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UGC का सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश, मनायें 'सर्जिकल स्ट्राइक दिवस'
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देशभर के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को 29 सितंबर को ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ के तौर पर मनाने का आदेश दिया है।
UGC ने सर्जिकल स्ट्राइक डे मनाने के लिए सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में पूर्व सैनिकों से संवाद सत्र, विशेष परेड, प्रदर्शनियों का आयोजन और सशस्त्र बलों को अपना समर्थन देने के लिए उन्हें ग्रीटिंग कार्ड भेजने समेत अन्य गतिविधियां आयोजित करने का भी सुझाव दिया है।
एनसीसी की इकाइयों को 29 सितंबर को विशेष परेड का आयोजन करना चाहिए
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक आयोग ने सभी कुलपतियों को 21 सितम्बर गुरुवार को भेजे एक लेटर में कहा, 'सभी विश्वविद्यालयों की एनसीसी की इकाइयों को 29 सितंबर को विशेष परेड का आयोजन करना चाहिए जिसके बाद एनसीसी के कमांडर सरहद की रक्षा के तौर-तरीकों के बारे में उन्हें संबोधित करें। यूजीसी ने कहा कि विश्वविद्यालय सशस्त्र बलों के बलिदान के बारे में छात्रों को संवेदनशील करने के लिए पूर्व सैनिकों को शामिल करके संवाद सत्र का आयोजन कर सकते हैं।
लेटर में यह भी कहा गया है कि 'इंडिया गेट के पास 29 सितंबर को एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। इसी तरह की प्रदर्शनियों का आयोजन राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, अहम शहरों, समूचे देश की छावनियों में किया जा सकता है। इन संस्थानों को छात्रों को प्रेरित करना चाहिए और संकाय सदस्यों को इन प्रदर्शनियों में जाना चाहिए।'
कपिल सिब्बल ने की आलोचना
इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर यूजीसी के इस निर्णय की आलोचना करते हुए उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि 'यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक डे के रूप में मनाने का आदेश दिया है। यह लोगों को शिक्षित करने के लिए बना है या बीजेपी के राजनीतिक हित साधने के लिए? क्या यूजीसी 8 नवंबर (नोटबंदी) को गरीबों का निवाला छीनने के सर्जिकल स्ट्राइक दिवस के रूप में मनाने की हिम्मत कर पाएगा? यह एक और जुमला है!
बता दें कि उरी कैंप पर हमले में भारत के 19 जवान शहीद हुए तो उसके करीब दस दिन बाद 28-29 सितंबर 2016 की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर दिया।