×

MPHIL और PHD स्कॉलर्स को फिर नहीं मिल सकेगी स्कॉलरशिप, ये बताई वजहें

एलयू की ओर से पिछले साल भी पीएचडी और एमफिल के एडमिशन दिसंबर कर करवाए गए थे। ऐसे में समय से स्कालर्स स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर सके थे। एलयू प्रशासन की ओर से इसके लिए प्रयास भी किए गए, लेकिन किसी भी स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप नहीं मिल सकी थी। एलयू प्रशासन की लेटलतीफी के कारण स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। स्कॉलर्स के मुताबिक इसकी पूरी जिम्मेदारी एलयू प्रशासन की है। छात्रों का कहना है कि अगर समय से एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो जाती तो स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया जा सकता था।

priyankajoshi
Published on: 25 Sept 2016 7:25 PM IST
MPHIL और PHD स्कॉलर्स को फिर नहीं मिल सकेगी स्कॉलरशिप, ये बताई वजहें
X

लखनऊ : लखनऊ यूनिवर्सिटी (एलयू) के एमफिल और पीएचडी स्कॉलर्स को एक बार फिर समाज कल्याण की ओर से स्कॉलरशिप नहीं मिल सकेगी।

एलयू में पीएचडी और एमफिल की आवेदन प्रक्रिया 26 सितंबर से शुरू होगी है, जबकि एडमिशन नवंबर तक होगा। वहां समाज कल्याण में स्कॉलरशिप के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 30 सितंबर है।

पिछले साल से नहीं लिया गया सबक

-एलयू की ओर से पिछले साल भी पीएचडी और एमफिल के एडमिशन दिसंबर कर करवाए गए थे।

-ऐसे में समय से स्कालर्स स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर सके थे।

-एलयू प्रशासन की ओर से इसके लिए प्रयास भी किए गए, लेकिन किसी भी स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप नहीं मिल सकी थी।

-एलयू प्रशासन की लेटलतीफी के कारण स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे।

-स्कॉलर्स के मुताबिक इसकी पूरी जिम्मेदारी एलयू प्रशासन की है।

-छात्रों का कहना है कि अगर समय से एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो जाती तो स्कॉलरशिप के लिए आवेदन किया जा सकता था।

एलयू ने बताई वजहें

-एलयू प्रशासन पीएचडी में दाखिले के लिए देरी का कारण यूजीसी की ओर से नए ऑर्जिनेंस को लागू करना बताया जा रहा है। इसके कारण एडमिशन में देरी हो गई, जबकि एमफिल में कोई भी बदलाव नहीं करना था।

-एलयू प्रशासन की ओर से एडमिशन में आय प्रमाणपत्र मांगा जा रहा है, जो स्कॉलशिप के लिए होता है।

-इसे बनवाने में हर स्कॉलरशिप के 300 से 600 रुपए तक लग जाते हैं।



priyankajoshi

priyankajoshi

इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

Next Story