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क्या कहता है झारखंड का नया लोगो, जानें कैसा हैं अन्य राज्यों का प्रतीक चिह्न
तमाम राज्यों के बाद अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव, पुडुचेरी, दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश के प्रतीक चिह्न भारत सरकार के राजकीय प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ के प्रारूप को अपनाया है।
नई दिल्ली: भारत एक ऐसा देश है जहां हर धर्म और हर जाति के लोग मिलकर एक साथ रहते है। 28 राज्यों और 8 केन्द्रशासित प्रदेशों का यह देश वसुधैव कुटुंबकम का प्रतीक है। देश में हर राज्य की अपनी एक पहचान है और अपना अलग प्रतीक चिह्न है, जिसे उस राज्य की मुहर (स्टांप) के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। पिछले साल ही झारखंड सरकार ने अपने राज्य का प्रतीक चिह्न बदल दिया था। अब बात हो रही प्रतीक चिह्नों की, तो चलिए एक नजर कुछ राज्यों के प्रतीक चिन्हों पर डालते है...
देश का राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न
शुरूआत करते है भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न से। देश का राष्ट्रीय प्रतीक में सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की आकृति बनी है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। राजकीय चिह्न के मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार मुख वाले सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। वहीं, शीर्ष के बाद स्चमभ के आधार पर घंटे के आकार पर एक चौकड़ी भरता हुआ एक घोड़ा, हाथी, एक सांड तथा एक सिंह की उभरे हुए चित्र हैं, इसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं। एक ही पत्थर को काट कर बनाए गए, इस सिंह स्तंभ के ऊपर 'धर्मचक्र' रखा हुआ है। भारत सरकार ने यह चिह्न 26 जनवरी, 1950 को अपनाया।
ऐसा है झारखंड का नया लोगो
जैसा कि हम बात करे रहे थे झारखंड की, तो बता दें कि झारखंड सरकार ने 15 अगस्त, 2020 को राज्य का नया लोगो जारी किया था। नए लोगो में देश के राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ के साथ झारखंड की संस्कृति, राज्य की प्राकृतिक खूबसूरती को दर्शाते हुए हरे रंग का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा लोगो में राजकीय पशु (हाथी) को भी शामिल किया गया है। झारखंड का यह नया प्रतीक चिन्ह राज्य की समृद्ध, वहां की अद्भुत सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य, हरियाली से भरे वन संपदा और वन्य जीवों की संपूर्णता को दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश का लोगो
झारखंड के बाद बात करे योगी सरकार के राज्य की, तो उत्तर प्रदेश का राजकीय प्रतीक चिन्ह गोल आकृति का बने लोगो के अन्दर की ओर ऊपर की ओर एक धनुष बना हुआ है, जिसके नीचे दो नदियां गंगा-यमुना बहती हुई दिखाया गया हैं। यह दोनों नदियां प्रयागराज के संगम को प्रदर्शित करता हैं। वहीं नदियों के दोनों ओर मछलियां हैं जो राज्य की गंगा और जमुनी तहजीब की प्रतीक मानी जाती हैं। जानाकारी के अनुसार, तीर कमान और मछलियां अवध और बुंदेलखंड क्षेत्र का नेतृत्व करती हैं। 1918 में उत्तर प्रदेश के इस लोगो अपनाया गया था।
उत्तराखंड का राजकीय प्रतीक चिह्न
2000 में अस्तित्व में आये उत्तराखंड का राजकीय प्रतीक चिह्न में वाइट बैकग्राउंड पर नीले रंग के बॉर्डर्स के साथ डायमंड आकार में है। राज्य के लोगो में तीन पर्वतों को दर्शाया गया है। मध्य पर्वत के ऊपर अशोक स्तंभ स्थित है। नीचे की ओर गंगा नदी की धारा का आकृति दी गई हैं। यहां अशोक स्तंभ के नीचे सत्यमेव जयते लिखा हुआ है। अशोक स्तंभ की आकृति की पृष्ठभूमि में गहरा लाल रंग है शेष पूरे चिह्न में सफेद रंग है। राज्य के एंब्लेम को 2000 में अपनाया गया था।
केंद्र शासित प्रदेशों का लोगो
तमाम राज्यों के बाद अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव, पुडुचेरी, दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश के प्रतीक चिह्न भारत सरकार के राजकीय प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ के प्रारूप को अपनाया है।
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