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ऐसे बनें प्रोफेशनल ज्योतिषी, कमायें पैसा और शोहरत

आज के समय में विज्ञान जिस दर से विकास हो रहा है वह ज्योतिष अध्येयता के लिए चुनौती भी है तथा अवसर भी। यह वह विज्ञान के साथ-साथ महाविज्ञान का भी अनुसंधानात्मक प्रयोग अपने अध्ययन में कर लेता है तो नए अवसरों को प्राप्त कर सकता है।

Shivakant Shukla
Published on: 2 Feb 2019 8:01 PM IST
ऐसे बनें प्रोफेशनल ज्योतिषी, कमायें पैसा और शोहरत
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लखनऊ: इन दिनों युवाओं में ज्योतिष की पढ़ाई को लेकर भी खूब क्रेज है। बाजार में ज्योचतिषियों की बढ़ती मांग को देखते हुए युवाओं को इसमें भविष्यअ संवारने का सुनहरा मौका दिया है। ज्यो।तिष कोर्स को लेकर युवाओं के बढ़ते रुझान को देखते हुए यह एक बेहतरीन करियर विकल्प बन गया है।

पिछले कुछ सालों में इस फील्डर में काफी स्कोप बढ़ा है। यही नहीं ज्योकतिष के साथ पूजा-पाठ में करियर का व्यादपक प्रचार-प्रसार हो रहा है। जहां लोग अपना भविष्यग जानना चाहते हैं, वहीं ग्रह-नक्षत्र को शांत करने के लिए धार्मिक अनुष्ठान कराते हैं। कुंडली मिलान से लेकर, मांगलिक कार्य, शादी ब्यापह, पंचाग, राशिफल, अंकविज्ञान, कर्मकांड आदि भी इसी दायरे में आते हैं।

ज्योतिष शास्त्र वैसे तो भूत, वर्तमान और भविष्य तीनों कालों के बारे में जानकारी देता है, पर हर किसी की ज्यादातर जिज्ञासा भविष्य बारे ही होती है। आइये आज हम आपको ज्योतिष की पढ़ाई के बारे में बताते हैं-

ज्योतिष शास्त्र क्या है?

ज्योतिष एक विस्तृत विषय है। इस की परिभाषा को सीमित शब्दों में नहीं बांधा जा सकता। संक्षिप्त रूप से यही कहा जा सकता है कि ज्योतिष आकाशीय पिंडों और सांसारिक घटनाओं के बीच संबंधों का अध्ययन है। और भी साधारण ढंग से कहें तो ज्योतिष का सीधा संबंध भविष्य जानने से होता है, यानी भविष्य में झांकने की विधाएं जो ग्रहों की चाल पर आधरित हो, उसे ज्योतिष कहते हैं।

ज्योतिष का इतिहास

ज्योतिष शास्त्र वैदिक काल से प्रचलित है, जो लगभग 5000 वर्ष पुराना है। ज्योतिष वैदिक संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। ज्योतिष वेदांगों के छह विषयों में से एक माना जाता है। प्राचीन काल में वशिष्ठ, भृगु और गर्ग जैसे कई ऋषि ज्योतिष विद्या के प्रकांड पंडित थे। उन्होंने ही ज्योतिष का प्रचार-प्रसार किया और आज यह विषय इतना विस्तृत है कि जीवन के हर क्षेत्र में इस की जरूरत को महसूस किया जा रहा है। ज्योतिष का सब से पुराना साहित्य ताड़ के पत्तों पर दक्षिण भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। यह महान भविष्य द्रष्टा अगस्त्य द्वारा लिखा गया है।

ज्योतिष शास्त्र की शाखाएं

1. ट्रांजिट प्रणालीः इसमें ग्रहों की दैनिक चाल के अनुसार भविष्य बताया जाता है।

2. प्रश्न ज्योतिषः इसमें प्रश्न कुंडली बनाकर भविष्य बताया जाता है।

3. अंक शास्त्रः संख्या विज्ञान द्वारा भविष्य की जानकारी दी जाती है। पश्चिमी देशों में यह ज्यादा प्रचलित है, पर अब भारत में भी यह काफी प्रसिद्ध है।

4. हस्तरेखा शास्त्रः हाथ की रेखाओं द्वारा भविष्य का पता लगाया जाता है।

5. लाल किताबः इस पद्धति का उदय अरब देशों में हुआ। इसमें ग्रहों को कमजोर या बलवान बनाकर भविष्य के उतार-चढ़ाव को ठीक करने का दावा किया जाता है।

क्या ज्योतिष विज्ञान है?

यह भी एक विवादित विषय है, जो लोग ज्योतिष में विश्वास नहीं करते, वे इसे फर्जी और लोगों में डर और असुरक्षा पैदा कर धन ऐंठने की कला बताते हैं, लेकिन जो लोग ज्योतिष में विश्वास करते हैं, वे इसे पूर्ण विज्ञान मानते हैं, जो गणना पर आधारित होता है। अगर ऐसा नहीं होता तो यह कैसे पता चलता कि फलां वर्ष के फलां दिन को सूर्य या चंद्र ग्रहण होगा। गणना है तभी तो ज्ञात होता है, वरना अंदाजे अकसर सही नहीं होते। यह कहना ठीक नहीं है कि ज्योतिष फर्जी है, क्योंकि ज्योतिष की गणनाएं पूरी तरह वैज्ञानिक एवं सटीक हैं। अतः ज्योतिष विज्ञान ही तो हुआ।

योग्यता

ज्योतिष, पूजा-पाठ के कई तरह के कोर्स उपलब्धन है। 12 वीं करने के बाद भी आप इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। स्नारतक ऑनर्स या शास्त्रीय की डिग्री तीन साल की होती है। दो साल का पीजी कोर्स या आचार्य की डिग्री हासिल की जा सकती है। आप पीएचडी भी कर सकते हैं। ज्योकतिष अलंकार कोर्स के लिए 12वीं पास होना जरूरी है। इसके बाद आप ज्योहतिषाचार्य का कोर्स कर सकते हैं। ज्योतिष और अध्यात्म के साथ-साथ पूजा-पाठ में करियर का व्यापक प्रचार-प्रसार हो रहा है। जहां लोग अपना भविष्य जानना चाहते हैं, वहीं ग्रह-नक्षत्र को शांत करने के लिए भी धार्मिक अनुष्ठान कराते हैं।

अधिकतर संस्थानों और विश्वविद्यालयों में संस्कृत के साथ ही ज्योतिष विज्ञान, कर्मकांड, धर्मशास्त्र, व्याकरण, वेद, पुरोहित आदि की पढ़ाई होती है। वेद, व्याकरण, साहित्य, ज्योतिष, वैदिक दर्शन, जैन-बुध्द दर्शन, धर्मशास्त्र मीमांसा, धर्मागम आदि का अध्ययन संस्कृत विषय के तहत ही किया जाता है। हालांकि कई संस्थानों में ज्योतिष प्रज्ञ में सर्टिफिकेट कोर्स तो ज्योतिष भूषण में डिप्लोमा कोर्स भी आयोजित कर रहे हैं।

संभावनायें और आय

इस करियर में आय की कोई सीमा नहीं है। आपके ज्ञान पर निर्भर करता है कि आप कितना कमा सकते हैं। अगर ज्योतिषी बिना किसी आडंबर के सच्चाई से अपना काम करता है, तो वह महीने में लाखों रुपए कमा सकता है। ज्योतिष में करियर बनाने के इच्छुक लोगों को रत्न, पत्थर, ग्रह-नक्षत्र के साथ भारतीय लोगों के दृष्टिकोण को पहचानने की क्षमता होनी चाहिए। इस क्षेत्र में कभी भी मंदी नहीं आती क्योंकि अधिकतर भारतीय पारंपरिक हैं और ज्योतिष पर विश्वास करते हैं। कोई भी व्यक्ति अखबार, न्यूज चैनलों के अलावा पत्रिकाओं में भविष्यवक्ता भी बन सकता है।

सही ढंग से ज्योतिष का ज्ञान होने से इसे एक प्रोफेशन के तौर पर अपनाया जा सकता है. बहुत से मशहूर ज्योतिषी कई ऑनलाईन साईट चला रहे है जहां एक निश्चित फीस लेकर लोगो की जिज्ञासा का समाधान किया जा सकता है। अकेले काफी कम अवधी में उनके लिए ये काम कर पाना संभव नहीं है ऐसे में बतौर सहयोगी आप वहां अपनी सेवा दे सकते है.

बन सकते हैं प्रोफेशनल ज्योतिषी

ज्योतिष प्राचीन विद्या है, पर समय की गति के साथ इसने भी अपना आवरण बदल लिया है। ग्रहों की चाल देखकर भविष्य बताने वाले पंडितजी का चोला अब पूरी तरह बदल चुका है। करियर विकल्प बनने के बाद अब इस क्षेत्र में बुजुर्ग से दिखने वाले और पोथी-पत्री साथ लेकर चलने वाले पंडितजी की जगह मॉडर्न आउटफिट पहनने वाले युवा प्रोफेशनल्स ने ले ली है, जिनके हाथ में सदा आईपैड या लैपटॉप रहता है।

कुछ ऐसे प्रश्नों का जवाब जो आप जानना चाहते हैं-

ज्योतिष में रोजगार के क्या अवसर हैं?

भारत में वर्तमान में लगभग 40 से अधिक विश्वविद्यालय वह उतनी ही संख्यक महाविद्यालयों में ज्योतिष एक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। अतः ज्योतिष अध्ययन के पश्चात पहला अवसर अध्यापन वृत्ति में जाने का है। स्वरोगार के क्षेत्र में भी ज्योतिष अव्वल दर्जे में है।

इस व्यवसाय में शुरुआती आय कितनी होती है?

एक चिकित्सक जिस प्रकार से अपना व्यवसाय चलाता है ठीक उसी तरह भी ज्योतिषी का भी व्यवसाय चलता है। एक सामान्य से सामान्य परामर्शदाता ही महीना 20 हजार से अधिक ही इस व्यवसाय में प्राप्त करता है।

इस करियर में क्या-क्या चुनौतियां हैं?

आज के समय में विज्ञान जिस दर से विकास हो रहा है वह ज्योतिष अध्येयता के लिए चुनौती भी है तथा अवसर भी। यह वह विज्ञान के साथ-साथ महाविज्ञान का भी अनुसंधानात्मक प्रयोग अपने अध्ययन में कर लेता है तो नए अवसरों को प्राप्त कर सकता है। इस करियर को अपनाने वाले युवाओं में समसामयिक ज्ञान के अनुरूप चिंतन शक्ति को भी समसामयिक बनाने की क्षमता है।

कोर्स

बीएससी इन एस्ट्रोलॉजी,

एमएससी इन एस्ट्रोलॉजी,

सर्टिफिकेट कोर्स इन एस्ट्रोलॉजी,

डिप्लोमा कोर्स इन भारतीय ज्योतिष,

बीएम/एमए/पीएचडी इन एस्ट्रोलॉजी,

एमए इन संस्कृत रिसर्च इन एस्ट्रोलॉजी,

कोर्स इन वेदांग ज्योतिष,

टू ईयर ग्रेडेट कोर्स इन वैदिक एस्ट्रोलॉजी,

एम इन एस्ट्रोलॉजी (पत्राचार),

बीए (संस्कृत),

ज्योतिष एमए (आचार्य),

ज्योतिष बीए (संस्कृत),

ज्योतिष फलित,

ज्योतिष बीए (ज्योतिष),

एमए (फलित ज्योतिष),

एमए (सिध्दांत ज्योतिष),

बीए शास्त्री (सिध्दांत ज्योतिष),

बीए (फलित ज्योतिष),

ज्योतिष डिप्लोमा कोर्स,

ज्योतिष डिप्लोमा पुरोहित सर्टिफिकेट ट्रेनिंग कोर्स इन पुरोहित,

पीजी डिप्लोमा इन वास्तुशास्त्र रिफ्रेशर कोर्स इन ज्योतिष (ज्योतिष प्रज्ञ और ज्योतिष भूषण), ज्योतिष प्रवीण बेसिक एस्ट्रोलॉजी कोर्स (एक साल)।

शिक्षण संस्थान

कुछ मशहूर संस्थानों का नाम नीचे दिए गए है...

1. सेंटर फॉर डिस्टेंस एजुकेशन, पोट्टी श्रीरामुलू तेलगू यूनिवर्सिटी आंध्रप्रदेश (मास्टर्स कोर्स)

2. फैकल्टी ऑफ एजुकेशन, फाईन आर्टस, हयुमैनिटिस और सोशल साईंस, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय.

(ज्योतिष में डिप्लोमा)

3. डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर स्टडीज, यूनिवर्सिटी ऑफ केरला (तिरुवनंतपुरम)

4. डिपार्टमेंट ऑफ इंडियन फिलोसॉफी ऑफ ज्योतिष योगिक साईंस, पडिंत सुंदरलाल शर्मा ओपन युनिवर्सिटी बिलासपुर छत्तीसगढ़

5. इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोलॉजी, भारतीय विद्या भवन न्यू दिल्ली

6. फैकल्टी ऑफ आर्ट चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ,युनिवर्सिटी

7. रणवीर संस्कृत महाविद्यालय, जम्मू

8. लाल बहादुर शास्त्री विश्वविद्यालय, दिल्ली

9. जयपुर विश्वविद्यालय, जयपुर

10. संपूर्णानंद विश्वविद्यालय, वाराणसी

11. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी

12. हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, इलाहाबाद

13. देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज, हरिद्वार

14. भारती इंस्टीच्यूट ऑफ वैदिक एस्ट्रोलॉजी, हरियाणा

15. इंस्टीच्यूट ऑफ वैदिक स्टडीज इंदौर



Shivakant Shukla

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