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हाईकोर्ट: सहायक शिक्षक भर्ती के लिए दर्जनों शिक्षामित्रों को प्रोविजनली शामिल कराने का आदेश
कोर्ट ने सरकार के शिक्षामित्रों के साथ किये गये इस रवैये पर कहा कि राज्य सरकार को अधिक सावधानी से कार्य करना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि लगता है कि सरकार को अदालत के आदेशों की तनिक भी फिक्र नहीं है।
लखनऊ: इलाहाबाद हाई केार्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एकल पीठ के 6 मार्च 2018 के एक आदेश का अनुपालन कर बिना पुर्नमूल्यांकन कर टीईटी 2017 का परीक्षा परिणाम घोषित किये प्रदेश में 69 असिस्टेंट टीचरों की भर्ती करने के राज्य सरकार के निर्णय पर नाराजगी जताते दर्जनेां प्रभावित शिक्षा मित्रों को 6 जनवरी केा होने वाली लिखित परीक्षा में प्राविजनली शामिल कराने का आदेश शुक्रवार को जारी किया है।
कोर्ट ने कहा कि इन याची शिक्षामित्रों का परीक्षा परिणाम फिलहाल घोषित नहीं किया जायेगा। यह आदेश जस्टिस राजेश सिंह चैहान की बेंच ने संध्या वर्मा सहित अन्य दर्जनेां शिक्षामित्रों की ओर से अलग अलग दाखिल रिट याचिकाअेां पर एक साथ सुनवायी करते हुए पारित किया।
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कोर्ट ने सरकार के शिक्षामित्रों के साथ किये गये इस रवैये पर कहा कि राज्य सरकार को अधिक सावधानी से कार्य करना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि लगता है कि सरकार को अदालत के आदेशों की तनिक भी फिक्र नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 के आदेश में साफ साफ कहा था कि शिक्षामित्रों केा सहायक शिक्षक बनने का दो अवसर दिया जायेगा। सहायक शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास हेाना अनिवार्य है। एकल पीठ ने 6 मार्च 2018 के टीईटी 2017 में प्रश्नों में गड़बड़ियां पाते हुए 14 प्रश्नों का हटाकर नये सिरे से टीईटी परीक्षा परिणाम घोषित करने का आदेश दिया था । ऐसी दशा में बिना उक्त परीक्षा परिणाम घेाषित करने से एक अवसर खो चुके याचीगण और उनकी तरह के तमाम शिक्षामित्र दूसरे अवसर भी खो देंगें।
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याचियों की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के 26 अक्टूबर 2018 के आदेश के बाद हाई कोर्ट के एकल पीठ का 6 मार्च 2018 का आदेश फिर से प्रभावी हो गया जिससे राज्य सरकार को हरहाल में टीईटी 2017 का परीक्षा परिणाम नये सिरे से घोषित करना चाहिए था ताकि याचीगणेंा सहित बड़ी संख्या में शिक्षामित्र राज्य सरकार की ओर से 1 दिसम्बर 2018 केा प्रारम्भ की गयी 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रकिया में भाग ले सकते किन्तु सरकार की निष्क्रियता से तमाम शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक बनने के अवसर से वंचित हो जाना पड़ रहा है। याचियों की मांग थी कि उन्हें सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल कराया जाये।
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राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता रमेश सिंह व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने पक्ष रखा। सुनवायी के बाद कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए सरकार को याचिकाओं के विरू द्ध अपना प्रतिशपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया और साथ ही परीक्षा कराने वाली एक्जानिशेन रेग्युलेटरी अथारिटी को निर्देश दिया कि याचीगणेंा केा 6 जनवरी को होने वाली परीक्षा में शामिल कराया जाये। मामले की अगली सुनवायी 6 हपते बाद होगी।