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KMC University Lucknow: KMC यूनिवर्सिटी में एनवायरनमेंट पर हुआ चर्चा, विशेषज्ञों ने रखें अपने मत
KMC University Lucknow: प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र ने अपने विशेष व्याख्यान में पर्यावरण के नुकसान एवं उसके क्षरण में मानव किस प्रकार भागीदार है उसको व्यक्त किया और इसके अलावा उन्होंने तीन महत्वपूर्ण प्रश्न सभी के बीच में रखे।
KMC University Lucknow: केएमसी भाषा विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो.एन.बी सिंह की अध्यक्षता में भूगोल एवं अर्थशास्त्र विभाग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी "क्लाइमेट चेंज, एनवायरनमेंट एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट" का शुभारंभ किया गया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में प्रो. प्रदीप कुमार मिश्रा, कुलपति एकेटीयू, ने मुख्य वक्ता के रूप में जलवायु परिवर्तन तथा उसके प्रभाव पर अपने विचार रखे। प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र ने अपने विशेष व्याख्यान में पर्यावरण के नुकसान एवं उसके क्षरण में मानव किस प्रकार भागीदार है उसको व्यक्त किया और इसके अलावा उन्होंने तीन महत्वपूर्ण प्रश्न सभी के बीच में रखे। स्वस्थ मनुष्य कितना ऑक्सीजन प्रतिदिन प्रयोग करता है, एक व्यक्ति प्रतिदिन कितना भोजन करता है और तीसरा कुआँ एवं बोरवेल में क्या अंतर है। उन्होंने इन प्रश्नों एवं विषयों के माध्यम से पर्यावरण के क्षरण पर विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम के संयोजक भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रवीण कुमार राय ने स्वागत भाषण से कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम में भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एन.बी.सिंह ने जैव विविधता तथा बदलती जलवायु के प्रभाव पर व्याख्यान देकर सभा को संबोधित किया। उद्घाटन सत्र में संगोष्ठी की स्मारिका का विमोचन किया।
संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में प्रो. नवीन कुमार अरोरा, बीबीएयू, ने पर्यावरण के विकास एवं उसके सतत अध्ययन के लिए पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं को बताया। डॉ सुधाकर शुक्ला, वैज्ञानिक रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर, लखनऊ ने अपने उद्बोधन में पर्यावरण के गिरते हुए स्तर पर चिंता जाहिर की और उसको सुधार हेतु उपाय बताए। उमाकांत गुप्ता, गोपेश्वर गौशाला मलिहाबाद और डॉ. उपमा चतुर्वेदी ने विशेष व्याख्यान देखकर संगोष्ठी को सफल बनाने में योगदान दिया।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन प्रो. चंदन डे ने दिया। कार्यक्रम के सह संयोजक डॉ. राहुल कुमार मिश्रा तथा आयोजक समिति के सदस्य डॉ. उधम सिंह, डॉ. अरुण द्विवेदी, डॉ. शालिनी राय, डॉ. नलिनी मिश्रा, डॉ. हारून रशीद, डॉ. मोनिका मिश्रा और डॉ. आरिफ अब्बास ने संगोष्ठी के संयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।संगोष्ठी में सुलेमान, प्रिया देवी, डॉ. चेतना, डॉ. नम्रता और वंदना प्रियदर्शी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।