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स्‍वेटर खरीदने में योगी सरकार फेल, प्रबंध समिति पर डाली जिम्‍मेदारी

योगी सरकार ने सूबे के 1.54 करोड़ नौनिहालों के स्‍वेटर खरीदने और उन्‍हें बांटने की जिम्‍मेदारी से अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। रेट को लेकर असमंजस में पड़ी योगी सरकार ने अपनी किरकिरी होते देख आनन फानन में प्रबंध समितियों को एक कमेटी बनाकर अपने अपने विदयालय के लिए तत्‍का

Anoop Ojha
Published on: 3 Jan 2018 2:28 PM GMT
स्‍वेटर खरीदने में योगी सरकार फेल, प्रबंध समिति पर डाली जिम्‍मेदारी
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स्‍वेटर खरीदने में योगी सरकार फेल, प्रबंध समिति पर डाली जिम्‍मेदारी

लखनऊ:योगी सरकार ने सूबे के 1.54 करोड़ नौनिहालों के स्‍वेटर खरीदने और उन्‍हें बांटने की जिम्‍मेदारी से अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। रेट को लेकर असमंजस में पड़ी योगी सरकार ने अपनी किरकिरी होते देख आनन फानन में प्रबंध समितियों को एक कमेटी बनाकर अपने अपने विदयालय के लिए तत्‍काल स्‍वेटर खरीदने के निर्देश बुधवार को जारी कर दिए हैं।

200 रुपये में खरीदने होंगे स्‍वेटर

अपर मुख्‍य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने वर्तमान में चल रही टेंडर प्रक्रिया को खत्‍म करते हुए नौनिहालों के लिए स्‍वेटर खरीदने का जिम्‍मा प्रबंध समितियों को दे दिया है। उन्‍हें एक चार सदस्‍यीय कमेटी बनाकर ये स्‍वेटर खरीदना होगा। इसमें बतौर सदस्‍य एक अभिभावक को भी कमेटी में शामिल करने का प्रावधान किया गया है। हर हाल में 6 जनवरी से स्‍वेटर वितरण की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। किसी भी कीमत पर 200 रूपये से अधिक की धनराशि एक स्‍वेटर पर व्‍यय नहीं की जानी है। ये फैसला बच्‍चों को जल्‍द से जल्‍द स्‍वेटर उपलबध करवाने के लिए किया गया है।

एक लाख रुपये से ऊपर की खरीद पर निकलेगा टेंडर

अपर मुख्‍य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह ने बताया कि बीस हजार रुपये से लेकर एक लाख तक की धनराशि को कोटेशन के माध्‍यम से लेकर उसमें से फर्म को फाइनल करके स्‍वेटर वितरण किया जाएगा। अगर स्‍वेटरों की लागत एक लाख से ऊपर की धनराशि की है तो उसके लिए प्रबंध समिति को एक चार सदस्‍यीय समिति बनाकर निविदा आमंत्रित करनी होगी। स्‍वेटर की सर्वोत्‍तम क्‍वालिटी को वितरित करने पर जोर होगा।

जिले पर 6 सदस्‍यीय निगरानी समिति रखेगी नजर

स्‍वेटर वितरण में धांधली को रोकने के लिए हर जिले पर एक 6 सदस्‍यीय निगरानी समिति बनाई जाएगी। इसमें डीएम, सीडीओ, डीएम द्वारा नामित एसडीएम, महाप्रबंधक या प्रबंधक उदयोग विभाग, मुख्‍य या वरिष्‍ठ कोषाधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शामिल होंगे। ये कमेटी अपने जिले के सभी विदयालयों द्वारा किए जा रहे स्‍वेटर वितरण की गुणवत्‍ता और पारदर्शिता पर नजर रखेगी। किसी भी तरह की शिकायत पाए जाने पर प्रबंध समिति पर कार्यवाही की जाएगी।

रेट पर फंस गया था पेंच

बेसिक शिक्षा निदेशालय के सूत्रों की मानें तो नौनिहालों के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे। इसमें टेक्निकल और फाइनेंशियल बिडों को खोल भी लिया गया था। टेंडर प्रक्रिया में पांच फर्मों ने भाग लिया था। जिसमें से दो फर्म टेक्निकल बिड पार करके फाइनेंशियल बिड तक पहुंची थी। जब इन दोनों के लिफाफे खोले गए तो विभाग द्वारा अनुमानित 200 के करीब दर से कहीं अधिक 362 रुपये के आस पास फर्मों ने रेट कोट कर रखे थे।जब इस पर बात नहीं बनी तो विभाग ने किरकिरी से बचने के लिए अपनी जिम्‍मेदारी प्रबंध समितियों पर डाल दी।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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