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Lucknow University में NEP-2020 पर एक हफ़्ते का पाठ्यक्रम शुरू, ACS मोनिका बोलीं- 'बच्चे संस्थान से डिग्री संग रोजगार ले जाए'
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने बताया कि उन्होंने किस प्रकार कोविड महामारी के दौरान भी बच्चों की शिक्षा को प्रभावित नहीं होने दिया।
Lucknow News: राजधानी के लखनऊ विश्विद्यालय (Lucknow University) के समाजकार्य विभाग द्वारा 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020' पर साप्ताहिक अल्पकालीन पाठ्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर मानव संसाधन विकास केंद्र यूजीसी के सहयोग से 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020' पर एक सप्ताह का अल्पकालीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य विश्लेषणात्मक सोच और नवाचार, जटिल समस्या-समाधान, सीखने की रणनीतियाँ, महत्वपूर्ण सोच और विश्लेषण, तनाव सहनशीलता और लचीलापन, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, रचनात्मकता, मौलिकता व पहल, नेतृत्व और सामाजिक प्रभाव, तर्क, समस्या-समाधान और विचार, प्रौद्योगिकी का उपयोग के साथ-साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं को समझना है।
'बच्चों की शिक्षा को प्रभावित नहीं होने दिया'
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने बताया कि उन्होंने किस प्रकार कोविड महामारी के दौरान भी बच्चों की शिक्षा को प्रभावित नहीं होने दिया। वहीं, प्रो कमल कुमार ने बताया कि कुलपति प्रो आलोक कुमार राय के संरक्षक के रूप में लखनऊ विश्वविधालय सर्वप्रथम इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर अल्पकालीन पाठ्यक्रम का आरम्भ किया गया है। इसके बाद, समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनूप कुमार भारतीय ने बताया कि किसी कार्यक्रम को करने हेतु फंड एवं प्रतिभागियों का होना बहुत आवश्यक है।
'ऐसी शिक्षा मिले, जिससे बच्चे डिग्री के साथ रोजगार भी लेकर जाए'
अपर मुख्य सचिव मोनिका ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के बारे में उसकी मुख्य विशेषताएं व इसके व्यवहारिक रूप पर बात की। इसकी तुलना कौशल विकास से करते हुए कहा कि "विद्याथियों को ऐसी शिक्षा मिले, जिससे कार्यक्रम के अंत तक विद्यार्थी अपने हाथ में डिग्री के साथ एक रोजगार लेकर भी संस्थान से जाए।" साथ ही, उन्होंने शिक्षण संस्थानों में बच्चों को व्यवहारिक शिक्षा में आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया। उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका ने स्नातक स्तर पर व्यावसायिक कार्यक्रमों की महत्ता भी बताई। स्थानीय व्यवसाय को बढ़ावा देने हेतु भी इस प्रकार के पाठ्यक्रम का आरंभ करने हेतु प्रेरित किया। जिससे स्थानीय व्यवसाय तो बढ़ेंगे ही साथ ही एक अमूल्य धरोहर मिलेगी, जो होगा उनका जमीनी तौर पर अनुभव।
स्ववित्तपोषित शिक्षकों को मिलेगा नियमित के बराबर का वेतन
कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने बताया कि शिक्षकों के सहयोग के बिना इस नीति को अपनाना संभव नहीं था। उन्होंने बताया कि किसी परिवर्तन के लिए सबसे पहले अपने आपको वहां से हटाना होगा, जहां हम पहले से बहुत समय से जुड़े हैं। अपने विचार को मुक्त कैसे किया जा सका, नए परिवर्तनों को कैसे अपनाया जा सकता है और इस परिवर्तन को कैसे स्वीकार किया जाना चाहिए; इसका भी समय मिलना चाहिए। उन्होंने सभी डिग्री कॉलेज के शिक्षकों को अपने विचार एवं नए सुझाव नए प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश सरकार को देने हेतु कहा। उच्च शिक्षा विभाग उप्र सरकार द्वारा जल्द ही यह प्रयास किया जा रहा है कि स्ववित्तपोषित शिक्षकों को भी उतना ही वेतन दिया जाए, जितना नियमित रूप से कार्यरत शिक्षकों को दिया जाता है।