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उच्च शिक्षा संस्थान 2022 तक लें मान्यता नहीं तो भरेंगे जुर्माना: एआईसीटीई

Shivakant Shukla
Published on: 1 Oct 2018 8:33 AM GMT
उच्च शिक्षा संस्थान 2022 तक लें मान्यता नहीं तो भरेंगे जुर्माना: एआईसीटीई
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कोलकाता: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के चेयरमैन अनिल दत्तात्रेय सहस्रबुद्धे ने रविवार को देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से साल 2022 तक आधिकारिक मान्यता हासिल करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि संस्थान की वेबसाइट पर मान्यता की स्थिति के बारे में जानकारी देना अनिवार्य है।

आधिकारिक मान्यता देने वाली दो एजेंसियों में राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) शामिल हैं। देश के केवल पंद्रह फीसदी उच्च शिक्षण संस्थानों ने ही इनसे मान्यता ले रखी है।

ईपीएसआई और एपीएआई द्वारा आयोजित 'नेशनल कांफ्रेंस आन इंडियन हायर एजुकेशन' में सहस्रबुद्धे ने कहा, "सभी प्रौद्योगिकी और उच्च शिक्षण संस्थान आपस में स्वस्थ प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के लिए 2022 तक मान्यता हासिल करें। इससे देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। इसकी प्रक्रिया 2018 से शुरू कर दी गई है।"

उन्होंने कहा, "संस्थाओं के लिए अनिवार्य है कि वे अपनी वेबसाइट पर मान्यता की स्थिति की जानकारी दें। ऐसा होने से विद्यार्थी और उनके अभिभावक संस्थान के आधारभूत ढांचे और अन्य महत्वपूर्ण बातों को जान सकेंगे।"

उन्होंने कहा कि अच्छे आधारभूत ढांचे वाले कॉलेजों को छह साल की आधिकारिक मान्यता दी जा रही है और सामान्य आधारभूत ढांचे वालों को तीन साल की। आधारभूत ढांचे, शिक्षा की गुणवत्ता, प्लेसमेंट और उद्यमिता रिकार्ड में मानक पर खरे नहीं उतरने वालों को मान्यता नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मान्यता नहीं लेने वाले कॉलेजों को हर साल एक लाख रुपये का नामांकन शुल्क भरना होगा।

अधिकारी ने संस्थानों से नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क अपनाने को कहा जो उन्हें विश्व के अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों से प्रतियोगिता करने में सक्षम बनाएगा।

--आईएएनएस

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