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Gandhi Jayanti 2022: ऐसे दें गांधी जयंती पर स्पीच, आडियन्स करेगी आपको पसंद

Gandhi Jayanti 2022: उनकी अहिंसा और अहिंसा की विचारधाराओं ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर जैसे कई महान व्यक्तियों के जीवन को प्रभावित किया और आज भी हमारे जीवन को प्रभावित कर रहे हैं।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 2 Oct 2022 7:45 AM IST (Updated on: 2 Oct 2022 7:45 AM IST)
Gandhi Jayanti 2022 Give speech on Gandhi Jayanti for students and ideas
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Gandhi Jayanti 2022 Give speech on Gandhi Jayanti for students and ideas (Social Media) 

Gandhi Jayanti 2022: गांधी जयंती हर साल 02 अक्टूबर को मोहनदास करमचंद गांधी की जन्म जयंती के रूप में मनाई जाती है, जिन्हें महात्मा गांधी, गांधी जी या बापू के नाम से जाना जाता है। वह एक भारतीय वकील, राजनीतिक नैतिकतावादी और उपनिवेशवाद के विरोधी थे जिन्होंने अहिंसा का प्रयोग कर अंग्रेजों को देश से बाहर निकाला था। गांधी जी को राष्ट्रपिता के नाम से भी पुकारते है। उन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई महान नेताओं के साथ स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया।

यह लेख छात्रों के लिए लिखा गया हैं जिसका उपयोग वे गांधी जयंती की भाषण के लिए कर सकते हैं।

गांधी जयंती पर छात्रों के लिए भाषण

यहां उपस्थित सभी लोगों को नमस्कार!

गांधी जयंती (gandhi jayanti) के अवसर पर हम सभी यहां महान व्यक्ति 'महात्मा गांधी' की जयंती को याद करने और मनाने के लिए उपस्थित हुए हैं। गांधी जी का जन्म 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इस वर्ष देश राष्ट्रपिता की 153वीं जयंती बना रहा है। उनकी अहिंसा और अहिंसा की विचारधाराओं ने मार्टिन लूथर किंग जूनियर जैसे कई महान व्यक्तियों के जीवन को प्रभावित किया और आज भी हमारे जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। भारत के लोगों के लिए वह 'बापू' थे जिसका अर्थ है पिता। सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपिता' कहा था। लोग उन्हें 'महात्मा' भी कहते थे, जिसका अर्थ है, सबसे बड़ी आत्मा वाला।

उन्होंने ब्रिटिश काल के भारत में अपनी प्रारंभिक पढ़ाई समाप्त की और फिर इंग्लैंड में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए चले गए। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे कानून की प्रैक्टिस के लिए भारत लौट आए, हालांकि वे सफल वकील नहीं बन पाए। गांधी जी जब एक मुवक्किल की मदद करने के लिए एक वकील की हैसियत से दक्षिण अफ्रीका गए। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में वहां रहने वाले भारतीय लोगों की मदद करने के लिए कई साल बिताए।

1915 में वे भारत लौट आए और स्वतंत्रता संग्राम का अभिन्न अंग बन गए। उसके दो साल बाद उन्होंने 'चंपारण सत्याग्रह' नामक आंदोलन का नेतृत्व किया जो भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के लिए के ऐतिहासिक आंदोलनों में से एक था। 30 जनवरी 1948 को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे द्वारा हत्या कर दी गई। हालाँकि उनकी शिक्षाएँ और विचार अमर रहे। उनका जीवन न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जैसा कि वे खुद कहते थे "मेरा जीवन मेरा संदेश है"।

स्पीच देतें समय ऐसे दूर करें घबराहट

अपनी घबराहट को दूर करने के लिए अच्छी तरह से तैयारी और अभ्यास करें।

अपने दर्शकों को समझें।

अपने स्पीच को प्रभावी बनाने के लिए अपने कंटेंट को सबसे बेहतर बनाए।

अपनी आवाज और हाथों का प्रभावी ढंग से उपयोग करें।

शुरुआत में श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करे और फिर भाषण का अंत करें।



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Durgesh Sharma

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