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RMLA University Ayodhya: नौ दिवसीय इन्डक्शन प्रोग्राम का हुआ समापन
RMLA University Ayodhya: उन्होंने बताया कि लोगो के जीवन स्तर में सुधार के साथ रोजगार के नए अवसरो के लिए उद्यमिता विकास होना आवश्यक है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास सुनिश्चित हो सकता है।
RMLA University Ayodhya: डॉ.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा फाईन आर्ट्स विभाग के संयुक्त संयोजन में चल रहे नौ दिवसीय प्रेरक (इन्डक्शन) कार्यक्रम तथा आठ दिवसीय राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी कार्यक्रम का समापन किया गया। इसमें नव-प्रवेशित एवं प्रतिभागी छात्र-छात्राओं के साथ विभागीय शिक्षको को सम्मान एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.एन.एम.पी. वर्मा ने भारतीय अर्थव्यवस्था से सम्बन्धित वर्तमान समय में नवाचार के माध्यम से कैसे आत्मनिर्भर भारत को प्राप्त किया जा सकता है, सारगर्भित व्याख्यान दिया।
उन्होंने बताया कि लोगो के जीवन स्तर में सुधार के साथ रोजगार के नए अवसरो के लिए उद्यमिता विकास होना आवश्यक है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास सुनिश्चित हो सकता है। प्रो.वर्मा ने कहा कि स्वालम्बन एवं आत्मनिर्भर भारत का मॉडल आज की आवश्यकता है जिससे हम अपना चहुँमुखी विकास सुनिश्चित कर सकते है।
कार्यक्रम में अविवि सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो.अजय प्रताप सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि इन्डक्शन प्रोग्राम एवं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी से निश्चित रूप से छात्र-छात्राओं की सोच को बढ़ावा मिलेगा। दिव्य दीपोत्सव के 'लोगो' डिजाइन की सराहना करते हुए कहा कि यहां के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं के द्वारा प्रयास सराहनीय है। निश्चित ही आने वाले समय में इनका भविष्य उज्जवल है।
कार्यक्रम मे विशिष्ट अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 मनोज कुमार अग्रवाल ने भारतीय अर्थव्यवस्था में समसामयिक मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था तीब्र गति से बढ़ रही है, कोरोना काल में महामारी के दौर के उपरान्त भारत ने अन्वेषण एवं निर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाया है।
प्रो.अग्रवाल ने सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था के स्वरूपों को धनात्मक एवं स्थायी विकास के लिए आधार बताया। इसी क्रम में के.के.सी.पी.जी. कालेज लखनऊ के डॉ गिरजेश त्रिपाठी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि कलात्मक सृजन हेतु महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं पौराणिक स्थलो के भ्रमण से कला-कृतियों को और भी अच्छे तरीके से निर्मित कर सकते है।
इन्डक्शन प्रोग्राम एवं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी की संयोजिका डॉ.सरिता द्विवेदी ने बताया कि मूर्तिकला, व्यवहारिक कला एवं चित्रकला के अध्ययनरत प्रतिभागी तीन-तीन छात्र-छात्राओं को उनके सर्वोत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। छठे दिव्य दीपोत्सव के लिए छात्र-छात्राओं द्वारा मनमोहक लोगो का निर्माण आकर्षण का केन्द्र होगा।
अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष तथा समन्वयक प्रो0 विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इन्डक्शन प्रोग्राम व राष्ट्रीयकला प्रदर्शनी ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया है। उन्होंने बताया कि डॉ सरिता द्विवेदी को कला के क्षेत्र में उनके द्वारा लिखित पुस्तक कलाधाम अयोध्या, रूपकला, अयोध्या की पौराणिक चित्रकला तथा कलाकाम के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों में विरेन्द्र, उमा, वैष्नवी, आनन्द, मानसी, दिव्या, विमल, ममता, वैशाली, उन्नती मिश्रा, प्रीती, अंजली, शालनी रूपाली, सोनू, वैष्णवी, सोनाली, जिहरा, कु. शालनी, वैश्नवी, व विभागीय शिक्षक प्रो. आशुतोष सिन्हा, प्रो. मृदुला मिश्रा, डॉ. प्रिया कुमारी, रीमा सिंह, सरिता सिंह, आशीष प्रजापति तथा कविता पाठक को सम्मानित किया गया।