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कम पढ़ाई के बावजूद हासिल किए 96.33% मार्क्स, जानें क्या है नंदनी की सफलता का राज
एसजीपीटीए पीयू कॉलेज, त्यागराजनगर की छात्रा नंदिनी ने साइंस स्ट्रीम में 96.33 फीसदी अंक हासिल कर टॉप किया है। लेकिन साइंस स्ट्रीम में टॉप करने वाली मंगलुरु की सरुजना एन से थोड़ा ही कम अंक प्राप्त किया है। यह जानकर मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
बेंगलुरु : एसजीपीटीए पीयू कॉलेज, त्यागराजनगर की छात्रा नंदिनी ने साइंस स्ट्रीम में 96.33 फीसदी अंक हासिल कर टॉप किया है। यह जानकर मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। भले ही साइंस स्ट्रीम में टॉप करने वाली मंगलुरु की सरुजना एन से थोड़ा ही कम अंक प्राप्त किया हो।
नंदिनी ने बताया कि 'मैं घर पर ज्यादा नहीं पढ़ती थी। रोजाना मुश्किल से दो घंटे घर पर पढ़ती थी। मैं कॉलेज में पढ़ाई पर ज्यादा समय देती थी।'
क्या कहा नंदनी ने?
नंदिनी ने बताया कि, 'मेरी मां मुझे अपने ऑफिस ले जाया करती थी और मुझे दिखाती थी कि वह वहां झाड़ू देती, टेबल को साफ करती हैं, ऑफिस को साफ-सुथरा रखती हैं और अन्य काम करती हैं।' नंदिनी ने कहा कि वह अपनी मां का हाथ बंटाती थी लेकिन उसकी मां चाहती थी कि वह पढ़ाई पर फोकस रहें।
क्या कहना है मां का?
नंदिनी की मां ने कहा कि 'मैं चाहती हूं कि वह समाज की सेवा करे। वह जो कुछ भी करती है, उसमें अव्वल रहती है। उसने काफी संघर्ष किया है और आगे भी करें। इसके साथ ही एक नया मुकाम हासिल कर तरक्की करें।
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क्या कहना है पिता का?
बेटी के रिजल्ट की जानकारी मिलने पर नंदिनी के पिता शिव कुमार एक बार टेंडर हैं और वह चाहते हैं कि उनकी बेटी डॉक्टर बने। लेकिन वह आखिरी फैसला नंदिनी पर ही छोड़ देते हैं।
शिव कुमार ने बताया, 'मैं चाहता हूं कि मेरी बेटी खूब पढें और अपना करियर खुद चुने। हमें विश्वास है कि एक दिन वह सफल महिला बनेगी। अगर वह नीट क्लियर कर लेती है तो मैं मेडिकल सीट हासिल करने में उसकी मदद करूंगा। हमें भरोसा है कि वह एक दिन अच्छी और सफल डॉक्टर बनेगी।'
क्या कहना है कॉलेज की प्रिंसिपल का?
एसजीपीटीए पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल प्रताप नायडु का कहना है कि नंदिनी हमेशा मेधावी छात्रा रही है। 12वीं से पहले उसको एसएसएलसी में टॉप आने के लिए मुख्यमंत्री पुरस्कार मिला था। उसने गवर्नमेंट हाई स्कूल, उत्तराहाली में पढ़ाई की है।
पढ़ाई के लिए छोड़ देती थी लंच
प्रिंसिपल बताती है, 'नंदिनी अनुशासित, आज्ञाकारी और मेहनती है। वह शुरू से पढ़ाई पर फोकस करती थी और उसने खुद को स्मार्ट स्टूडेंट साबित किया है। उन्होंने बताया कि 'हमने देखा है कि नंदिनी सिर्फ नाश्ता करके स्कूल आती थी और पढ़ाई के लिए लंच तक छोड़ देती थी।'