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हैकिंग के क्षेत्र में ऐसे बनायें करियर, फेसबुक, टि्वटर और गूगल जैसी कंपनियों को होती हैं इनकी जरूरत

Shivakant Shukla
Published on: 5 Oct 2018 2:25 PM IST
हैकिंग के क्षेत्र में ऐसे बनायें करियर, फेसबुक, टि्वटर और गूगल जैसी कंपनियों को होती हैं इनकी जरूरत
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लखनऊ: पूरा विश्व डिजिटलाइजेशन की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। हर हाथ डिजिटल हो गया है। ऐसे में इन पर काबू पाने के लिए हैकरों की भी आवश्यकता होती है। हैकिंग के क्षेत्र में भी लोग अपने बेहतर करियर का निर्माण कर सकते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय हैकर एक साल में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से औसतन 2.7 गुना ज्यादा पैसा कमा रहे हैं।

हैकर वन रिपोर्ट के अनुसार टॉप हैकर्स या हंटर्स तो 16 गुना ज्यादा कमाई कर रहे हैं। हैकर वन पर रजिस्टर्ड 1.6 लाख हैकर्स में सबसे ज्यादा यानी 23 प्रतिशत भारतीय हैं। दिसंबर 2017 में दुनिया भर में साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी 72,000 खामियां दर्ज हुई जिन्हें ठीक करके एथिकल हैकर्स ने 23.5 मिलियन डॉलर कमाए। इसमें से 1.8 मिलियन डॉलर की साझेदारी भारतीय प्रोफेशनल्स के हिस्से में आई।

2022 तक साइबर सिक्योरिटी में 6 मिलियन प्रोफेशनल्स की जरूरत

नैसकॉम के मुताबिक 2022 तक साइबर सिक्योरिटी में 6 मिलियन प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी। निश्चित तौर पर पिछले कुछ समय में बढ़ते साइबर अपराधों के चलते सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के ऑनलाइन डेटा की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में प्रोफेशनल एथिकल हैकर्स की जरूरत महसूस हो रही है। इस सिलसिले में कई बड़ी कंपनियां बग बाउंटी प्रोग्राम्स भी संचालित करती हैं। ये प्रोग्राम्स असल में एक ऐसी डील होते हैं, जो एथिकल हैकर्स को कंपनी विशेष की वेबसाइट को नुकसान पहुंचाने वाले बग्स (खामियां) खोजने पर पुरस्कृत करते हैं।

बग हंटिंग अब एथिकल हैकिंग के जरिए कमाई का एक अच्छा जरिया बनकर उभरी है। उदाहरण के तौर पर फेसबुक प्रति बग के लिए कम से कम 500 डॉलर की राशि देता है, वहीं अधिकतम के रूप में आप 25,000 डॉलर या उससे ज्यादा भी कमा सकते हैं। यही वजह है कि यह काम अब एक कॅरिअर के रूप में युवाओं के बीच अपनी जगह बना रहा है।

क्‍या होता है सॉफ्टवेयर बग

बग (Bug) शब्‍द आपने अक्‍सर सुना होगा, अगर हिंदी मेंं बग (Bug) का अर्थ किया जाये तो "कीड़ा" होता है, लेकिन कंप्‍यूटर भी भाषा में बग (Bug) शब्‍द का एक अलग ही मतलब होता है आईये जानते हैं कि आखिर क्‍या होता है सॉफ्टवेयर बग

जब डेवलपर कोई कंप्यूटर प्रोग्राम बनाता है तो बनाते समय उसमें खामियॉ रह जाती हैं, जिसे आप त्रुटि, दोष, गलती, विफलता या खोट (फॉल्ट) कह सकते हो, लेकिन इसे तकनीकी भाषा में सॉफ्टवेयर बग (Software Bug) कहते हैं। बग किसी भी सॉफ्टवेयर को क्रेश कर सकता है। आपको जानकार आश्‍चर्य होगा कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक अपनी साइट से बग खोजने वाले शोधकर्ताओं पर 18 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है।

ज्‍यादातर बग कंप्‍यूटर प्रोग्राम बनाते समय की गयी गलत कोडिंग की वजह से बनते हैं और कुछ गलत कोड बनाने वाले कम्पाइलर सॉफ्टवेयर के कारण बनते हैं। जब कोई व्‍यक्ति सॉफ्टवेयर में बग का पता लगाकर उसे हटाता या प्रोग्राम को सही करता है तो यह प्रक्रिया डीबगिंग कहलाती है। आपको बता दें कि नया प्रोग्राम बनाने में उतना समय नहीं लगता है, जिनता कि उसे डीबगिंग (Debugging) करने में लगता है।

क्‍यों कहते हैं सॉफ्टवेयर/प्रोग्राम में पाये जानी वाली खामियों को बग

इसे सॉफ्टवेयर बग या कम्प्यूटर बग इसलिये कहते हैं कि क्‍योंकि दुनिया का सबसे पहला कम्प्यूटर बग असल में एक असली कीट था, दुनिया का पहला कम्प्यूटर बग 9 सितंबर 1947 को खोजा गया था, हार्वर्ड मार्क 2 कंप्यूटर के अंदर एक ग्रेप होपर पाया गया था, उस समय यह बग इलेक्ट्रो मैग्नेटिक व्हील में चला गया था, जिसकी वजह सेे कंप्‍यूटर ने काम करना बंंद कर दिया था और बग को निकालते ही कंप्यूटर बिलकुल ठीक हो गया। तभी से सॉफ्टवेयर बग या कम्प्यूटर बग नाम प्रचलित हो गया।

हैकिंग के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

स्टूडेंट्स को किसी कंपनी के एप या वेबसाइट पर गैर कानूनी फिशिंग से बचना चाहिए। कई बार छात्र कोडिंग के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद किसी वेबसाइट को गैरकानूनी ढंग से हैक करने का प्रयास करते हैं जिसके लिए उन्हें सजा हो सकती है। ऐसे में यह ख्याल रखना चाहिए कि जब तक आपको कोई कंपनी बग बाउंटी प्रोग्राम के लिए ऑफर न दे तब तक आपको फिशिंग या हैकिंग के प्रयास से बचना चाहिए। किसी वेबसाइट को गैरकानूनी ढंग से हैक करते हुए पकड़े जाने पर कानून की नजर में आप अपराधी होंगे।

पढ़ाई के दौरान इस क्षेत्र में कैसे कॅरिअर बना सकते हैं?

अगर आपके पास कोडिंग लैंग्वेज जैसे एचटीएमएल, पीएचपी, जावा स्क्रिप्ट की जानकारी है तो आप यहां कॅरिअर बना सकते हैं। हैकिंग के लिए कोडिंग की बेसिक समझ जरूरी है। इसके अलावा आप बग बाउंटी प्रोग्राम्स के जरिए ओला, उबर, फ्लिपकार्ट, फेसबुक, गूगल आदि की वेबसाइट को सिक्योर करने के लिए भी काम कर सकते हैं।

जॉब स्कोप क्या है?

अपने ग्राहकों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए हर कंपनी बड़ी संख्या में एथिकल हैकर्स नियुक्त करती है। अभी जरूरत के हिसाब से देश में एथिकल हैकर्स की संख्या बेहद कम है। दूसरी ओर डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के मुताबिक, 2025 तक देश के साइबर सिक्योरिटी मार्केट के 35 बिलियन डॉलर के करीब पहुंचने की संभावना है। ऐसे में बड़ी संख्या में एथिकल हैकर्स की जरूरत होगी।

पढ़ाई के लिए बेस्ट ड्रिग्री और कॉलेज

इसके लिए आप बीटेक (साइबर सिक्योरिटी एंड फोरेंसिक्स), एमएससी इन साइबर फोरेंसिक्स एंड इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी जैसी डिग्रियां ले सकते हैं। पढ़ाई के लिए आप इंडियन स्कूल ऑफ एथिकल हैकिंग, कोलकाता, इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी, आईआईटी दिल्ली जैसे संस्थानों को चुन सकते हैं।



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