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NATIONAL MATHEMATICS DAY: मैथ के टॉप 5 टीचर्स जिनसे पढ़कर कोई भी बन सकता है अव्वल स्टूडेंट
महान गणितज्ञ रामानुजन को गणित के क्षेत्र में अपने अतुलनीय योगदान के लिए याद किया जाता है। आज आपको देश के वर्तमान टॉप 5 टीचर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे पढ़कर कोई भी बन सकता है।
NATIONAL MATHEMATICS DAY: 22 दिसंबर को पूरे देश में राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है। महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की याद में मनाए जाने वाले इस दिवस की घोषणा 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने की थी। साल 2012 को उनके 125वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में गणित वर्ष के रूप में मनाया गया था जिसके बाद हर साल इस दिन स्कूल-कॉलेजों में विशेष आयोजन होते हैं।
महान गणितज्ञ रामानुजन को गणित के क्षेत्र में अपने अतुलनीय योगदान के लिए याद किया जाता है। आज आपको देश के वर्तमान टॉप 5 टीचर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे पढ़कर कोई भी बन सकता है अव्वल स्टूडेंट,गणित के उलझे सवालों में शायद ही कोई शख्स है जो परेशान ना हुआ हो, लेकिन कुछ महागुरु हैं, जिन्होंने गणित के सवालों को खेल-खेल में हल करना सिखाया है। राष्ट्रीय गणित दिवस पर बात मैथ के ऐसे ही 5 गुरुओं के बारे में जिनके पढ़ाने का तरीका है बहुत सरल
(1) केसी सिन्हा : कभी मैथ में हुए थे फेल, आज इनकी किताब से पढ़ाते हैं शिक्षक
ये बात जानकर आपको आश्चर्य होगा कि कैलकुलस , अलजेब्रा, त्रिकोणमिति जैसी किताबें लिखने वाले केसी सिन्हा गणित में फेल कर गए थे। यह बात तब की है, जब वह बचपन में अपने आगे की पढ़ाई करने के लिए जिला स्कूल आरा में प्रवेश परीक्षा देने गए थे।
पहली बार में असफल होने के बाद वे दूसरी बार मेहनत कर प्रवेश परीक्षा पास कर गए। वे कहते हैं, फेल होने वाली बात मेरे जीवन के लिए सबसे बड़ी टर्निंग प्वाइंट साबित हुई। गणित में फेल होने की बात दिल पर लग गई। आज 60 से अधिक किताबें लिख चुके केसी सिन्हा बताते हैं कि शुरुआत में क्लास में मेरी रैंक अच्छी नहीं आती थी लेकिन फिर अथक मेहनत से मैंने अपनी रैंकिंग सुधारी।
महज 28 वर्ष की उम्र में कैलकुलस से प्रसिद्धि पाने वाले केसी सिन्हा ने उन कठिनतम सवालों को अपने किताब का आधार बनाया जिसमें वह फंसते थे।
वे बताते हैं कि बच्चों के मनोविज्ञान को समझते हुए पढ़ाता हूं। मेरी किताबों की भी यही खासियत है इसमें स्टूडेंट की क्वेरी के हिसाब से चैप्टर बने हैं। इसने उन्हें इतनी बड़ी कामयाबी दिलाई की आज भी मैथ्स में सफलता पाने के लिए हर छात्र को यही सीख दी जाती है कि केसी सिन्हा की किताब पढ़ो।
अभी वह नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति है । उनके द्वारा पढ़ाये गए कई छात्र दुनिया भर में प्रतिष्ठित पदों पर कार्यरत हैं,ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि अगर IIT JEE का कोई भी उम्मीदवार श्री K.C सिन्हा से क्लासेज लेता है तो वह आसानी से गणित सेक्शन में अच्छे मार्क्स ला सकता है।
(2) आनंद कुमार:
आनंद कुमार ने IIT JEE की तैयारी करने वाले गरीब बच्चों के लिए Super 30 की स्थापना की थी, इस संस्था का उद्देश बिहार के 30 ऐसे होनहार विद्यार्थियों को IIT JEE की निःशुल्क तैयारी करवाना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और महंगे कोचिंग संस्थान को जॉइन नहीं कर सकते ,आनंद कुमार को गणित का बहुत ही अच्छा टीचर माना जाता है अपनी अनोखी ट्रिक्स की सहायता से आनंद कुमार विद्यार्थियों को गणित के मुश्किल से मुश्किल टॉपिक को भी आसानी से समझा देते हैं, IIT JEE की तैयारी करने वाला हर उम्मीदवार चाहता है कि उसे आनंद कुमार से पढ़ने का मौका मिले।
3. आर.डी. शर्मा (RD Sharma):---
डॉ. आर.डी. शर्मा भारत में सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञों में से एक हैं, उनसे पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अनुसार डॉ. आर.डी. शर्मा किसी भी प्रमेय(Theorem) को इस प्रकार सिद्ध कर देते हैं जिससे एक नौसिखिया भी आसानी से समझ लेता है, वे किसी भी कांसेप्ट को छोटे-छोटे उदाहरणों के साथ समझाने की कला को अच्छे से जानते हैं, उनकी शिक्षण शैली से पता चलता है कि गणित में उनके कांसेप्ट कितने स्पष्ट हैं,किसी भी कांसेप्ट को समझाने के बाद वे बच्चों को बहुत सारा होमवर्क भी देते हैं जिससे अगर किसी बच्चे को उनके समझाए हुए कॉन्सेप्ट्स में कोई भी परेशानी हो तो वह अगली कक्षा में पूछ सके,IIT JEE के छात्र ही नहीं बल्कि कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थी भी गणित विषय के लिए RD Sharma नाम की पुस्तक को रेफर करते हैं जिसके लेखक स्वयं डॉ. आर. डी. शर्मा हैं।
(4) मैथमेटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव (mathematics guru rk srivastava) :
सिर्फ ₹1 गुरु दक्षिणा लेकर पढ़ाते हैं गणित, अभी तक सैकड़ों से अधिक गरीब स्टूडेंट्स को बना चुके हैं इंजीनियर,
चुटकले सुनाकर पढ़ाते हैं गणित,
गणित के मशहूर शिक्षक रजनीकांत श्रीवास्तव उर्फ आरके श्रीवास्तव भी सरल तरीके से गणित पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। कबाड़ की जुगाड़ से प्रैक्टिकल बनाकर स्टूडेंट्स को गणित पढ़ाने का तरीका इनका लाजवाब है, इनके पढ़ाई की खासियत है कि वह बहुत ही स्पष्ट और सरल तरीके से समझाते हैं। सामाजिक सरोकार से गणित को जोड़कर, चुटकुले बनाकर सवाल हल करना आरके श्रीवास्तव की पहचान है।
वह गणित को हौवा या डर होने की बात को नकारते हैं। वे कहते हैं कि यह विषय सबसे रुचिकर है। इसमें रुचि जगाने की आवश्यकता है।
अगर किसी फॉर्मूला से आप सवाल को हल कर रहे हैं तो उसके पीछे छुपे तथ्यों को जानिए। क्यों यह फॉर्मूला बना और किस तरह आप अपने तरीके से इसे हल कर सकते हैं। वे बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही गणित में बहुत अधिक रुचि थी जो नौंवी और दसवी तक आते-आते परवान चढ़ी।
आपको बताते चलें कि मैथमेटिक्स गुरु के नाम से मशहूर बिहार के आरके श्रीवास्तव सिर्फ ₹1 गुरु दक्षिणा लेकर सैकड़ों से अधिक आर्थिक रुप से गरीब स्टूडेंट्स को इंजीनियर बनाकर खूब प्रसिद्धि पा चुके हैं । उनके द्वारा किए जा रहे राष्ट्र निर्माण में बेहतर कार्य युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। इसके अलावा उनके द्वारा चलाए जा रहे नाइट क्लासेज अभियान चर्चा का विषय बना हुआ है ।
पूरी रात लगातार 12 घंटे स्टूडेंट्स को पूरे कंसंट्रेशन के साथ गणित पढ़ाने का कला अद्भुत है , सबसे बड़ी बात है कि कोरोना काल में भी जब सारे शैक्षणिक संस्थाएं बंद थे तो आरके श्रीवास्तव ने पूरी रात लगातार 12 घंटे कई बार ऑनलाइन शिक्षा स्टूडेंट्स को दिया ।
जिसके फलस्वरूप कई गरीब स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में सफलता पाकर आईआईटी और एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में दाखिला लेने में सफल हुए।
आरके श्रीवास्तव अपने छात्रों में एक सवाल को अलग-अलग मेथड से हल करना भी सिखाते हैं। वे सवाल से नया सवाल पैदा करने की क्षमता का भी विकास करते हैं। रामानुजन और डॉ वशिष्ठ नारायण को आदर्श मानने वाले आरके श्रीवास्तव कहते हैं कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के युग में गणित की महत्ता सबसे अधिक है इसलिए इस विषय को रुचिकर बनाकर पढ़ाने की आवश्यकता है।
(5) सगीर अहमद : खेल-खेल में पढ़ाते हैंं गणित
अगर आपको कहा जाए कि गणित एक खेल है तो आपको शायद अटपटा लगे लेकिन सगीर अहमद ऐसे ही शिक्षक हैं जो खेल-खेल में गणित पढ़ाते हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले सगीर अहमद की किताबें महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
रेलवे, एसएससी सहित सभी तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए वह गणित पढ़ाते हैं। उनकी पढ़ाई की खासियत है कॉन्सेप्ट स्टडी। इसमें वह बेसिक कॉन्सेप्ट सुलझाते हुए सवाल बताते हैं। वे कहते हैं कि गणित न ही बोरियत भरा विषय है और ना ही कठिन।