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अब गांव से करें IAS बनने की तैयारी, ये रहा BEST तरीका

Charu Khare
Published on: 17 Jun 2018 7:42 AM GMT
अब गांव से करें IAS बनने की तैयारी, ये रहा BEST तरीका
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नई दिल्ली : आईएएस और आईपीएस बनकर देश की सेवा करने की ख्वाहिश रखने वाले ग्रामीण युवाओं के लिए साधन की कमी अब बाधक नहीं बन सकती है क्योंकि वे सुदूर देहात में भी बैठकर सुकून से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं। यह कहना है प्रतियोगी परीक्षाओं की ऑनलाइन तैयारी करवाने वाले प्लेटफॉर्म नियोस्टेंसिल डॉट कॉम के सह-संस्थापक कुश बीजल का। कुश बीजल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "आज इंटरनेट की सुविधा गांवों में भी उपलब्ध है जहां घर बैठे युवा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं।"

लव बीजल और कुश बीजल बंधुओं ने 2015 में संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा (यूपीएससी) की तैयारी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म नियोस्टेंसिल डॉट कॉम शुरू की थी। अब इस प्लेटफॉर्म पर यूपीएससी के अलावा राज्यों की लोकसेवा आयोगों की परीक्षाओं के अलावा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट), ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग समेत कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) रेलवे जैसी परीक्षाओं के लिए भी अभ्यर्थियों को ऑनलाइन तैयारी की सुविधा प्रदान की जा रही है।

उन्होंने बताया कि विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों के लाइव वीडियो के जरिए परीक्षार्थियों को क्लासरूम जैसा अनुभव उनके प्लेटफॉर्म पर आसानी से मिल जाता है और इसके लिए फीस भी कोई ज्यादा नहीं है।

कुश ने कहा, "सुदूर देहात से आकर दिल्ली जैसे बड़े शहरों यूपीएससी की तैयारी करने के लिए यहां रहने का खर्च बहुत सारे युवा नहीं जुटा पाते हैं। उसके बाद कोचिंग की फीस व अन्य खर्च भी होते हैं। मगर, ऑनलाइन कोचिंग में उनको वही सामग्री और क्लासरूम लेक्चर कम खर्च पर उपलब्ध हो जाता है।"

कुश ने कहा कि ऑनलाइन सुविधा का लाभ लेकर दूरदराज के इलाके में रहकर भी परीक्षा की तैयारी करने वालों में पिछले साल यूपीएससी परीक्षा में सफल होने वाली नम्रता जैन एक मिसाल है। नम्रता जैन ने दंतेवाड़ा में रहकर यूपीएससी की तैयारी की थी।

नियोस्टेंसिल की फीस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया, "परीक्षार्थी अपनी जरूरत के मुताबिक दो हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक की फीस में हमारी ऑनलाइन सुविधा का उपयोग करते हैं और इसका लाभ उठाते हैं।"

यूपीएससी जैसी परीक्षाओं की ऑनलाइन तैयारी करवाने वाला नियोस्टेंसिल कोई एक मात्र मंच नहीं है। इस बाजार में और भी कई चर्चित प्लेटफॉर्म हैं जिनमें से कुछ नि:शुल्क वीडियो भी मुहैया करवा रहे हैं। मगर कुश का कहना है कि नि:शुल्क होने से छात्र उसे शिद्दत से नहीं लेते हैं। उन्होंने कहा, "हमारी कोई सेवा नि:शुल्क नहीं है। हम सिर्फ डेमो नि:शुल्क देते हैं। हमारे प्लेटफॉर्म से रजिस्टर्ड होने पर छात्रों को जो क्लासरूम का अनुभव होता है उससे पढ़ाई में उनकी अभिरुचि बढ़ जाती है। इसके अलावा उनके प्रति हमारी भी जिम्मेदारी होती है, जोकि नि:शुल्क सुविधा में नहीं होती है।"

कुश भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोलकाता से एमबीए कर चुके हैं। इनके बड़े भाई और नियोस्टेंसिल के सह-संस्थापक लव बीजल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली से डॉक्टरी की पढ़ाई कर चुके हैं।

अच्छी खासी नौकरी छोड़कर एक मिशन के तौर पर ऑनलाइन परीक्षा की तैयारी करवाने वाले प्लेटफार्म की शुरुआत करने वाले राजस्थान निवासी बीजल-बंधु का कारोबार छह करोड़ रुपये का हो चुका है। इन्होंने इस साल अपना कारोबार बढ़ाकर 15 से 18 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है।

Charu Khare

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