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फर्जी डिग्री लेकर गुरुजन चले थे पढ़ाने, राज-फाश हुआ तो नौकरी से धोना पड़ रहा हाथ
अमेठी: यूपी का अमेठी किसी न किसी बहाने चर्चा का विषय रहता है। अक्सर करके कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के उवाच से जिला सुर्खियों में बनता है। लेकिन इस बार का मामला राजनीति के मैदान से हटकर शिक्षा के मंदिर से जुड़ा है। दो साल पहले फर्जी अभिलेखों के जरिए 12 शिक्षकों ने नौकरी हथिया लिया था जांच हुई तो राजफाश हो गया। अब इन शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
ये है पूरा मामला
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2016 में परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर 16448 शिक्षकों को नियुक्त किया था। इस क्रम में जिले के अंदर 300 से ज्यादा शिक्षकों को नियुक्ति मिली थी। शिक्षक भर्ती में चयनित होकर आए शिक्षकों की डिग्री की जब पड़ताल हुई तो कई एक शिक्षकों की डिग्री फर्जी निकली।
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बीएसए विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि प्रथम चक्र में जिले के अलग-अलग ब्लाकों में पोस्टेड सात शिक्षकों की डिग्री सत्यापन में फर्जी पाई गई। सभी को नोटिस जारी कर बुधवार को कार्यालय पहुंचकर अपना पक्ष रखने को कहा गया था। लेकिन इनमें से एक भी शिक्षक बुधवार को कार्यालय नहीं पहुंचे।
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वही दूसरे चक्र में अमेठी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय जयरामपुर में नियुक्त हुई गीतांजलि, जामों ब्लाक के पूरे परमेश्वरी में तैनात सरोज कुमार भारती व कटारी में तैनात मुकेश कुमार, बाजारशुकुल ब्लाक के किसनी में तैनात अखिलेश यादव व भादर ब्लाक के भदाव में तैनात अखिलेश सिंह का डीएलएड की डिग्री फर्जी पायी गई है। इन सभी शिक्षकों को नोटिस भेजकर आज अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है।
होगी बर्खास्तगी व एफआईआर की कार्रवाई:BSA
मामले में बेसिक शिक्षाधिकारी विनोद कुमार मिश्र ने कहा कि जिन्होनें अब तक अपना पक्ष नही रखा उससे साबित होता है कि उन्हें कुछ नहीं कहना है। अब एक अंतिम मौका नोटिस जारी कर और दिया जाएगा। इसके बाद बर्खास्तगी व एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी।