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IIT के स्टूडेंट अब पुर्तगाल में करेंगे रिसर्च, पीएम मोदी ने इस शख्स को दिया क्रेडिट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जन्मे और कानपुर आईआईटी से शिक्षा ग्रहण करने वाले एक आईआईटियन ने देश के आईआईटी संस्थानों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए शोध के नए रास्ते खोल दिए हैं। वर्तमान में आईआईटी रूड़की के निदेशक के पद पर आसीन डॉ. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पुर्तगाल का दौरा किया।
वहां उन्होंने पुर्तगाल के विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ एक एमओयू साइन किया। जिसके चलते अब देश के आईआईटी में पढ़ने वाले छात्र पुर्तगाली छात्रों के साथ मिलकर रिसर्च वर्क कर सकेंगे। इतना ही नहीं भारत के आईआईटी संस्थानों के छात्र वहां जाकर भी अपने शोध को आगे बढ़ा सकेंगे। इस एग्रीमेंट के साइन होने के बाद प्रधानमंत्री ने स्वयं उन्हें बधाई भी दी थी।
नैनो टेक्नॉलॉजी पर होगा ज्यादा काम
आईआईटी रूड़की के निदेशक डॉ. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि पीएम मोदी के पुर्तगाल दौरे के दौरान वह उनके साथ गए थे। वहां 23 जून को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति से हायर एजूकेशन के एक बड़े एमओयू को साइन किया। इस एमओयू को ‘MoU on Cooperation in the fields of Higher Education and Scientific Research’ के नाम से जाना जाएगा।
इसमें पुर्तगाल की साइंस एंड टेक्नॉलॉजी फाउंडेशन के साथ आईआईटी रूड़की, आईआईटी मद्रास और आईआईटी गांधीनगर के बीच एमओयू साइन हुआ है। इस एमओयू पर भारत की ओर से आईआईटी रूड़की के निदेशक डॉ. अजीत कुमार चतुर्वेदी, आईआईटी गांधीनगर के निदेशक सुधीर कुमार जैन और आईआईटी मद्रास के डीन एकेडमिक रिसर्च अशोक कुमार मिश्रा ने हस्ताक्षर किए हैं, जबकि पुर्तगाल की ओर से साइंस एंड टेक्नॉलॉजी फाउंडेश्न, पुर्तगाल के प्रेसीडेंट पाउलो फेरेरो ने हस्ताक्षर किए हैं। इसके चलते संबंधित संस्थानों के भारतीय और पुर्तगाली छात्र नैनोटेक्नॉलॉजी समेत विज्ञान के कई क्षेत्रों में व्यापक शोध कार्यों को अंजाम देंगे।
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2 - 2 मिलियन डॉलर का होगी फंडिंग
आईआईटी रूड़की के डायरेक्टर डॉ अजीत कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि इस एमओयू के तहत भारत और पुर्तगाल सरकारें 5 साल के लिए 2- 2 मिलियन डॉलर की फंडिंग करेंगी। पुर्तगाल के छात्र भारत और भारत के छात्र वहां जाकर संयुक्त रूप से शोध कार्यों को आगे बढ़ा सकेंगे।
इसके अलावा स्टूडेंट एक्सचेंज का प्रोग्राम भी इस एमओयू में शामिल है। इस एमओयू के सफल क्रियान्वयन के बाद इसका दायरा और व्यापक करने पर विचार होगा। संभव है कि निकट भविष्य में पुर्तगाली ओर भारतीय यूनिवर्सिटीज के बीच भी ऐसे एमओयू साइन किए जाएं।