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CCSU News: CCSU में आयोजित हुआ इंटरनेशनल वैदिक वर्कशॉप, विशेषज्ञों ने दिया गणित के प्रभाव पर लेक्चर

CCSU News: जब यूरोपीय कंपनियों का भारत पर आगमन हुआ तो बड़ी मात्रा में कपड़ा, मसाले आदि लेकर विदेश चले गए तभी हमारी सभ्यता का भी आदान-प्रदान विदेशों में हुआ।

Sushil Kumar
Report Sushil KumarWritten By Durgesh Sharma
Published on: 29 Aug 2022 12:55 PM IST
International Vedic Workshop organized in CCSU
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International Vedic Workshop organized in CCSU

CCSU News: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के गणित विभाग में चल रही वैदिक गणित की सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला (International Vedic Workshop) के अंतिम दिन के प्रथम सत्र की शुरुआत गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की प्रोफेसर निधि हांडा व्याख्यान के साथ डॉ ओमकार लाल श्रीवास्तव के अध्यक्षता में हुई। प्रोफेसर निधि हांडा ने विश्व में गणित के प्रभाव पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कंदिका 3 की प्रथम छंद में एक श्लोक मिलता है जो विकर्ण पर वर्ग के निर्माण से संबंधित हैं और एक श्लोक मिलता है जो त्रिभुज की कर्ण की भुजा पर बनाए गए वर्ग का क्षेत्रफल आधार और लंबाई पर बनाए गए वर्ग के क्षेत्रफल के जोड़ के बराबर होता है, के बारे मे बताता है।


उन्होंने बताया कि जब यूरोपीय कंपनियों का भारत पर आगमन हुआ तो बड़ी मात्रा में कपड़ा, मसाले आदि लेकर विदेश चले गए तभी हमारी सभ्यता का भी आदान-प्रदान विदेशों में हुआ।

जिस भारत को विश्व गुरु की उपाधि दी जाती थी वह सिर्फ उन अंग्रेजों का गुलाम बन कर रह गया और आश्चर्यजनक विषय यह है कि यहां से बड़ी मात्रा में लेने के बाद भी भारत के वेदों, गणितज्ञों को कोई स्थान नहीं मिला है।1875 ईसवी में एक संस्कृत स्कॉलर ने बताया कि जो आज का आधुनिक गणित है कि वह सुल्व सूत्र का ही रूपांतरण है।

आज के दूसरे सत्र की शुरुआत डॉ तेजस कुलकर्णी के व्याख्यान के साथ डॉ अनिल ठाकुर की अध्यक्षता में हुई।। उन्होंने अव्यक्त युक्ति से अंकगणित की ओर के मार्ग पर विस्तृत में चर्चा करते कहा कि वैदिक गणित से जुड़े अनेक ग्रंथों के अध्ययन से लोगों में से गणित के भय को दूर किया जा सकता है।

समापन समारोह का संचालन डॉ सरू कुमारी ने किया। समापन समारोह में विज्ञान संकायाध्यक्ष गुप्ता ने बताया कि सभी छात्र छात्राओं को वैदिक गणित में अपनी रुचि को बढाना चाहिए जिससे कि हमारा भारत पूरे विश्व गुरु की उपाधि प्राप्त करें।

प्रोफेसर जयमाला ने बताया कि आज 21वी सदी के युग में भी हमें वीडियो से लिए गए शास्त्रों को साबित करने की आवश्यकता पड़ रही है इसलिए आवश्यकता है कि हमारा युवा वर्ग इस क्षेत्र में आगे बढ़े और एक भारतीय योगदान जिसको हमारे आधुनिक गणित में कोई स्थान नहीं मिल रहा है उसमें अपना स्थान अर्जित करें।

प्रोफेसर मुकेश कुमार शर्मा ने सात दिवसीय कार्यशाला पर अपना एक संक्षिप्त विवरण दिया। विभागाध्यक्ष प्रो शिवराज सिंह एवं डॉ सोनिया गुप्ता द्वारा संकलित पुस्तक का विमोचन किया गया जिसमें उत्कृष्ट शोधपत्र जो वैदिक गणित पर आधारित हैं को संकलित किया गया है जिसमें देश विदेश से शोधार्थियों ने एवं शोध स्तर पर जुड़े हुए गणमान्य लोगों ने अपने शोध पत्र भेजें इस कार्य को करने में लगभग 1 वर्ष का समय लगा जिससे अब वास्तविक रूप मिला।

विभागाध्यक्ष प्रो शिवराज सिंह और डॉ संदीप कुमार ने इस कार्यक्रम से कार्यकारिणी समिति के सदस्य डॉक्टर सोनिया गुप्ता, रश्मि, उम्मेफरवा, रिंकी, वैशाली, दीप्ति, सुजाता जैन, शिप्रा कौशिक, शरद, समरेश, शगुन, रीमा गर्ग सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कार्यक्रम में तरुण, तेजेंद्र, नितेश, हरेंद्र, राहुल, शुभम उपस्थित रहे।

Durgesh Sharma

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