×

स्नातक ​के पाठयक्रमों को बदलने की कुछ इस तरह तैयारी कर रही है सरकार

Shivakant Shukla
Published on: 29 Sept 2018 3:49 PM IST
स्नातक ​के पाठयक्रमों को बदलने की कुछ इस तरह तैयारी कर रही है सरकार
X

नई दिल्ली: भारत सरकार बहुत जल्द ही शिक्षा प्राणाली में बदलाव करते हुए केंद्रीय, स्टेट, डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी व प्राइवेट यूनिवर्सिटी में 2019 सत्र से स्नातक के 37 विषयों के पाठ्यक्रमों में बदलाव करेगी।

बता दें कि इस बदलाव के अन्तरगत केन्द्र सरकार आर्ट्स, कॉमर्स व साइंस स्ट्रीम के मुख्य विषयों में पाठ्यक्रम बदल रही है। इसमें मार्केट डिमांड और रोजगार को ध्यान में रखते हुए कोर्स तैयार किया जायेगा। अक्टूबर माह तक विशेषज्ञों की टीम सरकार को उक्त 37 विषयों के पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए ड्राफ्ट रिपोर्ट देगी।

खास बात यह है कि स्कूली शिक्षा की तर्ज पर उच्च शिक्षा में भी पाठ्यक्रम आधा रह जाएगा। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यूजीसी के 1956 में गठन के बाद अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में मार्केट डिमांड के आधार पर आर्ट्स, कॉमर्स व साइंस स्ट्रीम में नए-नए विषय कोर्स में शामिल होते चले गए।

पिछले 62 साल से पाठ्यक्रम का विस्तार हुआ, लेकिन बदलाव नहीं

पिछले 62 साल से पाठ्यक्रम का विस्तार हुआ, लेकिन बदलाव नहीं। उच्च शिक्षा में पहली बार अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के 37 मुख्य विषयों के पाठ्यक्रम में बदलाव होने जा रहा है। यूजीसी ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों की अध्यक्षता में पाठ्यक्रम बदलाव कमेटी बना रखी है, जोकि देश के सभी विश्वविद्यालयों में जाकर विशेषज्ञों से बात करते हुए पाठ्यक्रम तैयार करेगी।

अधिकारी के मुताबिक, अभी पाठ्यक्रम में ऐसे विषय हैं, जिसकी पढ़ाई का छात्रों को कोई लाभ नहीं मिलता है, इसलिए पाठ्यक्रम से ऐसे विषयों को अलग कर दिया जाएगा। पढ़ाई का मकसद छात्रों को रोजगार से जोड़ना है। इसी को ध्यान में रखते हुए बदलाव किया जायेगा।

इन विषयों में हो सकता है बदलाव

इकोनोमिक्स, पॉलिटिक्ल साइंस, दर्शन शास्त्र, मनोविज्ञान, समाज शास्त्र, इतिहास, कॉमर्स, एजुकेशन, सोशल वर्क, डिफेंस स्ट्डीज, होम साइंस, पब्लिक एडिमिनिस्ट्रेशन, मैनेजमेंट, हिंदी, संस्कृत, इंग्लिश, फिजिकल एजुकेशन, लॉ, लाइब्रेरी साइंस, मास कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज्म, जियोग्राफी, कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन, इलेक्ट्रॉनिक साइंस, क्रिमिनॉलजी, आर्कीऑलजी, ऐंथ्रपॉलजी, इंवायरमेंटल साइंस, ह्यूमन राइटस, केमिस्ट्री, फिजिक्स, बॉटनी, जोऑलजी या ऐक्ककल्चर, जीयोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, मैक्मेटिक्स, स्टटिरिटक्स विषयों के पाठ्यक्रम में बदलाव हो रहा है।

प्रैक्टिकल ज्यादा रहेगा अधिक जोर

फिलहाल अभी तक पाठ्यक्रम में प्रैक्टिकल की बजाय लिखित पर अधिक फोकस किया जाता है। सरकार अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में ऑन डिमांड परीक्षा योजना को लागू करना चाहती है। इसी के चलते विशेषज्ञ नए पाठ्यक्रम में लिखित की बजाय प्रैक्टिकल पर अधिक फोकस रखेंगे।



Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story