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68500 शिक्षक भर्ती मामले में कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन पर सीएम ने कही ये बड़ी बात
लखनऊ: 68500 शिक्षक भर्ती में रोज एक न एक मामले सामने आते रहते हैं। इस बार भर्ती परीक्षा में कापियों के मूल्यांकन व गड़बड़ियों की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी अभ्यर्थियों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि जो अभ्यर्थी चाहेंगे, उनकी कॉपियों का नि:शुल्क पुनर्मूल्यांकन करवाया जाएगा।
पुनर्मूल्यांकन के लिए बदलना होगा आदेश
बता दें कि पुनर्मूल्यांकन के लिए 11 से 20 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। लेकिन पुनर्मूल्यांकन से पहले भर्ती के लिए 9 जनवरी को जारी शासनादेश में संशोधन करना होगा। उस शासनादेश में दोबारा जांच या स्क्रूटनी का कोई प्रावधान नहीं था। जब तक पूर्व के आदेश में संशोधन नहीं होता, पुनर्मूल्यांकन संभव नहीं है। यही कारण है कि जांच टीम ने भी सिर्फ अभ्यर्थियों की कॉपियों पर मिले अंकों और अवार्ड ब्लैंक व रिजल्ट पर चढ़ाए गए नंबर का मिलान मात्र किया है।
343 कॉपियों के मूल्यांकन में गड़बड़ी
बताते चलें कि लिखित परीक्षा के परिणाम में गड़बड़ियां मिलने के बावजूद संशोधन की कार्रवाई नहीं की गई है। जांच टीम ने पुनर्मूल्यांकन की बात कही है लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय को फिलहाल कोई आदेश नहीं मिला है। जैसा कि जांच टीम की रिपोर्ट में है कि परीक्षा में सम्मिलित सभी 1,07,825 अभ्यर्थियों की कॉपियों की जांच की गई है। इसमें 343 कॉपियों के मूल्यांकन में गड़बड़ी मिली है।
अभ्यर्थियों को न्याय की उम्मीद
51 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में सफल थे। यानि ये अभ्यर्थी शिक्षक बनने के लायक थे लेकिन उन्हें अयोग्य करार दिया गया। वहीं 53 ऐसे अभ्यर्थी सफल हो गये जिन्हें वास्तव में फेल होना था। इनमें से दो तो ऐसे थे जो परीक्षा में सम्मिलित भी नहीं हुए और उन्हें पास कर दिया गया। ऐसे में अब उन अभ्यर्थियों को न्याय की उम्मीद है जो अफसरों की लापरवाही के कारण योग्य होने के बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो गये थे।