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Allahabad University: AU में एचपीसीएल तकनीक पर की गई चर्चा
Allahabad University News: एचपीसीएल एक ऐसी तकनीकी है जो किसी भी मिक्सचर में जो एलिमेंट्स है उसको सेपरेट कर देती है।
Allahabad University News: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जैव रसायन एवं जैव तकनीकी विभाग के प्रयास से दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला का मुख्य़ विषय बेसिक एचपीसीएल तकनीकी और शोध में उसके एप्लीकेशन का उपयोग था। कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रुप में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर शेखर श्रीवास्तव, प्रोफेसर सय्यद इब्राहिम रिजवी और डॉ.अवध बिहारी यादव ने इस कार्यशाला का आयोजन किया।
एचपीसीएल एक ऐसी तकनीकी है जो किसी भी मिक्सचर में जो एलिमेंट्स है उसको सेपरेट कर देती है। इसमें 20 लोगों का चयन किया गया है और देश के विभिन्न स्थानों से लोग इसमें सम्मिलित हो रहे हैं। एचपीसीएल टेक्निक एक उच्च स्तरीय तकनीक है जिसका हर क्षेत्र के शोध में और विज्ञान के सभी क्षेत्र में स्कोप है।
इस पर कार्यशाला का आयोजन होना विश्वविद्यालय की लिए गर्व की बात है। वर्कशॉप में डॉ.रवि शंकर बट्टा ने अपना व्याख्यान बेसिक ऑफ एचपीसीएल एंड डाटा एनालिसिस पर दिया।
इनके अलावा प्रोफेसर रंजना पांडे जोकि डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर हैं सिर्फ एमएनएनआईटी ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में विख्यात है उनका लेक्चर एप्लीकेशन ऑफ एचपी एलसी इन रिसर्च पर व्याख्यान दिया।
HPLC का तात्पर्य है, हाई परफॉर्मेन्स लिक्विड क्रोमैटोग्राफी। यह एक उच्च विभेदन क्षमता वाली तकनीक (Techniques) है, जो बहुत तीव्रता से होती है। इसमें पदार्थों की अति सूक्ष्म मात्रा (नैनोग्राम या पीकोग्राम) की आवश्यकता होती है।
इसकी उच्च विभेदन क्षमता इसके कॉलम में भरे अति सूक्ष्म (5-20µ) कणों के कारण होती है। इस कार्यशाला में आए सभी युवा वैज्ञानिक छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने कार्यशाला के विषय विशेषज्ञ द्वारा दिए गए व्याख्यान में विज्ञान और शोध की नई बातों से अवगत हुए।
और अपने क्षेत्र में इस एचपीसीएल तकनीकी को सीखने के बाद रोजगार के क्षेत्र में और शोध के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अपने इस विशिष्ट ज्ञान के आधार पर दुनिया में कहीं भी काम कर सकते हैं।