Jaipuria Institute of Management: निदेशक कविता पाठक ने NGOs की उठाई ज़िम्मेदारी

Lucknow: राजधानी के जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में सतत विकास लक्ष्यों पर काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को एक मंच प्रदान करने के लिए 'सतत विकास' पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Deepak Kumar
Published on: 17 May 2022 4:24 PM GMT
Lucknow News in Hindi
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Jaipuria Institute of Management: निदेशक कविता पाठक ने NGOs की उठाई ज़िम्मेदारी।

Lucknow: राजधानी के जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (Jaipuria Institute of Management) में सतत विकास लक्ष्यों पर काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को एक मंच प्रदान करने के लिए, और उनके और सरकार के बीच की कड़ी बनने के लिए, मंगलवार को 'सतत विकास' पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी के प्रथम चरण में 10 संगठनो ने अपने कार्यो और लक्ष्यों पर चर्चा की। इनमें रॉबिन हुड आर्मी (हंगर), वैचारिक फाउंडेशन, एलायंस क्लब इंटरनेशनल, गोमती नगर जनकल्याण महासमिति, चाइल्ड फ्रेंडली स्कूल, रॉबिन हुड आर्मी (अकादमिक), उड़ान एक आशा फाउंडेशन कानपुर, सार्थक फाउंडेशन शामिल हैं।

'सिम्पोजियम में जुड़ेंगे जयपुरिया के छात्र'

कार्यक्रम की शुरुआत में निदेशक डॉ. कविता पाठक (Director Kavita Pathak) ने कहा कि "यह समाज को आगे ले जाने की दिशा में एक सार्थक और नैतक पहल है। महिला सशक्तिकरण, भूमि उर्वरता, पर्यायवरण, शिक्षा, पशुपालन, जल संरक्षण, बाल श्रम, आदि महत्वपूर्ण विषयों में गैर सरकारी संगठनों का योगदान उत्कृष्ट रहा है। सामजिक सरोकार से जुड़े ऐसे सभी लोगो का मैं अभिनन्दन करती हूँ। ऐसी सभाओं के माध्यम से हम और आगे बढ़ेंगे जिससे समाज सुधार को गति मिलेगी। हम जिस धरा में रहते हैं, उसके प्रति सार्थक जागरूकता होना अत्यंत आवश्यक है। जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट लखनऊ द्वारा आयोजित सिम्पोजियम में हमारे छात्र भी जुड़ेंगे क्युकी ऐसे अवसर उनकी विश्व के प्रति सोच और प्रतिबद्धता को नया आयाम देंगे।"


गोमतीनगर जनकल्याण महासमिति

डॉ राघवेंद्र शुक्ला ने बताया कि हम स्थायी शहरों और समुदायों के लिए काम कर रहे हैं। हमने डॉ कविता पाठक (Director Kavita Pathak) के नेतृत्व में कई सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों को देखा है। उनके इस योगदान की प्रशंसा करना चाहेंगे। गोमतीनगर जनकल्याण महासमिति गत 30 वर्षो से विभिन्न प्रकार के सामाजिक कल्याण कार्यो में लगी हुई है। पर्यायवरण, पदूषण नियंत्रण, सौर ऊर्जा, स्वच्छता आदि जैसे विषयों पर हम निरंतर कार्य कर रहे हैं। डॉ. पाठक ने कोरोना काल में अनेक लोगो के लिए हमारे साथ मिलकर भोजन की व्यवस्था करवाई। संस्थान की निदेशक के निरंतर सक्रिय रूप से समाज सेवा में कार्यरत रहने के कारण हम संस्थान से जुड़े।

युग भारती

ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन युग भारती के डॉ. मोहन मिश्रा ने कहा "युग भारती 1996 से पंजीकृत एक वैचारिक संस्था है। राष्ट्रनिष्ठा से परिपूर्ण समाजोन्मुखी व्यक्तित्व का उत्कर्ष हमारा लक्ष्य है। बच्चे और महिलायें समाज का महत्वपूर्ण अंग हैं और समाज के विकास के लिए इन दोनों के सशक्तिकरण पर कार्य करना होगा।"

रॉबिनहुड आर्मी (हंगर)

इससे प्रदीप ने मीडिया को बताया कि यदि हम भोजन की बर्बादी को कम कर दें तो भुखमरी की दर काफी हद तक कम हो सकती है। शून्य वित्त पोषित संगठन होने के कारण हम अधिकाँश कार्य सोशल मीडिया की सहायता से करते हैं। हमारे फ़ूड पार्टनर्स हमे खाना डोनेट करते हैं, जिसे हम ज़रूरत मंद लोगों में वितरित करते हैं।

उड़ान: एक आशा फाउंडेशन

संस्थापक संगीता सेंगर (Founder Sangeeta Sengar) ने बताया कि महिला कौशल विकास के लिए हम महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, आदि कौशल के प्रशिक्षण देते हैं। ताकि वे कुछ हद तक आत्मनिर्भर हो सकें। कानपूर की बस्तियों में जाकर हमने स्वच्छता सम्बंधित जागरूकता पर काम किये।


सार्थक फाउंडेशन

अपर्णा जैन (Aparna Jain) ने बताया कि सन 2013 से हम जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। शिक्षा हमें सपने देखने के पंख देती है और उन्हें पूरा करने का हौसला भी देती है इसलिए हम स्लम में जाकर 3 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को घर घर जाकर पढ़ाते हैं।

रॉबिन हुड आर्मी (अकादमी)

वंश रस्तोगी (Vansh Rastogi) ने बताया कि हमारा लक्ष्य ड्रॉपआउट छात्रों और स्कूलों के बीच की दूरी को कम करना है। हम न केवल छात्रों बल्कि उनके करीबी समुदाय की भी मदद करते हैं। हम विभिन्न गतिविधियों का संचालन करते हैं, ताकि बच्चे जीवन में व्यावहारिक चीजें सीख सकें। जयपुरिया ने हमारे रॉबिन शिक्षकों को शिक्षित किया है। इस सफर में गूगल, उबर, और व्हाट्सएप ने भी हमारी मदद की है।

अलायन्स क्लब इंटरनेशनल

डॉ. ममता भटनागर ने कहा कि एक एसोसिएट प्रोफेसर होने के साथ मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूँ । हमारी संस्था 2008 में शुरू हुई। हम विकलांग लोगो को हेल्थ केयर और एजुकेशन से जोड़ने का कार्य करते हैं। हमने गाय के लिए रोटी बैंक एटीएम भी कुछ स्थानों पर लगाकर परिक्षण किया।

शुभ केयर फाउंडेशन

अरुण कुमार मिश्रा ने प्रतिवर्ष होने वाले सड़क हादसों के बारे में बताया तथा उन्हें कम करने के बारे में अपने विचार साझा किये। उन्होंने कहा कि यदि बच्चों को शुरू से उचित प्रशिक्षण और जागरूक बनाया गया, तो आने वाली पीढ़ी अधिक संवेदन शील होगी और सड़क हादसों में भी कमी आएगी। उन्होंने तिब्बत का उदाहरण देते हुए बताया की वहां न के बराबर सड़क हादसे होते हैं, क्युकी वहां के नागरिक जागरूक और सम्वेदनशील हैं।

वैचारिक फाउंडेशन

पिछड़े वर्ग के बच्चों की शिक्षा के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन, वैचारिक फाउंडेशन से आयुषी कुशवाहा ने कहा "हम छात्र आधारित संगठन हैं, तथा बच्चों को उनकी आवश्यकता के अनुसार शिक्षित करते हैं और उनमे कौशल विकास करते हैं।"

माधव सेवा संस्थान से लें प्रेरणा

संगोष्ठी के मुख्य अतिथियों में समाज शिल्पी व वैज्ञानिक (अवकाशप्राप्त) हरमेश सिंह ने कहा कि आने वाले समय में गैर सरकारी संगठनों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने पीजीआई के निकट कार्यरत माधव सेवा संस्थान का उदाहरण दिया। सभी को ऐसी संस्थाओं से प्रेरणा लेने को कहा। उन्होंने समाज के हर वर्ग को मिलकर सतत विकास पर कार्य करने के लिए प्रेरत किया।

कार्यक्रम के अंत में उपस्थित गैर सरकारी संगठनों को मुख्य अतिथियों द्वारा ग्रीन सर्टिफिकेट प्रदान किये गए। डॉ रीना अग्रवाल और डॉ. शुभेन्द्र परिहार द्वारा मुख्य अतिथि हरमेश सिंह को मेमेंटो दिए गए।

Deepak Kumar

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