TRENDING TAGS :
Kendriya Vidyalaya 2022: केंद्रीय विद्यालय में दाखिला प्रक्रिया शुरू, प्रवेश के लिए 5 से बढ़ाकर 6 साल कर दी गई आयु सीमा
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (central board of secondary education) से प्रदत्त और केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालयों में शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए कक्षा 1 में छात्रों के आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
KVS Admissions 2022: Registration for class 1 begins
KVS Registration Open: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (central board of secondary education) से प्रदत्त और केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालयों में शैक्षणिक वर्ष (Academic Year) 2022-23 के लिए कक्षा 1 में छात्रों के आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सभी इच्छुक छात्र केंद्रीय विद्यायल की आधिकारिक वेबसाइट kvsonlineadmission.kvs.gov.in पर विजिट कर विशेष जानकारी हासिल कर सकते हैं। आवेदकों के लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर ही सभी संबंधित जानकारियां हैं जिसे समझने के बाद आवेदन करना आसान हो जाएगा।
बता दें, कि दाखिले के लिए आवेदन की प्रक्रिया आज 28 फरवरी से शुरू हो गई है, जो 21 मार्च 2022 की शाम 7 बजे तक जारी रहेगी। इस समय अवधि के बीच केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 1 में दाखिले के लिए छात्र आवेदन कर सकते हैं।
जानें क्या हैं नियम और दिशानिर्देश?
केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 1 के अंतर्गत दाखिल के लिए जारी अधिसूचना के अनुरूप निम्न नियमों का पालन करना आवश्यक है-
1. कक्षा- 1 में दाखिले के लिए आवेदन करने वाले छात्र की उम्र 1 मार्च 2022 को 6 वर्ष पूर्ण होनी चाहिए।
2. केंद्रीय विद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट kvsonlineadmission.kvs.gov.in पर होंगे आवेदन।
3. आवेदन के पश्चात दाखिले हेतु छात्रों की पहली चयन सूची 25 मार्च को होगी जारी।
4. आवेदन के पश्चात दाखिले हेतु छात्रों की दूसरी चयन सूची 1 अप्रैल को होगी जारी।
5. 8 अप्रैल को जारी की जाएगी तीसरी चयन सूची, लेकिन इस बात का ध्यान रखना है कि पहले की दो सूचियों के मुताबिक यदि जगहें शेष बचती हैं तभी तीसरी चयन सूची जारी की जाएगी।
उम्र को लेकर विरोध
कक्षा 1 में दाखिले को लेकर इस बार छात्र की न्यूनतम आयु 6 वर्ष निर्धारित की गई है, जो की पूर्व में 5 वर्ष थी। न्यूनतम आयु सीमा बढ़ाने के बाद सरकार के इस नए नियम का विरोध शुरू हो गया है। अभिभावकों का कहना है कि दाखिले हेतु छात्रों की न्यूनतम आयु पहले की भांति 5 वर्ष ही होनी चाहिए। अभिभावकों ने सरकार के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दिया जाना सुनिश्चित किया है।