TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कॅरियर आप्शन: जंगलों से लगाव है तो फॉरेस्ट्री में बनाएं कॅरियर

raghvendra
Published on: 29 Jun 2018 2:01 PM IST
कॅरियर आप्शन: जंगलों से लगाव है तो फॉरेस्ट्री में बनाएं कॅरियर
X

अगर आपको कुछ नया पसंद है और शहरों से दूर रहना चाहते हैं तो आपके लिए फॉरेस्ट्री का कोर्स काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। आजकल यह क्षेत्र केवल वनों की सुरक्षा के काम तक ही सीमित नहीं रह गया है बल्कि इसमें वनों से जुड़े औद्योगिक उत्पादन में कॅरियर के अनेक अवसर मौजूद हैं। इन दिनों वन्य क्षेत्र का घटता स्तर देखते हुए सरकार के अलावा कई प्राइवेट कंपनियां ऐसे प्रोफेशनल को नौकरी देती हैं ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। जानते हैं इस क्षेत्र के बारे में विस्तार से।

अनिवार्य योग्यता

इसके लिए अच्छे अंकों से साइंस विषय से १२वीं कक्षा पास होना अनिवार्य है। इसके बाद आप बीएससी इन फॉरेस्ट्री कर इस फील्ड में खुद को उभार सकते हैं। इस फील्ड में पीएचडी के लिए संबंधित क्षेत्र में मास्टर्स का होना अनिवार्य है। वर्तमान समय में स्टूडेंट्स इस फील्ड में डिप्लोमा और सॢटफिकेट कोर्स करके भी खुद को इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए तैयार कर रहे हैं।

जॉब्स प्रोफाइल

वनों के संरक्षण के लिए फॉरेस्टर की नियुक्ति अहम साबित होती है। फॉरेस्टर का काम वनों की रक्षा, सुरक्षा, संरक्षण आदि होता है। इसके अलावा वन्यजीवों से भी इन स्थानों की रक्षा करना और साथ ही जंगलों में होने वाली आपातकालीन स्थितियों से निपटारा करना शामिल है। इसमें सबसे जरूरी चीज रुचि होती है।

नौकरी के अवसर

इससे संबधी कोर्स करने के बाद फॉरेस्टर के अलावा व्यक्ति वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर बनने के साथ ही वीडियोग्राफर भी बन सकता है। इसके लिए जरूरी है कि वह वाइल्डलाइफ जर्नलिज्म का कोर्स करे। साथ ही व्यक्ति फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, वाइल्ड लाइफ रिसर्च इंस्टीट्यूट, इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन, जूलॉजिकल पाक्र्स और फॉरेस्ट नर्सरी आदि में कई पदों पर कार्य कर सकता है।

इन संस्थानों से करें पढ़ाई

  • वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून
  • फॉरेस्ट्री रिसर्च इंस्टीट्यूट, देहरादून
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट, भोपाल
  • कॉलेज ऑफ हॉर्टीकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, सोलन
  • कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, उत्तराखंड



\
raghvendra

raghvendra

राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

Next Story