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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आईआईएम के छात्रों को सिखायेंगे मैनेजमेंट के गुर
लखनऊ: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अब भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद में बतौर फैकल्टी स्टूडेंट्स को पढ़ाते नजर आएंगे।
दरअसल यहां पीजीपीएम (प्रोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट), एफएबीएम ( फूड एंड एग्री-बिजनस मैनेजमेंट) और पीजीपीएक्स (प्रोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स इन मैनेजमेंट ऑफ एग्जीक्यूटिव्स) के स्टूडेंट्स के लिए 'पब्लिक पॉलिसी फॉर इन्क्लूसिव डेवलपमेंट ऑफ इंडिया' यानी भारत के समावेशी विकास के लिए सार्वजनिक नीति नाम से कोर्स शुरू किया गया है। इस नए कोर्स को आईआईएम अहमदाबाद (आईआईएमए) के जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के भीतर रखा गया है।
पिछले पांच दशक की भारतीय राजनीति और शासन व्यवस्था का बेहतरीन अनुभव
इस कोर्स के 22 सेशन होंगे, जिनमें कम से कम 12 सेशन में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बतौर फैकल्टी हिस्सा लेना है। वहीं, बाकी के सेशन जेएसडब्ल्यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के चेयरपर्सन प्रोफेसर विजया शेरी चंद और प्रोफेसर अनिल गुप्ता संभालेंगे। आईआईएमए ने एक बयान में कहा है कि यह पाठ्यक्रम समावेशी विकास के उद्देश्य और भारत में संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था के बीच संबंध को बताएगा। पाठ्यक्रम का प्रारूप भारत के समावेशी विकास के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के अनुभवों के आधार पर तैयार किया गया है।
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी आईआईएम-ए के स्टूडेंट्स को पढ़ा चुके हैं
आईआईएम-ए ने अपने बयान में कहा, 'प्रणब मुखर्जी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें पिछले पांच दशक की भारतीय राजनीति और शासन व्यवस्था का बेहतरीन अनुभव है। साथ ही इन्होंने कई सार्वजनिक नीतियां भी बनाई हैं। यह पाठ्यक्रम छात्रों को इस विषय की गहरी समझ हासिल करने का एक अच्छा मौका है, क्योंकि प्रणब मुखर्जी अकेले पूरी प्रामाणिकता और विश्वास के साथ इसके बारे में बता सकते हैं। बता दें कि इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी आईआईएम-ए के स्टूडेंट्स को पढ़ा चुके हैं।