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Namita Sharma UPSC : आज की युवा पीढ़ी के लिए नमिता बनी मिसाल, सालों की मेहनत के बाद सच कर दिखाया सपना
Namita Sharma UPSC : अपने सपने को सच करने के लिए नमिता (Namita Sharma IAS) ने कड़ी मेहनत करके आखिर मुकाम पा ही लिया। जिसके लिए नमिता ने सात साल तक संघर्ष किया।
Namita Sharma UPSC Strategy : लाखों की भीड़ में से चुनकर बाहर निकलना अपने आप में ही एक अलग गौरव की बात है। सबसे कठिन परीक्षाओं में से संघ लोक सेवा आयोग(Civil Services) की परीक्षा है। इस परीक्षा के लिए हर साल लाखों लोग आवेदन करते हैं। लेकिन उसमें से कुछ ही अपनी सीट निर्धारित कर पाते हैं। अपनी मेहनत और अपने दम पर। ऐसी ही एक आईएएस अफसर हैं नमिता शर्मा। जिन्होंने तब तक संघर्ष किया, जब तक उन्हें सफलता नहीं मिल गई।
अपने सपने को सच करने के लिए नमिता (Namita Sharma IAS) ने कड़ी मेहनत करके आखिर मुकाम पा ही लिया। जिसके लिए नमिता(Namita Sharma UPSC) ने सात साल तक संघर्ष किया। इस सपने का साकार करने के लिए नमिता ने अपनी सारे शौक को किनारे करके आईएएस का खिताब पा लिया। नमिता ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली में की।
छोड़ दी नौकरी
इसके बाद 12वीं पास करने के बाद नमिता ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। फिर बीटेक करने के बाद आईबीएम में नौकरी लग गई। जहां कुछ साल तक उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर का किया। काम तो वह कर रही थी, लेकिन अपने आप से वह खुश नहीं थीं। खुशी को हासिल करने के लिए उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी करने का फैसला किया। तैयारी में पूरी तरह से लग जाने के लिए उन्होंने नौकरी को भी छोड़ दिया।
आईएएस अफसर नमिता शर्मा (Namita Sharma) ने लगातार सात साल तक मेहनत की, फिर सपने को सच कर दिखाया। इतने दिन लगने के बाद भी नमिता (Namita Sharma IAS Blog) अपने दृढ़-निश्चय पर अढिग रही। जिंदगी में अन्य कई मौके भी आए, लेकिन नमिता न तो उनके आगे झुकी और न ही यूपीएसी को छोड़ने का विचार भी नमिता के मन में आया।
पहली बार में जब यूपीएससी की परीक्षा का प्रीलिम्स नहीं क्लियर हो पाया तो उन्होंने फिर ये पेपर देने की सोची। और दुगनी तैयारी के साथ नमिता मैदान में उतारीं। लेकिन हर बार अपनी गलतियों से सीखते हुए नमिता (Namita Sharma UPSC) ने पांचवी परीक्षा पास कर ली। फिर वे जब इंटरव्यू में पहुंची, पर वहां पर फाइनल सूची में उनका नाम नहीं आया।
एक बार उनकी हिम्मत तो ढगमगाई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अब तो नमिता पूरी तरह से तैयार भी थी। अब इंतजार तो था लिस्ट में नाम लिखे होने का। छठवीं बार परीक्षा देने का निर्णय किया। वे इसमें सफल हो गई। इस बार उन्होंने ऑल इंडिया में 145वीं रैंक हासिल की और आईएएस अफसर बनकर अपनी मेहनत का परिणास हासिल किया।
आजकल की युवा पीढ़ी जो बहुत जल्दी ही हार मना जाती है, कुछ भी हासिल करने के लिए तुरंत का इंतजार करती है। लेकिन नमिता ने अपनी दृढ़-निष्ठा से अपने सपने को सच कर दिखाया। नमिता (Namita Sharma UPSC) आज पूरी युवा पीढ़ी के लिए एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं कि हमे हार नहीं माननी चाहिए, हालातों से लड़ना सीखना चाहिए।