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12वीं में बायोलॉजी से की है पढ़ाई तो मेडिकल में डॉक्टर बनने के अलावा और भी हैं ऑप्शन

Shivakant Shukla
Published on: 1 Oct 2018 11:53 AM IST
12वीं में बायोलॉजी से की है पढ़ाई तो मेडिकल में डॉक्टर बनने के अलावा और भी हैं ऑप्शन
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लखनऊ: 12वीं में बायोलॉजी से पढ़ाई करने वाले अधिकतर छात्र ये सोचते हैं कि आगे हम डॉक्टर की पढ़ाई करेंगे। और डॉक्टर बनने का सपना भी मन में बना लेते हैं। जी हां आज newstrack.com आज आपको बताने जा रहा है कि 12वीं में बायोलॉजी के छात्र डॉक्टर के अलावा इन क्षेत्रों में भी शानदार करियर बना सकते हैं।

लैब टेक्नीशियन

मेडिकल फील्ड में रिसर्च की संभावनाओं पर अगर आपका ज्यादा ध्यान है, तो आप मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी कोर्स या लैब टेक्नीशियन बन सकते हैं. इस क्षेत्र में अच्छी जानकारी रखने वाले चाहें तो अपनी लेबोरेट्रीज, फिजिशियन ऑफिस, ब्लड बैंक खोल सकते हैं

हेल्थ काउंसलर

हेल्थ काउंसलर लोगों को पोषण, यौन, स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, गैर-संचारी बीमारियों से बचाव, चोट-दुर्घटना हिंसा से बचाव, नशे से बचाव आदि मुद्दों पर बात कर सलाह देते है। हेल्थ काउंसलिंग का कोर्स इग्नू में किया जा सकता है। एक बार ये कोर्स करने के बाद आपको 12,000-16,000 तक शुरुआती सैलरी मिलेगी।

डायटीशियन

हाइजीनिक खाने वालों और डाइट को लेकर कॉन्शियस रहने वालों को अक्सर ही डायटीशियन की जरूरत होती है। जिस तरह एक डॉक्टर का काम रोगी का रोग दूर करना है, वैसे ही एक डायटीशियन का काम उस रोगी को सेहतमंद करना है, लेकिन दवाइयों के जरिये नहीं, बल्कि एक सेहतमंद भोजन के जरिये। एक डायटीशियन छोटे-बड़े संस्थानों जैसे, हॉस्पिटल और स्कूल, क्लीनिक्स के लिए भोजन सेवा नीतियां भी बनाता है, ताकि लोगों में जागरूकता फैला सके. बिजनेस, मैथमेटिक्स, कंप्यूटर साइंस, साइकोलॉजी या सोशियोलॉजी में पढ़ाई करने वाले छात्र भी डायटीशियन के रूप में करियर चुन सकते है।

बायो इंफॉर्मेटिक्स

दवाइयों से होने वाले किसी भी तरह के साइड इफेक्ट की पहचान या बचाव के लिए फार्माकोलॉजिकल साइंस की मदद ली जाती है ताकि दवाइयों को ज्यादा सुरक्षित और उपयोगी बनाया जा सके। इस फील्ड में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स सर्टिफिकेट और डिप्लोमा दोनों तरह के कोर्स कर सकते हैं।

फार्माकोविजिलेंस

फार्माकोविजिलेंस में सर्टिफिकेट कोर्स चार महीने का होता है। जहां तक पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा डिग्री की बात है, तो यह एक साल का होता है। इस फील्ड में शुरुआती दौर में ही स्टूडेंट्स को 15 से 20 हजार रुपए सैलरी प्रति माह मिलने लगती है। कुछ साल का अनुभव हासिल करने के बाद 30 से 40 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से हासिल की जा सकती है।

नर्सिंग:

नर्सों की जरूरत देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। अगर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट की बात की जाए तो अगले चार वर्षों में लगभग 30 लाख ट्रेंड नर्सों की आवश्यकता होगी और अगर देश में ही नहीं अरब देशों से लेकर यूरोप तक में नर्सों की जरूरत रहती है। भारत की नर्सें बड़ी संख्या में यहां कार्यरत हैं।

इसके अलावा आप मेडिकल इक्विपमेंट सेल्स कंपनी, पब्लिक हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन खोल सकते हैं। इस फील्ड में बेहतर सैलरी पैकेज पाने के अच्छे मौके उपलब्ध हैं। भारत में मणिपाल यूनिवर्सिटी और जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी जैसी और कई टॉप यूनिवर्सिटीज हैं जो इस कोर्स को कराती है।



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Shivakant Shukla

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