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*अपने भोजन में साबुत अनाज ,ताजा फल और सब्जियां शामिल करें। फिट रहने के लिए प्रोटीन से युक्त आहार आवश्यक होता है। इसलिए स्प्राउट्स (अंकुरित दाल), दाल, अंड, मछली और कम वसा (फैट) वाला मांस जैसे उच्च प्रोटीन वाले भोजन का सेवन करें।

*ओमेगा-3-फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ याददाश्त बढ़ाने, एकाग्रता सुधारने और बच्चों को चुस्त बनाने में सहायता करते हैं। ओमेगा-3-फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ में शामिल हैं अखरोट, बादाम, सूरजमुखी, तरबूज और अलसी और वसा युक्त मछलियां जैसे मैकेरल, सालमन और ट्यूना।

*अच्छे स्वास्थ्य के लिए नियमित अंतराल पर खाएं। पोषण युक्त नाश्ता करें और बाहर जाने से पहले दोपहर का भोजन और स्नैक्स साथ पैक कर लें।

पानी का सेवन करते रहें। अधिक से अधिक पानी पीएं और बाहर जाते समय पानी की बोतल साथ रखें। अधिक चीनी और कैफीन युक्त पेय पदार्थ के सेवन से बचें, इसकी बजाय नारियल पानी, छाछ और ताजे फल का सेवन करें।

*परीक्षा के दौरान सेहतमंद रहना भी बहुत जरूरी है। माता-पिता संतुलित आहार और एक स्वस्थ दिनचर्या की भेंट देकर बच्चों को स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं।यदि रचनात्मक रवैया रखेंगे तो परीक्षा मे बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते है। पैरेंट्स भी अपना तनाव खुद मैनेज करें और बच्चों को तनाव मुक्त रहने के लिए अध्ययन में आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करें।

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