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Allahabad University Campus: AU में कबीर पर आयोजित हुआ नेशनल सेमिनार

Allahabad University Campus: प्रो.राजेन्द्र कुमार ने कहा कि कबीर को आज किसी कालखण्ड या विषय विशेष में बांधकर नहीं समझा जा सकता है, बल्कि उनके अध्ययन के लिए हमारा दृष्टिकोण व्यापक होना चाहिए।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 29 Aug 2022 12:49 PM GMT
National Seminar Organised in Allahabad University
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National Seminar Organised in Allahabad University(Social Media)

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Allahabad University Campus: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के तिलक भवन में मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग और संत कबीर अकादमी के संयुक्त प्रयास से एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन "संत कबीर- इतिहास, लोक-स्मृति और विरासत" विषय पर किया। कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केशरवानी और सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि अपर पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रेम प्रकाश थे। इस कार्यक्रम के आयोजक मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.आलोक प्रसाद थे।

संगोष्ठी में विषय प्रवेश प्रो.ललित जोशी, बीज वक्तव्य प्रो.राजेन्द्र और अध्यक्षता प्रो.पंकज कुमार ने किया।

कबीर हर वर्ग के लिए हैं प्रासंगिक- प्रो.राजेन्द्र कुमार

संगोष्ठी के आयोजक प्रो.आलोक ने संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि कबीर पर इस तरह की संगोष्ठी का आयोजन अत्यंत ही प्रशंसनीय है। और आज कबीर की वर्तमान परिदृश्य में बढ रही प्रासंगिकता को भी इंगित करता है।


मुख्यवक्ता के तौर पर प्रो.राजेन्द्र कुमार ने कहा कि कबीर को आज किसी कालखण्ड या विषय विशेष में बांधकर नहीं समझा जा सकता है,बल्कि उनके अध्ययन के लिए हमारा दृष्टिकोण व्यापक होना चाहिए। क्योंकि कबीर सर्वकालिक और सार्वभौमिक रूप से हर वर्ग और समुदाय के लोगों के लिए प्रासंगिक हैं।

प्रोफेसर ललित जोशी ने कबीर के आलोचनात्मक दृष्टिकोण से प्रेरित होकर वर्तमान शोध कार्यों में आलोचनात्मक दृष्टिकोण को शामिल करने का सुझाव दिया। और कबीर की मौखिक परम्परा पर शोध करने की तरफ ध्यान आकृष्ट किया।

प्रोफेसर बहुगुणा ने कहा कि कबीर को समझने के लिए राजनीतिक और धार्मिक परिदृश्यों को समझे जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही 16वी शताब्दी से लेकर अब तक कि कबीर की यात्रा का ऐतिहासिक वर्णन सबके समक्ष रखा।

कार्यक्रम में कुल गीत की प्रस्तुति डॉ.विशाल जैन और उनके सहयोगियों ने किया। सांस्कृतिक संध्या में भजन की प्रस्तुति डॉ.ज्योति मिश्रा ने अपने सहयोगियों के साथ और काव्य प्रस्तुति डा.सुजीत सिंह ने किया। गीत प्रस्तुति सूर्य प्रकाश दूबे ने किया।

कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति डॉ.अमृता, डॉ.कुमार बीरेन्द्र, प्रो.हेरम्ब चतुर्वेदी, प्रो.रामेश्वर बहुगुणा, प्रो.पी.एल.विश्वकर्मा, प्रो.वृन्दा परान्जपे, प्रो.आशीष सक्सेना, प्रो.भारतीदास, प्रो.घनश्याम, प्रो.अनुराधा आग्रवाल, प्रो.मनमोहन कृष्णा, प्रो.एच.एस. उपाध्याय और देश, प्रदेश के विभिन्न शैक्षिणक संस्थानों से शिक्षक साथ ही 500 से अधिक छात्र-छात्राएं कार्यक्रम उपस्थिति रहें।

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