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LU: छात्रसंघ चुनाव कमिटी की पहली बैठक आज, यूनिवर्सिटी के वर्गीकरण पर बन सकती है बात

लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव कमिटी की पहली और अहम बैठक सोमवार को होने जा रही है। इसमें यूनिवर्सिटी किस मॉडल से छात्रसंघ चुनाव कराए और किस वर्गीकरण को अपनाए, इस पर सहमति बन सकती है। इस बैठक के चलते छात्र नेताओं में काफी उत्साह नज़र आ रहा है। बैठक में तीन सदस्यीय छात्रसंघ चुनाव कमिटी अपना पक्ष यूनिवर्सिटी के सामने रखेगी।

tiwarishalini
Published on: 17 Oct 2016 9:02 AM GMT
LU: छात्रसंघ चुनाव कमिटी की पहली बैठक आज, यूनिवर्सिटी के वर्गीकरण पर बन सकती है बात
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लखनऊ: लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव कमिटी की पहली और अहम बैठक सोमवार को होने जा रही है। इसमें यूनिवर्सिटी किस मॉडल से छात्रसंघ चुनाव कराए और किस वर्गीकरण को अपनाए, इस पर सहमति बन सकती है। इस बैठक के चलते छात्र नेताओं में काफी उत्साह नजर आ रहा है। बैठक में तीन सदस्यीय छात्रसंघ चुनाव कमिटी अपना पक्ष यूनिवर्सिटी के सामने रखेगी।

शासन की सख्ती के बाद आई तेजी, वाइस चांसलर ने बनाई है कमिटी

-यूनिवर्सिटी सूत्रों की माने तो यूनिवर्सिटी को कोर्ट में यूनिवर्सिटी के वर्गीकरण संबंधी हलफनामे को दाखिल करना है।

-अभी तक यूनिवर्सिटी प्रशासन इसमें हीलाहवाली करता रहा है।

-शासन ने हाल ही में यह साफ़ कर दिया है कि यूनिवर्सिटी को ही अपना पक्ष कोर्ट में दायर करना होगा।

-इसके लिए उसे अपने स्टार पर ही निर्णय लेकर कोर्ट में एफिडेविट दायर करना होगा।

-वाइस चांसलर प्रो.एस बी निम्से ने बताया कि छात्रसंघ चुनाव पर कोर्ट से स्टे लगा हुआ है।

-यूनिवर्सिटी को लिंगदोह कमिटी की सिफारिशों के आधार पर छात्रसंघ चुनाव के दिए गए मॉडल में से एक को चुनकर हलफनामा दायर करना है।

-इस वर्गीकरण पर सहमति बनाने के लिए एक कमिटी का गठन किया गया है।

-इस तीन सदस्यीय कमिटी में पूर्व न्यायाधीश विष्णु सहाय, पूर्व डीजीपी अतुल कुमार और आगरा यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. भूमित्र देव शामिल हैं।

दो फेज में काम करेगी कमिटी

-लखनऊ यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो. एसबी निम्से ने बताया कि इस कमिटी को दो फेज में काम करना है।

-पहले फेज में यूनिवर्सिटी के वर्गीकरण को लेकर अपनी सिफारिश देना।

-इसके बाद आम सहमति बनने के बाद कोर्ट में हलफनामा दायर करना है।

-चुनाव के दौरान यह कमिटी पर्यवेक्षक की भूमिका निभाएगी।

क्या हैं लिंगदोह समिति की सिफारिशें

-लिंगदोह कमिटी की सिफारिशों के आधार पर उम्र सीमा यूजी में 22 साल, पीजी के लिए 25 साल और शोध छात्र के लिए 28 साल जिसे अब 30 साल कर दिया गया है।

-चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।

-चुनाव लड़ने के लिए नियमित छात्र होना जरूरी है।

-आपराधिक रिकॉर्ड, मुकदमा, सजा या अनुशासनात्मक कार्रवाई पर चुनाव से बैन है।

-एक प्रत्याशी का अधिकतम खर्च पांच हजार रुपए निर्धारित किया गया है।

-प्रिंटेड पोस्टर, पंफलेट या प्रचार सामग्री के प्रयोग की अनुमति नहीं है।

-कैंपेन में लाउड स्पीकर, वाहन और जानवरों का प्रयोग अनुबंधित है।

यह है वर्गीकरण

-छोटे कैंपस में सीधे प्रतिनिधि चुनने की व्यवस्था। (जवाहर लाल नेहरू विवि, हैदराबाद विवि मॉडल )

-एक से अधिक कैंपस और अधिक संख्या वाले कॉलेजों में अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव। (जाधवपुर विवि, पश्चिम बंगाल मॉडल )

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tiwarishalini

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